टैरिफ की तनातनी के बीच US के साथ रक्षा करार, अमेरिका संग भारत ने की 10 साल की डिफेंस डील

भारत और अमेरिका ने मलेशिया में 10 साल का रक्षा फ्रेमवर्क समझौता साइन किया है. राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ की मुलाकात में इंजन डिलीवरी, मेक इन इंडिया और औद्योगिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. यह समझौता भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को नई मजबूती देगा.

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मलेशिया में रक्षा साझेदारी के नए अध्याय पर हुआ हस्ताक्षर (Photo: X/@SecWar) मलेशिया में रक्षा साझेदारी के नए अध्याय पर हुआ हस्ताक्षर (Photo: X/@SecWar)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST

भारत और अमेरिका ने मलेशिया के राजधानी कुआलालंपुर में 10 साल के लिए नया रक्षा फ्रेमवर्क समझौता किया है. इस समझौते पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने हस्ताक्षर किया. यह समझौता पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस बैठक के बाद आगे बढ़ा. 

समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं तकनीकी और रणनीतिक सहयोग को और गहरा करेंगी, जिससे भारत को अहम रक्षा तकनीक का एक्सेस और नई डिफेंस इंडस्ट्री की ग्रोथ का मौका मिलेगा.

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इस बैठक से कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी व्यापक चर्चा की. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और ग्लोबल चुनौतियों पर बातचीत की.

इसी दौर में पेंटागन ने भी बयान जारी कर बताया कि इस डील के तहत भारत में घरेलू रक्षा उत्पादन खासकर “मेक इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें जीई एयरोस्पेस का एफ-404 इंजन और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की डिलीवरी भी शामिल है.

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों ने 10 वर्ष का नया रक्षा समझौता हस्ताक्षर किया, जो भारत और अमेरिका की रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा. इस समझौते से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा. दोनों देशों ने अपनी सूचना साझा करना, समन्वय और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ाने का फैसला किया है. हेगसेथ ने कहा कि अब तक भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध इतना मज़बूत कभी नहीं रहे.

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मेक इन इंडिया और इंजन डिलीवरी पर चर्चा

मुलाकात में एफ404 इंजन की डिलीवरी में हो रही देरी का मुद्दा भी उठा, जो तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए बेहद अहम है. देरी के कारण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए तय समय पर विमानों की आपूर्ति में कठिनाई हो रही है.

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समझौता कैसे मदद करेगा

  • इससे भारत को अमेरिका से अत्याधुनिक हथियार, हेलिकॉप्टर, ड्रोन जैसी तकनीक मिलेगी.
  • इंडो-पैसिफिक में चीन को जवाब देने के लिए भारत-अमेरिका की साझेदारी मजबूत होगी.
  • अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश और तेज डिलिवरी से फायदा होगा.
  • हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट, और अन्य हथियार भारत में बनेंगे जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.

दोनों देशों के लिए फायदे

  • भारत को रक्षा उद्योग में ग्रोथ और आत्मनिर्भरता.
  • अमेरिका को रक्षा सौदों में ऑर्डर और रणनीतिक साझेदारी.
  • क्षेत्रीय सुरक्षा और जानकारी का साझा करना तेज होगा.
  • चीन जैसे देशों के दबाव का सामूहिक जवाब मिलेगा.
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