PAK सोच भी नहीं पाएगा भारत पर हवाई हमले का... जल्द सेना को मिलेंगे QRSAM मिसाइल के तीन रेजिमेंट

30000 करोड़ रुपये के QRSAM प्रोजेक्ट से भारतीय वायु रक्षा को नई ताकत मिलेगी. यह पाकिस्तान और अन्य खतरे से निपटने में मददगार होगा. जून 2025 में DAC की बैठक में इस पर फैसला होगा. यह डिफेंस सिस्टम आने के बाद सेना की ताकत और देश की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी.

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DRDO की तरफ से QRSAM मिसाइल के परीक्षण की तस्वीर. (फाइल फोटोः DRDO) DRDO की तरफ से QRSAM मिसाइल के परीक्षण की तस्वीर. (फाइल फोटोः DRDO)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

रक्षा मंत्रालय 30,000 करोड़ रुपये के QRSAM (क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल) प्रोजेक्ट पर चर्चा करने वाला है. यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान सीमा पर भारतीय वायु रक्षा को मजबूत करेगा. इसके तीन रेजिमेंट शामिल करने की बात हो रही है. आइए समझते हैं कि यह प्रोजेक्ट क्यों महत्वपूर्ण है?  

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प्रोजेक्ट की जानकारी

  • बजट: 30,000 करोड़ रुपये
  • मिसाइल: क्यूआरएसएएम, जो 30 किलोमीटर की रेंज के साथ शॉर्ट टू मीडियम रेंज के लिए है.
  • तैनाती: तीन रेजिमेंट्स, पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर.
  • मिलिट्री ऑपरेशन: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सेना और वायु सेना की वायु रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी विमानों, मिसाइलों और ड्रोन के हमलों को सफलतापूर्वक रोका था.
  • चर्चा की तारीख: जून 2025 के चौथे हफ्ते में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) की बैठक में यह प्रस्ताव लिया जाएगा.

QRSAM की विशेषताएं

QRSAM  एक स्वदेशी मिसाइल सिस्टम है, जिसे दिन और रात दोनों स्थितियों में टेस्ट किया गया है. इसकी रेंज 30 किलोमीटर है. यह मौजूदा सिस्टम्स जैसे MRSAM और आकाश को कॉम्प्लिमेंट करेगा. यह मिसाइल दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को निशाना बनाने में सक्षम है.

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पाकिस्तान के खिलाफ सफलता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने पाकिस्तान के ड्रोन को L-70 और Zu-23 एयर डिफेंस गनों से नष्ट किया, जबकि आकाश और MRSAM ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साथ ही, भारतीय वायु सेना के स्पाइडर और S-400 सिस्टम्स ने भी मदद की. पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारतीय सिस्टम्स ने उन्हें रोक लिया.

नई टेक्नोलॉजी

आर्मी एयर डिफेंस को नए रडार, वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम्स, जैमर्स और लेजर-बेस्ड सिस्टम्स मिल रहे हैं, जो पाकिस्तान को मिले तुर्की और चीनी मूल के ड्रोन से निपटने में मदद करेंगे. यह प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूत करेगा. स्वदेशी मिसाइल सिस्टम्स से हमारी निर्भरता विदेशी हथियारों पर कम होगी.  हमारी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ेगी.

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QRSAM की ताकत

QRSAM ऐसी मिसाइल है जो दुश्मन की तरफ करीब 6000 km/hr की गति से बढ़ती है. टारगेट लॉक करो और दाग दो. उसके बाद भूल जाओ. ये अपना काम पूरा करके ही शांत होता है. आप इस मिसाइल को दागने के बाद भूल जाइए. यह अपने टारगेट का पीछा करके मारता है.  

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QRSAM के ऊपर HMX/TNT या प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जा सकता है. वॉरहेड का वजन 32 kg होता है. मिसाइल की रेंज 3 से 30 km है. यह 98 फीट ऊंचाई से लेकर 33 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी अधिकतम गति 6000 km/hr है. इसे छह ट्यूब वाले लॉन्चर ट्रक से दागा जा सकता है. 

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