6 साल में यूपी एसटीएफ का एनकाउंटर नंबर 134, ऐसे निशाने पर आया था कुख्यात अनिल दुजाना

पिछले छह सालों में यूपी एसटीएफ की ओर से किया गया ये 134वां एनकाउंटर है, जिसमें पुलिस की गोलियों से कोई बदमाश ढेर हुआ है. और ये कोई मामूली बदमाश नहीं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे खूंखार बदमाशों में से एक अनिल दुजाना था.

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अनिल दुजाना के खिलाफ 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं अनिल दुजाना के खिलाफ 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं

उस्मान चौधरी / परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

यूपी के मेरठ गुरुवार को कुछ तस्वीरें सामने आईं. सड़क किनारे हादसे का शिकार होकर खड़ी एक स्कॉर्पियो, शीशे पर मौजूद गोलियों के निशान. जमीन पर बिखरे गोलियों के खोल और साथ में खून और हथियार. पिछले छह सालों में यूपी एसटीएफ की ओर से किया गया ये 134वां एनकाउंटर है, जिसमें पुलिस की गोलियों से कोई बदमाश ढेर हुआ है. और ये कोई मामूली बदमाश नहीं, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे खूंखार बदमाशों में से एक अनिल दुजाना था. 

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सुंदर भाटी का जानी दुश्मन
जी हां, वही अनिल दुजाना जिस पर 1 कत्ल समेत कई संगीन गुनाहों के 62 मामले दर्ज थे और जिसके नाम पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये के इनाम का ऐलान कर रखा था. अनिल दुजाना हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आया था. वो जेल में बंद गैंगस्टर सुंदर भाटी का जानी दुश्मन माना जाता था. वही सुंदर भाटी जिसका नाम अशरफ और अतीक की हत्या करने वाले शूटर सनी सिंह ने भी लिया था. उसने पूछताछ में बताया था कि अतीक-अशरफ की हत्या के लिए जिगाना पिस्टल सुंदर भाटी ने ही उन्हें दी थी.

गवाहों को धमका रहा था अनिल
अनिल ग्रेटर नोएडा के दुजाना गांव का रहनेवाला था और ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दहशत का दूसरा नाम था. वो करीब दस दिन पहले ही जमानत पर रिहा हुआ था, लेकिन जेल से बाहर आते ही उस पर फिर से दो आपराधिक मामले दर्ज हो गए. बाहर आकर वो अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों के गवाहों को धमकाने लगा था. इसके बाद उसके खिलाफ केस तो दर्ज हुए ही, पुलिस उसकी तलाश करने लगी, लेकिन वो फरार था. 

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ऐसे मारा गया अनिल दुजाना
गुरुवार की सुबह एसटीएफ को दुजाना के मेरठ के पास भोला की झाल इलाके से गुजरने की खबर मिली. जिसके बाद पुलिस की टीम ने उसे रोकने और गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन उसने अपनी गाड़ी भगाने के साथ-साथ पुलिस पर भी फायरिंग शुरू कर दी. और फिर जवाबी कार्रवाई में वही हुआ, जो अक्सर एनकाउंटर के मामलों में होता है. पुलिस की गोली से दुजाना ढेर हो गया. 

यूपी एसटीएफ ने किया गेम ओवर
कुख्यात अनिल दुजाना पर हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी, वसूली से लेकर कई गंभीर मामले दर्ज हैं. दुजाना का गैंग सरकारी ठेकों, सरिया की चोरी, टोल के ठेकों को लेकर सक्रिय था. ये गैंगस्टर नरेश भाटी का भी करीबी था. अनिल दुजाना का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी खौफ था और वो कई मामलों में मोस्ट वॉन्टेड था लेकिन अब यूपी एसटीएफ ने उसका गेमओवर कर दिया.

सुंदर भाटी गैंग से थी रंजिश
बताया जा रहा है कि सोनभद्र जेल में बंद सुंदर भाटी और उसके गैंग से अनिल दुजाना की अदावत थी. नरेश भाटी की हत्या के चलते सुंदर भाटी से अनिल दुजाना की रंजिश भाटी गैंग से बढ़ गई थी.  साल 2012 में अनिल दुजाना गैंग ने सुंदर भाटी और उसके करीबियों पर हमला किया था. इन दोनों की दुश्मनी की वजह से कई हत्याएं हो चुकी हैं. सुंदर भाटी का नाम अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में भी जुड़ा था.

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फैसला ऑन द स्पॉट
दुजाना के एनकाउंटर को यूपी के सीएम योगी के उस बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें वो पहले ही कह चुके हैं कि यूपी में माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. अब भी हर जलसे में योगी यूपी के कानून व्यवस्था का बखान करना नहीं भूलते. इसमें कोई दो राय नहीं है कि यूपी पुलिस की सख्ती की वजह से अपराधी डर की वजह से छिपे बैठे हैं और जो अनिल दुजाना की तरह भाग रहे हैं, उनका फैसला ऑन द स्पॉट हो रहा है.

 

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