मुंबई में भारतीय नौसेना को उसका नया हथियार मिल गया – INS माहे. यह माहे क्लास का पहला जहाज है जो खास तौर पर दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढकर मारने के लिए बनाया गया है. छोटा है लेकिन इतना तेज और चालाक कि तटीय इलाकों में कोई पनडुब्बी छिप नहीं सकती.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी खुद मुख्य अतिथि थे. उन्होंने जहाज को नौसेना में शामिल किया और कहा कि यह सिर्फ एक जहाज नहीं, आत्मनिर्भर भारत की नई ताकत है. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इसे पूरी तरह भारत में बनाया है. कुल 8 ऐसे जहाज बन रहे हैं, माहे पहला है.
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इस जहाज में सबसे नई भारतीय तकनीक लगी है – सोनार, रडार, मिसाइल और मशीन गन. यह इतना शांत चलता है कि दुश्मन को पता ही नहीं चलता.
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जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आज नौसेना के 75% से ज्यादा जहाज और हथियार भारत में ही बन रहे हैं. माहे इसका जीता-जागता सबूत है. यह जहाज हमारी ताकत को तटीय इलाकों तक ले जाएगा. थल सेना, वायु सेना और नौसेना मिलकर ही देश सुरक्षित रख सकती हैं.
अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे अच्छा उदाहरण था – तीनों सेनाओं ने एक साथ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया. आज का युद्ध सिर्फ जमीन या समुद्र का नहीं, मल्टी-डोमेन है. हमें हर जगह एक साथ लड़ना आता है.
उन्होंने जहाज के कमांडिंग ऑफिसर और क्रू से कहा कि अब इस जहाज की इज्जत तुम्हारे हाथ में है. जहाज जितना मजबूत नहीं, उसका चालक दल जितना बहादुर होता है, जहाज उतना ही मजबूत होता है. देश इसलिए चैन की नींद सोता है क्योंकि तुम जागते हो.
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नौसेना ने इसे बताया कि छोटा जहाज, बड़ी जिम्मेदारी. तट के हर कोने में नजर रखेगा, हर खतरे को पहले ही खत्म कर देगा.
पुडुचेरी के पास एक ऐतिहासिक तटीय शहर है माहे. कभी फ्रेंच कॉलोनी था, आज भारत का हिस्सा है. नौसेना ने इस जहाज का नाम उसी शहर के नाम पर रखा – हमारी समुद्री विरासत को याद करने के लिए. सादे शब्दों में कहें तो – आज से भारतीय समुद्र तट और भी सुरक्षित हो गया. दुश्मन की कोई पनडुब्बी पास भी भटकेगी तो INS माहे उसे सोने नहीं देगा.
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