UP Codeine Cough Syrup Racket Investigation: यूपी सरकार ने कोडीन कफ सिरप की अवैध तस्करी के मामलों की जांच के चलते अब SIT बना दी है. इस दौरान यूपी में 3.5 लाख बोतलें जब्त की गई हैं, जबकि 32 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. पता चला है कि सुपर-स्टॉकिस्टों का नेटवर्क नेपाल से बांग्लादेश तक फैला हुआ है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को कोडीन-आधारित कफ सिरप और अन्य दवाओं की अवैध स्टोरेज और सप्लाई की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) बनाने का ऐलान किया है. यह कार्रवाई राज्य के पांच जिलों में चल रहे इस रैकेट को तोड़ने के मकसद से की गई है. सरकार ने साफ कहा कि कोडीन सिरप से राज्य में एक भी मौत नहीं हुई है. मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए उच्चस्तरीय जांच टीम बनाई गई है.
गृह विभाग ने की पुष्टि
यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) संजय प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर IG-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में SIT बनाई जा रही है. यह टीम पूरे नेटवर्क की तह तक जाएगी. इस SIT में FDSA यानी फूड एंड ड्रग सेफ्टी अथॉरिटी के अधिकारी भी शामिल होंगे. सरकार ने कहा कि पूरे ऑपरेशन की जांच तेज और गहन होगी.
जांच प्रक्रिया में SIT की भूमिका
सरकार के मुताबिक, SIT लगातार चल रही जांच की समीक्षा करेगी और आरोपियों से मिली जानकारी को जोड़कर आगे की कार्रवाई करेगी. टीम को सभी वित्तीय लेन-देन खंगालने का भी जिम्मा दिया गया है. कोडीन सिरप के अवैध करोबार से जुड़े हर लिंक को ट्रेस किया जाएगा.
DGP ने किया नेटवर्क का खुलासा
यूपी के डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि अब तक की जांच में “सुपर स्टॉकिस्ट” स्तर पर बड़ी तस्करी का नेटवर्क सामने आया है. अत्यधिक नियंत्रित कोडीन-आधारित सिरप को नशे के रूप में सप्लाई किया जा रहा था. यह नेटवर्क राज्यभर में फैल चुका था, जिसकी जड़ें अब तेजी से उजागर हो रही हैं.
तीन बड़े सुपर-स्टॉकिस्ट गिरफ्तार
जांच के दौरान पांच बड़े सुपर-स्टॉकिस्ट चिन्हित किए गए, जिनमें से तीन को गिरफ्तार किया गया है. इनमें वाराणसी के भोला जायसवाल (शुभम जायसवाल के पिता), सहारनपुर के विभोर राणा और गाजियाबाद के सौरभ त्यागी शामिल हैं. बाकी दो पर कार्रवाई जारी है और कई जगहों पर छापेमारी हो रही है.
NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई
डीजीपी के अनुसार दो अन्य बड़े होर्डर भी NDPS एक्ट के तहत जांच के घेरे में हैं. इन पर भारी मात्रा में अवैध स्टॉक रखने और बिना दस्तावेज़ व्यापार करने के आरोप हैं. टीम ने इनके वित्तीय रिकॉर्ड और सप्लाई चैन का भी विश्लेषण शुरू कर दिया है. जल्द और गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है.
3.5 लाख बोतलें बरामद, 32 गिरफ्तार
यूपी पुलिस ने कई जिलों से भारी मात्रा में बरामदगी की है. अब तक करीब 3.5 लाख बोतलें, जिसकी बाजार कीमत लगभग 4.5 करोड़ रुपये है, जब्त की जा चुकी हैं. इस नेटवर्क से जुड़े कुल 32 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
तस्करी का ट्रेल नेपाल-बांग्लादेश तक
जांच में खुलासा हुआ कि कोडीन सिरप की खेप भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा तक भेजी जा रही थी. कई कंटेनर और ऑर्डर इन देशों की ओर ट्रैक किए गए हैं. टीम वित्तीय ट्रेल की बैंकिंग चैनल के जरिए पुष्टि कर रही है. अंतरराष्ट्रीय एंगल ने जांच को और गंभीर बना दिया है.
अफवाहों पर चेतावनी
डीजीपी ने सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक सूचनाओं को लेकर चेतावनी जारी की. उन्होंने कहा कि कई बिना सबूत वाले दावे वायरल हो रहे हैं जिनका हकीकत से कोई संबंध नहीं है. पुलिस केवल सत्यापित वित्तीय दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई कर रही है.
शुभम जायसवाल के विदेश भागने की चर्चा
जब डीजीपी से पूछा गया कि क्या आरोपी शुभम जायसवाल विदेश भाग गया है, तो उन्होंने जवाब दिया कि आवश्यकता पड़ने पर उसकी एक्सट्रडिशन भी कराई जाएगी. उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही जांच प्रभावित करने की कथित कोशिशों को ‘बेसिर-पैर’ बताया और कहा कि ED भी इस केस को देख रही है.
FDSA कमिश्नर ने दी सफाई
FDSA कमिश्नर रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोडीन और अन्य नशीली दवाओं के अवैध डायवर्जन की गहन जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोडीन सिरप बैन ड्रग नहीं, बल्कि Schedule H के अंतर्गत नियंत्रित दवा है. इसे सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर बेचा जा सकता है.
कैसे होता है उल्लंघन?
कमिश्नर के अनुसार, जब दवा बिना दस्तावेज़ी रिकॉर्ड, बिना पर्ची और बिना खरीद-फरोख्त रजिस्टर के बड़े पैमाने पर सप्लाई होती है, तभी कानून का उल्लंघन माना जाता है. कई मेडिकल स्टोर और स्टॉकिस्ट जानबूझकर यह प्रक्रिया फॉलो नहीं कर रहे थे, जिससे रैकेट बिना पकड़ में आए चलता रहा.
MP की घटना से कोई संबंध नहीं
रोशन जैकब ने साफ किया कि यूपी में की जा रही कार्रवाई का मध्य प्रदेश की उस घटना से कोई संबंध नहीं है, जिसमें कथित जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई थी. सभी जिलों ने इस बात की पुष्टि कर दी है. यह मामला केवल यूपी में अवैध डायवर्जन से जुड़ा है.
280 ड्रग लाइसेंस रद्द
FDSA ने बताया कि अवैध कारोबार में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हो चुकी है. लगभग 280 ड्रग लाइसेंस रद्द करने के नोटिस जारी किए गए हैं. जहां-जहां विभागीय अधिकारियों की लापरवाही मिली है, वहां भी कार्रवाई की जा रही है. पूरे सिस्टम की व्यापक जांच जारी है.
देशभर में फैला है सप्लाई नेटवर्क
उधर, मध्य प्रदेश से मिली जानकारी के आधार पर FSDA की टीमों ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की कई फैक्ट्रियों और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के सुपर-स्टॉकिस्ट (शैली ट्रेडर्स, रांची) की जांच की. रिकॉर्ड में पाया गया कि इन कंपनियों ने यूपी के चुनिंदा जिलों में बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप सप्लाई किया. कुल मिलाकर 28 जिलों में 128 FIR दर्ज की गईं हैं, जिससे यह पूरा मामला संगठित अपराध की श्रेणी में आ गया.
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