भारत अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए एक नई तकनीक पर काम कर रहा है. देश अब 900 किमी से अधिक रेंज वाले सुसाइड ड्रोन (Loitering Munition) विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह ड्रोन न केवल दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकता है, बल्कि इसमें विस्फोटक लोड करके उसे एक हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस परियोजना में नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (Solar Industries India Limited) सबसे आगे है, जो पिनाका रॉकेट सिस्टम बनाने वाली कंपनी के रूप में जानी जाती है.
सुसाइड ड्रोन क्या है?
सुसाइड ड्रोन एक तरह का मानवरहित हवाई वाहन (UAV) है, जो अपने लक्ष्य पर हमला करने के बाद खुद नष्ट हो जाता है. इसे लॉयरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) भी कहा जाता है, क्योंकि यह हवा में लंबे समय तक मंडराकर सही समय पर हमला करता है.
इसमें विस्फोटक भरा होता है. यह ड्रोन दुश्मन के ठिकानों, टैंकों या रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. भारत का यह नया ड्रोन 900 किमी से ज्यादा दूरी तक मार कर सकता है, जो इसे क्षेत्रीय शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा.
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सोलर इंडस्ट्रीज की बढ़त
इस ड्रोन परियोजना के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (CSIR-NAL) ने कई कंपनियों से तकनीकी और वाणिज्यिक बोली (bid) मांगी थी. 27 जून 2025 को जारी एक ऑफिशियल मेमोरेंडम में, CSIR-NAL ने कंबाइंड टेक्निकल कम कमर्शियल बेस्ड सिस्टम (CTCCBS) स्कोर के आधार पर सोलर इंडस्ट्रीज को सबसे आगे घोषित किया.
सोलर इंडस्ट्रीज ने 80.30 का स्कोर हासिल किया, जो अन्य कंपनियों से काफी बेहतर था.इस परियोजना में भाग लेने वाली अन्य कंपनियां और उनके स्कोर इस प्रकार हैं...
हालांकि, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड वाणिज्यिक बोली में योग्य नहीं पाई गईं. अब CSIR-NAL सोलर इंडस्ट्रीज के साथ संयुक्त सहयोग (joint collaboration) के लिए आगे बढ़ेगा.
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परियोजना का उद्देश्य और प्रगति
यह ड्रोन 150 किलोग्राम (kg) श्रेणी का लॉयरिंग म्यूनिशन है, जिसे अनुसंधान, विकास, निर्माण और वाणिज्यिक उपयोग के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है. इसकी रेंज 900 किमी से अधिक होगी, जो इसे भारत के पड़ोसी देशों के खिलाफ रक्षा रणनीति में एक शक्तिशाली हथियार बनाएगा.
सोलर इंडस्ट्रीज पहले से ही पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम जैसे हथियारों में माहिर है, जो भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण है. CSIR-NAL ने इस परियोजना के लिए 23 अगस्त 2024 को RFP (Request for Proposal) जारी किया था. 24 मार्च 2025 को तकनीकी बोली का मूल्यांकन पूरा हुआ.
अब सोलर इंडस्ट्रीज को उच्चतम स्कोर के आधार पर अगले चरण में ले जाया जाएगा. यदि सोलर इंडस्ट्रीज सहयोग समझौते में विफल रहती है, तो CSIR-NAL अन्य कंपनियों को स्कोर के आधार पर मौका देगा.
सोलर इंडस्ट्रीज का योगदान
नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड (Solar Industries India Limited) एक प्रमुख रक्षा और विस्फोटक कंपनी है. यह कंपनी पहले से ही पिनाका रॉकेट, वायु से सतह पर मार करने वाले बम और अन्य सैन्य उपकरणों का निर्माण कर रही है. सोलर इंडस्ट्रीज की विशेषज्ञता और तकनीकी कौशल ने इसे इस ड्रोन परियोजना में अग्रणी बनाया है.
इस ड्रोन का महत्व
चुनौतियां और भविष्य
इस परियोजना के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं...
हालांकि, CSIR-NAL और सोलर इंडस्ट्रीज के सहयोग से उम्मीद है कि यह ड्रोन जल्द ही भारतीय सेना का हिस्सा बनेगा. यह परियोजना भारत को हवाई युद्ध में नई ताकत देगी. क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उसकी स्थिति को मजबूत करेगी.
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