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डिफेंस न्यूज

जंग का असर... गाजा में 6 साल से कम के 55 हजार बच्चे कुपोषित, UNRWA और लैंसेट की स्टडी

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST
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गाजा में युद्ध के दो सालों में बच्चों की हालत बहुत खराब हो गई है. एक नई स्टडी के मुताबिक, 6 साल से कम उम्र के लगभग 55,000 बच्चे गंभीर कुपोषण (एक्यूट मालन्यूट्रिशन) से पीड़ित हैं. ये स्टडी UNRWA (संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन शरणार्थी एजेंसी) और जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की है. Photo: AFP

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यह स्टडी 8 अक्टूबर को 'द लैंसेट' जर्नल में छपी. स्टडी कहती है कि इजरायल की खाने, पानी और दवाई पर पाबंदियों ने बच्चों को भुखमरी की कगार पर ला दिया. Photo: AFP

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जनवरी 2024 से अगस्त 2025 तक UNRWA के स्वास्थ्य कर्मियों ने गाजा के 5 जिलों में 16 स्वास्थ्य केंद्रों और 78 मेडिकल पॉइंट्स पर 2 लाख 20 हजार बच्चों (6 महीने से 5 साल उम्र) की जांच की. जांच 'वेस्टिंग' के लिए की गई. अगस्त 2025 तक प्री-स्कूल बच्चों में 15.8% गंभीर कुपोषण. Photo: AFP

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कुल 54,600 बच्चे तुरंत इलाज के हकदार, जिनमें 12,800 गंभीर रूप से वेस्टेड (बहुत दुबले) है. सबसे ज्यादा रफाह में 32% और गाजा सिटी में 30% बच्चे प्रभावित. कुपोषण की दर एड ब्लॉकेड और सीजफायर से सीधे जुड़ी – पाबंदी बढ़ी तो कुपोषण बढ़ा, राहत मिली तो घटा. Photo: AFP

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जनवरी-जून 2024 में 5-7% थी दर. दिसंबर 2024 में 4 महीने की सख्त पाबंदी के बाद जनवरी 2025 में 14% हो गई. मार्च 2025 में 6 हफ्ते के सीजफायर से 6% लौटी. लेकिन जुलाई-अगस्त में 11 हफ्ते की घेराबंदी से फिर 16% पहुंच गई. Photo: Reuters
 

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स्टडी कहती है कि इजरायल की खाने, पानी और दवाई पर रोक ने कुपोषण बढ़ाया. 22 अगस्त 2025 को UN ने गाजा में मानव-निर्मित भुखमरी की पुष्टि की. 16 सितंबर 2025 को UN जांच आयोग ने रिपोर्ट दी – इजरायल ने गाजा में नरसंहार के यथोचित आधार हैं. रिपोर्ट में सामूहिक हत्याएं, भुखमरी, स्वास्थ्य सेवाओं का विनाश और नागरिकों पर हमले का जिक्र. Photo: AFP

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UNRWA के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अकीहिरो सेइता कहते हैं कि गाजा के हजारों छोटे बच्चे रोकने लायक कुपोषण, बीमारी और मौत के खतरे से जूझ रहे. बिना स्थाई सीजफायर और शांति के ये दर्द जारी रहेगा. रफाह में इजरायल के बड़े हमले के बाद कुपोषण 4 गुना बढ़ा. गाजा सिटी में जुलाई के अंत तक 15% और अगस्त मध्य तक 30% बच्चे प्रभावित. Photo: AFP

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स्टडी की प्रमुख जांचकर्ता मासाको होरिनो कहती हैं कि युद्ध और एड रोक के दो सालों में गाजा के प्री-स्कूल बच्चे रोकने लायक कुपोषण से जूझ रहे, मौत का खतरा बढ़ा है. इजरायल इन आरोपों से इनकार करता है। कहता है कि पर्याप्त खाना आने देता है और हमास एड रोकता या बेचता है. Photo: AFP

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UNRWA और दूसरे एड एजेंसियां इसे झूठ बताती हैं. इजरायली एजेंसी कोगाट कहती है कि वो अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एड पहुंचाने में मदद कर रही. UNRWA कहती है कि इजरायल की सिक्योरिटी चेक और पाबंदियां बड़े राहत कामों को असंभव बनाती हैं. मई-जुलाई 2025 में 1400 फिलिस्तीनी एड लेने जाते समय मारे गए, ज्यादातर वितरण साइट्स या काफिलों के पास. Photo: Reuters

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स्टडी के साथ कमेट्री में वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ जुल्फिकार भुट्टा, जेसिका फैंजो और पॉल वाइज ने लिखा कि गाजा के बच्चे भुखम हैं, तुरंत और लगातार मानवीय मदद चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि मौत का तत्काल खतरा तो है ही, लेकिन कुपोषण के लंबे असर पीढ़ियों तक रहेंगे – कमजोर स्वास्थ्य, कम IQ, ज्यादा बीमारियां. Photo: AFP

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