राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच तेज करते हुए जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम जिलों में कई ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की. एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, टीमों ने सुबह से सर्च ऑपरेशन शुरू किया. यह कार्रवाई धमाके से जुड़े आतंकियों और उनके नेटवर्क की पहचान को लेकर की गई. इस दौरान NIA टीमों के साथ स्थानीय पुलिस और CRPF के जवान भी मौजूद रहे, ताकि किसी तरह की सुरक्षा चूक न हो.
आरोपियों की निशानदेही पर छापे
NIA अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी की टीम अपने साथ इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों डॉ. अदील राठर और जासिर बिलाल वानी को भी मौके पर लेकर गई थी. ये दोनों व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़े बताए जा रहे हैं. पूछताछ के दौरान दोनों ने जांचकर्ताओं को कई छिपे हुए ठिकानों का खुलासा किया था, जिसके बाद इन जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई.
मट्ठन जंगल और वानपोरा में थे ठिकाने
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अनंतनाग के मट्ठन जंगल क्षेत्र में और कुलगाम के काज़ीगुंड इलाके के वानपोरा गांव में कुछ सुरक्षित ठिकाने बनाए हुए थे. NIA टीमों ने इन दोनों स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया और सुराग जुटाए. पीटीआई के मुताबिक, एजेंसी को उम्मीद है कि ये ठिकाने धमाके की साजिश और विस्फोटक सामग्री की सप्लाई चेन को समझने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
जेडे यूएम और AGH से जुड़ा है मॉड्यूल
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले सप्ताह नवंबर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के सहयोग से इस व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल को बेनकाब किया था. यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़जवत-उल-हिंद (AGH) जैसी आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहा था. इस नेटवर्क में पढ़े-लिखे लोग शामिल थे, जिनकी भूमिका डॉक्यूमेंटेशन, फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने की थी.
डॉक्टर समेत आठ आरोपी गिरफ्तार
इस मॉड्यूल के खुलासे के बाद कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल थे. जांच में सामने आया कि इनके पास से करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था. इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलना आतंकियों की बड़ी साजिश की ओर संकेत करता है. यह बरामदगी कई राज्यों में फैले मॉड्यूल के नेटवर्क को उजागर करती है.
360 किलो ज्वलनशील सामग्री और हथियार बरामद
पुलिस की कार्रवाई के दौरान फरीदाबाद में एक आरोपी के किराए के ठिकाने से 360 किलो ज्वलनशील सामग्री, बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर, और कुछ हथियार–गोला-बारूद भी बरामद किए गए. जांच एजेंसियों के अनुसार, इन्हीं के इस्तेमाल से धमाका करने और बड़े हमले की तैयारी की जा रही थी. बरामदगी ने मॉड्यूल की गंभीरता को और साफ कर दिया.
मॉड्यूल के उजागर होते ही विस्फोट
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि जैसे ही यह मॉड्यूल पकड़ा गया, कुछ ही समय बाद विस्फोटक से भरी एक कार लाल किले के पास फट गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई. इस घटना से पूरा सुरक्षा तंत्र चौकन्ना हो गया. बाद में अनंतनाग के नोगाम इलाके में जेएम के पोस्टर लगाए मिलने पर जांच और आगे बढ़ी और पूरा नेटवर्क सामने आ गया. NIA अब इस आतंकी मॉड्यूल की फंडिंग, सप्लाई लाइन और मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है.
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