अदासो कपेसा... पीएम मोदी की SPG टीम में मणिपुर के छोटे से गांव से आई महिला अफसर

इंस्पेक्टर अदासो कपेसा मणिपुर से हैं और SPG में पहली महिला बनीं, जो पीएम की सुरक्षा करती हैं. उनकी मेहनत ने पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ा. अदासो की यात्रा न सिर्फ मणिपुर, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय हैं. उनकी मौजूदगी SPG में महिलाओं के लिए दरवाजे खोलती है.

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लंदन में प्लेन से उतरने के बाद पीएम मोदी के पीछे चलतीं इंस्पेक्टर अदासो कपेसा (लाल घेरे में.). (File Photo: PIB) लंदन में प्लेन से उतरने के बाद पीएम मोदी के पीछे चलतीं इंस्पेक्टर अदासो कपेसा (लाल घेरे में.). (File Photo: PIB)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम यात्रा की तस्वीरें वायरल हुईं, तो लोगों का ध्यान सिर्फ डिप्लोमेसी या औपचारिक बातों पर नहीं गया. सबसे ज्यादा चर्चा रही एक शांत और आत्मविश्वास से भरी महिला की, जो काले सूट और ईयरपीस के साथ पीएम के ठीक पीछे खड़ी थी. यह महिला कोई आम नहीं, बल्कि इतिहास रचने वाली अधिकारी हैं- इंस्पेक्टर अदासो कपेसा. उनकी कहानी हर भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

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अदासो कपेसा कौन हैं?

अदासो कपेसा मणिपुर के सेनापति जिले के काबी गांव से हैं. वह भारत की सबसे खास सुरक्षा बल, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. मणिपुर से यह पहला मामला है. SPG का काम प्रधानमंत्री की सुरक्षा करना है. यह देश का सबसे कठिन और सम्मानित सुरक्षा बल माना जाता है.

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उनकी शुरुआत सशस्त्र सीमा बल (SSB) से हुई, जो गृह मंत्रालय के तहत काम करता है. वर्तमान में वह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 55वीं बटालियन में तैनात हैं. SPG में आने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग ली. इस तरह उन्होंने देश की सुरक्षा बलों में एक बड़ी लैंगिक बाधा तोड़ दी.

उत्तर-पूर्व से राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र तक

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अदासो का SPG में शामिल होना सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह भारत की शीर्ष सुरक्षा सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का संकेत है. पहले SPG में सिर्फ पुरुष ही होते थे, लेकिन अब अदासो ने यह परंपरा तोड़ दी है.

उनका पीएम के साथ यूके यात्रा में दिखना सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं था. यह एक रणनीतिक और ऐतिहासिक कदम था, जो दिखाता है कि महिलाएं भी देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारियों को निभा सकती हैं. मणिपुर जैसे दूरदराज के इलाके से आने वाली यह महिला अब राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा बन गई है.

सोशल मीडिया पर तारीफ: राष्ट्र के लिए रोल मॉडल

जब उनकी तस्वीरें ऑनलाइन आईं, तो सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार हो गई. लोग उन्हें पथप्रदर्शक, शक्ति का प्रतीक और प्रेरणा कहकर बुला रहे हैं. खासकर उन युवा लड़कियों के लिए, जो कानून व्यवस्था या रक्षा क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं, वह एक मिसाल बन गई हैं.

सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि उनकी मौजूदगी से उन समुदायों को ताकत मिली है, जो लंबे समय से अनदेखे रहे हैं. मणिपुर और उत्तर-पूर्व के लोग उनकी इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

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SPG की भूमिका क्यों खास है?

SPG कोई आम सुरक्षा जॉब नहीं है। यह भारत का सबसे खास सुरक्षा बल है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए बना है. इसके सदस्यों को नजदीकी मुकाबला, खुफिया जानकारी, निगरानी और आपात स्थिति से निपटने की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है. यह भारत की रक्षा व्यवस्था में सबसे मुश्किल नौकरियों में से एक है.

अदासो का SPG में आना सिर्फ महिलाओं की भागीदारी नहीं दिखाता, बल्कि यह बताता है कि नेतृत्व और ताकत का नया रूप क्या हो सकता है. उनकी मौजूदगी से यह साबित होता है कि महिलाएं हर क्षेत्र में बराबरी से काम कर सकती हैं.

वर्दी में नेतृत्व का नया अध्याय

अदासो की यह उपलब्धि एक मजबूत संदेश देती है: महिलाएं हर जगह जगह बना सकती हैं, भले ही वह रोल पहले उनके लिए "असंभव" माना जाता हो. उनकी कहानी दिखाती है कि मेहनत, लगन और हिम्मत से कोई भी सपना सच हो सकता है. मणिपुर के एक छोटे गांव से शुरूआत करने वाली अदासो अब देश के सबसे बड़े नेता की सुरक्षा में खड़ी हैं. यह सफर न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहती है.

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