पाकिस्तान जासूसी केस में जहां डॉक्टर मॉड्यूल को लेकर पहले ही सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई कर चुकी थीं, अब इस नेटवर्क में वकील की एंट्री ने जांच को और गंभीर बना दिया है. नूंह जिले के तावडू थाना क्षेत्र में गिरफ्तार किए गए एडवोकेट रिजवान खान के बाद अब उसका साथी वकील मुशर्रफ उर्फ प्रवेज भी एजेंसियों के रडार पर है. देर रात उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया. जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है.
आधी रात में पुलिस टीम की एंट्री
जानकारी के मुताबिक, लगभग रात 1 बजे दो पुलिस गाड़ियां मुशर्रफ उर्फ प्रवेज के घर पहुंची. हथियारों से लैस पुलिस टीम ने दरवाजा खटखटाया, जिसे खुद मुशर्रफ ने खोला. जैसे ही उसने दरवाजा खोला, पुलिस ने बिना किसी देर के उसे हिरासत में ले लिया. कार्रवाई इतनी तेज थी कि आसपास के लोग भी कुछ समझ नहीं पाए.
तीन महीने पुराने हादसे का दर्द
मुशर्रफ वकील के पिता दिलावर उर्फ दिल्ला ने बताया कि बेटे को पकड़ते समय उसके हाथ में तेज दर्द हुआ, क्योंकि तीन महीने पहले हुए सड़क हादसे में उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया था. ऑपरेशन के बाद वह अभी पूरी तरह ठीक भी नहीं हुआ था. पिता का कहना है कि मुशर्रफ को इस तरह से खींचकर ले जाना अमानवीय था.
परिवार को नहीं मिल रही कोई जानकारी
मुशर्रफ को हिरासत में लिए जाने के बाद से उनका परिवार परेशान है. उनका कहना है कि उन्हें यह भी पता नहीं कि मुशर्रफ को कहां रखा गया है. एजेंसियों और नूंह पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. सिर्फ इतना पता चला कि मुशर्रफ को उसी रात रिजवान एडवोकेट के जरिए फोन करवाया गया था, इसके बाद से खबर का कोई सुराग नहीं है.
दो वकीलों से पूछताछ जारी
अब तक इस पूरे केस में दो वकीलों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका है- रिजवान खान और उनका साथी मुशर्रफ उर्फ प्रवेज. दोनों में से किसी की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. जांच एजेंसियां इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
परिवार का दावा- बेगुनाह है मुशर्रफ
मुशर्रफ के परिवार का कहना है कि उनका बेटा कभी ऐसे किसी मामले में शामिल हो ही नहीं सकता. उसका पूरा परिवार शिक्षित है और किसी का भी पाकिस्तान से कोई संपर्क नहीं है. ना रिश्तेदारी, ना जान-पहचान. परिवार को यकीन है कि मुशर्रफ निर्दोष है और जल्द ही सच सामने आ जाएगा.
बड़ा भाई भारतीय सेना में अफसर
वकील मुशर्रफ के बड़े भाई एजाज 2013 से भारतीय सेना में तैनात हैं. परिवार का कहना है कि जो परिवार देश की सेवा करता है, वह देशद्रोह जैसे अपराध से दूर-दूर तक नहीं जुड़ सकता. यह बात परिवार के विश्वास को और मजबूत करती है कि इस केस में फंसाया गया है या गलतफहमी में कार्रवाई हुई है.
दो साल पहले शुरू की वकालत
मुशर्रफ उर्फ प्रवेज ने सिर्फ दो साल पहले ही गुरुग्राम, सोहना और नूंह के अलग-अलग बार में प्रैक्टिस शुरू की थी. वह वकालत की दुनिया में नया था. परिवार का कहना है कि उसके पास इतना अनुभव या संपर्क भी नहीं कि वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा बने.
वकील होने के नाते रिजवान खान से संपर्क
परिवार ने यह स्वीकार किया कि मुशर्रफ का रिजवान एडवोकेट से संपर्क जरूर था, क्योंकि रिजवान खान ने उसे गुरुग्राम आदि क्षेत्रों की कचहरी में सीट दिलवाने में मदद की थी. इसी वजह से दोनों का संपर्क बना हुआ था. लेकिन परिवार का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं कि मुशर्रफ जासूसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है.
गंभीर आरोपों से साफ इनकार
परिवार का कहना है कि पाकिस्तान जासूसी जैसा गंभीर आरोप मुशर्रफ पर लगना न सिर्फ गलत है, बल्कि गैर-तर्कसंगत भी है. वे चाहते हैं कि जांच निष्पक्ष और तेज हो, ताकि सच जल्दी सामने आए. परिवार को भरोसा है कि मुशर्रफ पूरी तरह से बरी होगा और उसका नाम साफ होगा.
घर में पसरा सन्नाटा
मुशर्रफ वकील को हिरासत में लिए जाने के बाद से उसके घर पर सन्नाटा पसरा है. रिश्तेदार और गांव वाले लगातार आ रहे हैं और परिवार को सांत्वना दे रहे हैं. हर कोई हैरान है कि पढ़े-लिखे परिवार के बेटे पर इतनी बड़ी कार्रवाई कैसे हो गई.
जांच में कई सवाल
मुशर्रफ उर्फ प्रवेज मूल रूप से बैंसी गांव का रहने वाला है. यह मामला सामने आने के बाद आसपास के गांवों में भी चर्चा तेज हो गई है. सवाल यह है कि जासूसी मॉड्यूल में आखिर किन-किन लोगों की संलिप्तता थी और यह नेटवर्क कितना बड़ा है. फिलहाल जांच एजेंसियों की चुप्पी और दो वकीलों की हिरासत इस केस को और जटिल बना रही है.
(नूंह मेवात से क़ासिम खान की रिपोर्ट)
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