अतीक अहमद और अशरफ के शूटर्स ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. इस हत्याकांड की तीनों आरोपी, सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या पुलिस की गिरफ्त में हैं और उनसे लगातार पूछताछ जारी है. वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में एक आरोपी सनी सिंह ने बताया वह लॉरेंस बिश्नोई बनना चाहता था क्योंकि उसके नाम और काम से काफी प्रभावित था. आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने बीते दिनों कई बार लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू देखे थे.
लॉरेंस का फैन
सनी सिंह ने बताया कि वह लॉरेंस बिश्नोई के हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में हिंदुत्व की बातें करता देख वह काफी प्रभावित हुआ था. जांच में यह बात सामने आई है कि सिद्ध मूसेवाला के मर्डर के बाद से सनी लॉरेंस का फैन हो गया था. तीनों आरोपी कम समय में बड़ा नाम कमाना चाहते थे. पूछताछ में पता चला कि सनी सिंह तीनों शातिर अपराधियों में से सबसे खतरनाक है. सनी सिंह बाकी दोनों आरोपियों को अपने साथ लाया था और हत्या की लिए प्रोत्साहित किया था.
कौन है सनी सिंह
हमीरपुर का रहने वाला सनी सिंह हिस्ट्रीशीटर रहा है. वसूली, हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके सनी पर 17 केस दर्ज हैं. इससे पहले सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा- 'यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं. हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई. यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था. हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था.'
लवलेश भी जेल में रहा बंद
श वहीं एक अन्य आरोपी लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है. लवलेश के पिता ने इस हत्याकांड के बाद बताया कि उनका लवलेश से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ''हमारी लवलेश से सालों से बातचीत बंद है. वह कोई काम धंधा नहीं करता. बस दिन भर नशा करता है. इसलिए काफी पहले से ही घर के सभी लोगों ने उससे बातचीत बंद कर दी है.' दो साल पहले एक लड़की को थप्पड़ मारने के बाद लवलेश जेल में भी बंद रहा था.
अरुण मौर्या भी हिस्ट्रीशीटर
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के धूमनगंज मेडिकल कॉलेज में अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारकर हत्या करने में शामिल शूटर अरुण मौर्या कासगंज के गांव बघेला पुख्ता का रहने वाला है. गांव में उसे अरुण मौर्य उर्फ कालिया के नाम से जाना जाता था. बताया जा रहा है कि जब अरुण छोटा था, तभी उसके माता-पिता की मौत हो गई थी. जब कुछ बड़ा हुआ तो वह सोरों कस्बे में जाकर रहने लगा. वर्ष 2014-15 में कासगंज बरेली-फर्रुखाबाद रेलवे मार्ग पर उझयानी और सोरों के मध्य चलती ट्रेन में लूट के बाद सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में अरुण जेल गया था. उसके बाद उसके तार अपराधियों से जुड़ गए और वह लगातार अपराध की दुनिया में बढ़ता चला गया.
माफिया बनना चाहते थे हत्यारे
पुलिस ने तीनों शूटर्स को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की. जांच में पता चला कि कि तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे बड़ा माफिया बनना चाहते हैं. इसलिए इस वारदात को अंजाम दिया. हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि तीनों के बयानों में विरोधाभास है और पूछताछ जारी है.
शनिवार रात हुई अतीक और अशरफ की हत्या
बता दें कि पुलिस की टीम अतीक अहमद और अशरफ को शनिवार रात प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए लेकर जा रही थी. इसी दौरान पत्रकार बनकर पहुंचे तीन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस हमले में अतीक और अशरफ दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
सिमर चावला