भारतीय सेना ने 54वें विजय दिवस समारोह के अवसर पर एक तुर्की में बनी YIHA कमिकेज़ ड्रोन का प्रदर्शन किया. यह ड्रोन पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय शहरों पर किए गए हमलों में इस्तेमाल किया गया था, जिसे भारतीय सेनाओं ने मार गिराया था.
विजय दिवस हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है ताकि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जा सके. यह युद्ध बांग्लादेश के जन्म का कारण भी बना था.
सोमवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में एक वीडियो में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी के निवास पर पुनर्निर्मित YIHA ड्रोन को प्रदर्शित किया गया. पाकिस्तान ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैन्य और नागरिक लक्ष्यों पर घातक हमलों के लिए कई YIHA एकबारगी उपयोग वाले हमले करने वाले ड्रोन तैनात किए थे.
इस ड्रोन ने लगभग 2,000 मीटर की ऊंचाई पर हमला किया था. यह ड्रोन लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लॉन्च किया गया था और जलंधर की ओर बढ़ रहा था. लगभग 10 किलोग्राम विस्फोटक से लैस यह ड्रोन रिमोटली संचालित होता था और टकराव पर विस्फोट कर देता था.
भारतीय सेना की एयर डिफेंस ने अमृतसर के पास इस ड्रोन को सफलतापूर्वक रोककर इसे क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे यह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया. ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की मध्यरात्रि को शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया था. यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
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इसके बाद दोनो पक्षों के बीच एक्सचेंज के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए आग्रह किया और भारतीय सैन्य संचालन निदेशक के संपर्क में आया. 10 मई को चार दिन के इस संघर्ष को समाप्त करने का समझौता हुआ. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सीजफायर कर युद्धविराम कराने का दावा किया, भारत ने इससे साफ इनकार किया.
वहीं, विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनरल द्विवेदी द्वारा आर्मी हाउस में आयोजित 'एट होम' स्वागत समारोह में भाग लिया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.
शिवानी शर्मा