जम्मू कश्मीरः पुलवामा जैसे हमले की थी साजिश, सुंजवां एनकाउंटर के बाद आतंकियों का गुर्गा गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर के एडीजी ने कहा है कि आतंकियों की योजना ये थी कि पीएम का कार्यक्रम सफल न हो. कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इनकी योजना पुलवामा जैसी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की थी.

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सुंजवां में जैश आतंकियों के साथ हुई थी मुठभेड़ (फाइल फोटो) सुंजवां में जैश आतंकियों के साथ हुई थी मुठभेड़ (फाइल फोटो)

कमलजीत संधू / सुनील जी भट्ट

  • श्रीनगर,
  • 23 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST
  • त्राल का रहने वाला है शफीक अहमद
  • PM के कार्यक्रम के लिए तगड़े किए गए सुरक्षा इंतजाम

जम्मू कश्मीर के सुंजवां में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान आत्मघाती हमलावरों को मार गिराया है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन हमलावरों का सहयोग करने वाले चार स्थानीय नागरिकों की पहचान की है. इनमें से एक शफीक अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एक अन्य आरोपी इकबाल को हिरासत में लिया गया है. आसिफ और बिलाल नाम के आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.

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जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक घुसपैठियों को बिलाल ने सांबा अंतरराष्ट्रीय सीमा से रिसीव किया था. जम्मू कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह के मुताबिक आतंकियों की मदद करने के आरोप में उसे पकड़ा गया है. शफीक अहमद पुलवामा का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि बिलाल अहमद कोकड़नाग का रहने वाला है. उसे जैश ने जम्मू में भेजा था.  20 अप्रैल की सुबह 10 बजे बिलाल, पुलवामा से निकला और जम्मू के ट्रांसपोर्ट नगर में रुका था.

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जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजीपी ने साथ ही ये भी कहा कि सांबा के सुपवाला में आधी रात करीब 1-1.30 बजे उसके साथ जैश के दो फिदायीन आतंकी आए जिनके पास एक भरा हुआ बैग था. आतंकियों ने शफीक अहमद के दो मोबाइल फोन ले लिए थे. मुठभेड़ शुरू होने पर आतंकियों ने ये फोन नष्ट करने की कोशिश की. ये फोन फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने सीसीटीवी से भी घटनाक्रम की पुष्टि की है. और घुसपैठियों ने भी घुसपैठ की है. उन्होंने बताया कि शफीक अहमद त्राल का रहने वाला है. वह जम्मू की एक अखरोट फैक्ट्री में काम करता था.

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एडीजी के मुताबिक शफीक के भाई ने जैश आतंकियों के कहने पर टेलिग्राम आईडी बनाई थी. आसिफ घर पर नहीं था. शफीक ने उससे कहा था कि दो दोस्त वहां रहेंगे और वो वहां रात में ना रहे. पागल जमात नाम की टेलिग्राम आईडी से शफीक पाक आतंकियों के संपर्क में था. उसे 20 अप्रैल की रात तीन लोगों के आने की जानकारी दी गई थी जिनमें दो बाहरी और उनकी मदद के लिए एक स्थानीय नागरिक के होने की बात थी. वह तीसरा व्यक्ति बिलाल था.

ट्रक में छिपकर आए थे आतंकी

उन्होंने बताया कि बिलाल रात में जम्मू में रुका था और सांबा जाकर 1.30 बजे रात में दोनों को रिसीव किया जिनके पास हथियारों से भरा बैग थे. वे ट्रक से छिपकर आए जिसमें चार लोग थे. 2.30 बजे ये सुजवां पहुंचे. शफीक को ये निर्देश दिया गया था कि वह आतंकियों को सुरक्षाबलों के कैंप के पास सही समय पर छोड़ दे जिससे प्रधानमंत्री का दौरा सफल न हो सके. आतंकियों के पास से पाकिस्तान की Paracetamol टैबलेट्स मिलीं. इनकी साजिश पुलवामा जैसी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी.

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पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद जैश एक्टिव

जम्मू कश्मीर के एडीजी ने कहा कि एनकाउंटर की जांच तेजी ने रफ्तार पकड़ ली है. पाकिस्तान की सत्ता में परिवर्तन के बाद TRF और जैश एक्टिव हो गए हैं और कश्मीर में हमले की योजना पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. कार्यक्रम स्थल पर ड्रोन रोधी कदम भी उठाए जा रहे हैं.

सीमा पर चौकसी बढ़ी

वहीं, इस संबंध में डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि हमने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. पीएम के कार्यक्रम स्थल से 10 किलोमीटर की रेंज में काउंटर ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि हमने आतंकियों की घुसपैठ में मदद करने वालों की को चिह्नित कर लिया है.

 

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