Nikki Bhati Murder Mystery: न सवाल सुलझ रहे, न मर्डर की गुत्थी... आखिर क्या हुआ था निक्की के आखिरी 30 घंटों में?

ग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी की रहस्यमयी मौत ने हत्या, आत्महत्या, और सिलेंडर ब्लास्ट की थ्योरी को जन्म दिया है. कंचन के बयान, सीसीटीवी फुटेज, और गायब मोबाइल ने पुलिस जांच को उलझा दिया है. पढ़ें पूरी कहानी और नए खुलासे.

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निक्की की मौत को लेकर तीन थ्योरी पर पुलिस काम कर रही है (फोटो-ITG) निक्की की मौत को लेकर तीन थ्योरी पर पुलिस काम कर रही है (फोटो-ITG)

aajtak.in

  • ग्रेटर नोएडा,
  • 03 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

Greater Noida Nikki Bhati Murder Case: ग्रेटर नोएडा में निक्की को जलाया गया था या वो खुद जली थी या फिर सिलेंडर ब्लास्ट होने की वजह से वो झुलस गई थी? ये सवाल इसलिए सिर उठा रहा है, क्योंकि निक्की की मौत को लेकर उसकी बहन का बयान कुछ और है, वीडियो की कहानी कुछ और. अस्पताल के डॉक्टर और नर्स का बयान भी अलग है. इसलिए निक्की की मौत की पहेली को समझने के लिए ज़रूरी है कि उसकी मौत से पहले के 30 घंटों की पूरी सच्चाई को जान लिया जाए.

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ग्रेटर नोएडा में एक बंद दुकान है. इन दिनों दुकान का शटर गिरा हुआ है. शटर के बाहर सोमवार को एक तस्वीर रखी गई. तस्वीर पर माला चढ़ी हुई थी. जानते हैं वो दुकान किसकी है और वो तस्वीर किसकी?. इससे पहले बस इतना बताना चाहते हैं कि ना ऊपर वाला किसी को ऐसी मौत दे, ना किसी की ऐसी तेरहवीं हो.

उस दुकान के बोर्ड पर दुकान के मालिक का नाम लिखा है- विपिन. जी हां, जिस तस्वीर पर माला डली हुई है उसी निक्की का पति विपिन. वो तस्वीर निक्की की तेरहवीं की है. जो सोमवार को हुई. अब चूंकि निक्की की मौत के बाद से ही उसके ससुराल के सभी लोग जेल में बंद हैं, लिहाजा, घर पर भी ताला लगा हुआ है. सो गांव वाले और कुछ दूर के रिश्तेदारों ने उनकी बंद दुकान के आगे ही निक्की की तेरहवीं की रस्म अदायगी की. जाहिर है तेरहवीं में निक्की के अपने घरवाले शामिल नहीं हुए.

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निक्की की तेरहवीं हो चुकी. यानि उसकी मौत के 13 दिन पूरे हो चुके. लेकिन अब तक पुलिस ये साफ नहीं कर पाई है कि निक्की की मौत का सच क्या है? बेशक निक्की का पति, निक्की के सास ससुर और जेठ जेल पहुंच चुके हैं. लेकिन इस बात का खुलासा अब तक पुलिस नहीं कर पाई है कि निक्की की मौत जलाने से हुई या खुद जलने से. या फिर गैस सिलेंडर फटने से. इससे भी अजीब बात ये कि ये सब कुछ घर के अंदर हुआ, लेकिन उस निक्की का मोबाइल फोन हैरतअंगेज तौर पर आजतक गायब है. सवाल ये कि आखिर उस फोन में वो कौन सा राज है, जिसकी वजह से किसी ने मोबाइल गायब कर दिया. नोएडा पुलिस अब तक निक्की का मोबाइल भी नहीं ढूंढ पाई है. 

हालांकि इस बीच निक्की की बहन कंचन से लेकर निक्की के बेटे, निक्की के मां-बाप और भाई से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक बार सारी कड़ियां जुड़ जाएं और सभी सवालों के जवाब सामने आ जाए, तभी वो निक्की की मौत की पूरी सच्चाई सामने रखेगी. असल में निक्की केस में एक साथ कई ऐसे बयान और तस्वीरें सामने आई कि खुद शुरुआत में पुलिस भी उलझ कर रह गई थी. तब पुलिस उन्हीं तस्वीरों वी़डियो और बयान के चश्मे से केस को देख रही थी. लेकिन फिर अचानक तस्वीरों ने कुछ और कहानी दिखानी शुरु कर दी. 

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क्या तस्वीरें भी झूठ बोलती हैं? या तस्वीरों के ज़रिए भी सामने वाले को वही दिखाया जाता है जो वो दिखाना चाहता है? ये सवाल इसलिए है क्योंकि ग्रेटर नोएडा से सामने आई जिन दो तस्वीरों ने हरेक को परेशान कर दिया था उन्हीं दो तस्वीरों की असलियत और उसके पीछे की कहानी अब खुद सवालों के घेरे में है.

सबसे पहले पहली तस्वीर 21 अगस्त की शाम की बताई गई थी. कहा गया कि ये तस्वीर निक्की को जलाने से ऐन पहले की है. उस तस्वीर में निक्की को उसका पति विपिन और सास दया पीटते हुए नजर आ रही हैं. विपिन की पीठ के निचले हिस्से पर जख्म के निशान भी दिख रहे हैं.

दूसरी तस्वीर में निक्की आग की लपटों से घिरी है और सीढ़ियों से नीचे उतर रही है. इन दोनों तस्वीरों के सामने आने के बाद इन्हीं तस्वीरों की जुबानी ये बताया गया कि 21 अगस्त की शाम निक्की को पहले ससुराल वालों ने पीटा फिर उसे जिंदा जला दिया. निक्की की बहन कंचन ने खुद को इस हादसे का चश्मदीद बताते हुए बाकायदा इसकी पूरी कहानी भी सुनाई थी. वो भी कैमरे पर.

इतना ही नहीं कंचन ने निक्की के बेटे के जरिए भी ये बताया था कि निक्की को आग लगाने के लिए लाइटर खुद विपिन ने जलाया था. तो ये दो तस्वीरें और निक्की की बहन कंचन और उसके बेटे की बातें आपने सुन ली. अब निक्की की मौत को लेकर अचानक कहानी में जो नया ट्विस्ट आया है, उसे समझने और सच्चाई की तह तक पहुंचने के लिए जरूरी है, सिलसिलेवार कुछ बातों औऱ कुछ और तस्वीरों की बात की जाए. सबसे पहले निक्की की पिटाई से लेकर मौत और उसके अंतिम संस्कार तक की पूरी टाइमलाइन को समझना जरूरी है.

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घरवालों औऱ चशमदीदों के बयान के मुताबिक निक्की 21 अगस्त की शाम साढ़े पांच बजे झुलसी या झुलसाई गई थी. इसके करीब आधे घंटे बाद ठीक शाम 6 बजे निक्की ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पहुंचाई जाती है. जिस गाड़ी में निक्की को घर से फोर्टिस अस्पताल तक ले जाया गया उस गाडी़ में बुरी तरह झुलसी निक्की के अलावा उसकी सास दया, ससुर सतबीर और एक पड़ोसी देवेंद्र मौजूद था. देवेंद्र ही गाड़ी चला रहा था.

अस्पताल पहुंचने के बाद जिस पहले डॉक्टर और नर्स ने निक्की को देखा उस वक्त तक निक्की होश में थी और बात कर रही थी. निक्की ने उन्हीं डॉक्टर और नर्स को पूछने पर बताया कि घर में सिलेंडर फटने की वजह से वो झुलस गई. फोर्टिस अस्पताल में दर्ज एमएलसी यानि मेडिको लीगल केस डायरी में निकिता के अस्पताल लाए जाने का वक्त भी लिखा हुआ है. शाम 6 बजे. उस एमएलसी में ये भी लिखा है कि अस्पताल पहुंचने पर निकिता की हालत क्रिटिकल थी. इसमें निकिता को अस्पताल लाने वाले शख्स का नाम भी दर्ज है. वही उनका पड़ोसी देवेंद्र. इस एमएलसी की सबसे खास बात ये है कि इसमें निकिता के बयान के आधार पर ही ये साफ साफ लिखा है कि घर पर गैस सलेंडर फटने से मरीज काफी गंभीर तरह से जल गया है.

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जिस डॉक्टर और नर्स के सामने निक्की ने सिलेंडर फटने का बयान दिया था, पुलिस उन दोनों डॉक्टर और नर्स के बयान दर्ज कर चुकी है. अब अगर डॉक्टर और नर्स सच कह रहे हैं. एमएलसी में लिखी आग लगने की वजह खुद निक्की ने ही बताई है तो फिर सवाल उठता है कि क्या निक्की हादसे का शिकार हुई? अचानक सिलेंडर फट गया और वो जल गई. लेकिन अगर यही सच है तो फिर घर में सिलेंडर फटने से एक अकेली निक्की ही क्यों जली. पर असल में ये सच है ही नहीं. क्योंकि पुलिस जब निक्की के घर यानि उसके ससुराल पहुंची तो उस घर में सिलेंडर फटने का कोई सबूत ही नहीं मिला. 

21 अगस्त की शाम उस घर में कोई सिलेंडर नहीं फटा था. सिलेंडर फटने से धमाका होता है. दूर तक आवाज जाती है. आसपास की चीजें तहस नहस हो जाती हैं. लेकिन ना किसी पड़ोसी ने किसी धमाके की आवाज सुनी, ना घर के किचन और उसके करीब के किसी हिस्से को कोई नुकसान पहुंचा और ना ही फटा हुआ सिलेंडर घर से बरामद हुआ. यानि सिलेंडर की थ्योरी सही नहीं है. पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सचमुच निक्की ने डॉक्टर नर्स को सिलेंडर फटने वाला ही बयान दिया था. या ये बयान दबाव में उससे दिलवाया गया था.

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एफआईआर के मुताबिक निक्की की हालत बेहुद नाजुक होने की वजह से 21 अगस्त की रात को ही फोर्टिस अस्पताल ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाने को कहा. लेकिन सफदरजंग अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही निक्की की मौत हो गई. निक्की की मौत के बाद भी उसकी लाश उसके मायके नहीं ले जाई गई बल्की उसी घर में लाई गई जहां वो जली थी, यानि ससुराल में. अब तक निक्की की मौत की खबर उसके तमाम घरवालों और रिश्तेदारों को भी मिल चुकी थी. 

रात बीतती है और अगली सुबह यानि 22 अगस्त को निक्की का ग्रेटर नोएडा में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. अंतिम संस्कार 22 अगस्त की सुबह ठीक 8 बजे हुआ. सबसे हैरानी की बात ये है कि निक्की के अंतिम संस्कार में दोनों ही परिवार के लोग मौजूद थे. निक्की के घरवाले भी और निक्की के ससुराल वाले भी. यहां तक कि निक्की की चिता को आग खुद निक्की के ससुर ने दी. चिता को आग देते हुए निक्की के ससुर सतबीर की तस्वीर भी सामने आई. यहां तक की अंतिम संस्कार के मौके पर निक्की का भाई भी निक्की के ससुर के साथ खड़ा था.

अब सवाल ये है कि जब मुश्किल से 12 घंटे पहले निक्की को जिंदा जलाया गया और इस हादसे की गवाह खुद उसकी अपनी बहन कंचन थी तो उसके बावजूद दोनों परिवार अंतिम संस्कार में एक साथ कैसे आए? यहां तक की निक्की के ससुर ने चिता को आग कैसे दी?

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अंतिम संस्कार हुए अब करीब 3 घंटे बीत चुके थे. जिस अंतिम संस्कार में अब तक दोनों परिवार साथ था. अंतिम संस्कार के बाद अगले तीन घंटे में अचानक कहानी बदल जाती है. निक्की की बहन कंचन अपने मायके वालों के साथ सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचती है और वहां जाकर एक एफआईआर लिखवाती है. इस एफआईआर के जरिए पहली बार कंचन अपने ससुराल वालों पर निक्की को जलाकर मार देने का इल्जाम लगाती है. कंचन ने एफआईआर में जो कुछ लिखवाया है उसके मुताबिक, सास दया और पति विपिन ने मिलकर निक्की के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाला और उसे आग लगा दी. हादसे के वक्त ससुर सतबीर और खुद कंचन का पति रोहित भी मौके पर मौजूद था.

सवाल ये है कि जब कंचन खुद इस हादसे की गवाह थी. निक्की की मौत के बाद जब खुद कंचन और निक्की का पूरा परिवार घर आया, वो उससे मिली तब उसने ये सच्चाई घरवालों को क्यों नहीं बताई. अगर घरवालों को ये सच पता चल जाता तो क्या वो निक्की का अंतिम संस्कार उसी के कातिल ससुर के हाथों करवाते? और क्या निक्की का परिवार उसके ससुराल वालों के साथ अंतिम संस्कार में मौजदू होता? यकीनन नहीं.

ये सारे सवाल अभी सfर उठा ही रहे थे कि तभी एक और वीडियो सामने आ गया. वो वीडियो 21 अगस्त की शाम का ही है. जिस बेकरी में वो सीसीटीवी कैमरा लगा था, उस कैमरे में दिखा रहा वक्त 5 मिनट आगे है. इस सीसीटीवी कैमरे में निक्की का पति विपिन दिखाई दे रहा है, जो अपने घर के बाहर बेकरी की दुकान पर खड़ा है. कुछ देर बाद वो सड़क पार करता है. वो तस्वीरें इसलिए अहम है क्योंकि 21 अगस्त की शाम की ये ठीक उसी वक्त की तस्वीरें हैं, जिस वक्त निक्की घर के अंदर जल रही थी. अब सवाल ये है कि अगर हादसे के वक्त विपिन घर पर ही नहीं था बल्कि बाहर यूं टहल रहा था तो फिर निक्की को उसने कैसे जलाया? पुलिस इस सीसीटीवी कैमरे को भी सामने रख कर इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है.

अब वापस पहली दो तस्वीरों पर लौटते हैं. वो पहली तस्वीर जिसमें निक्की को उसका पति और सास पीटते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर उस तस्वीर को 21 अगस्त की शाम की तस्वीर बताया गया. जबकि असलियत ये है कि वो तस्वीर 21 अगस्त की उस शाम की है ही नहीं. असल में वो तस्वीर 6 महीने पुरानी है. इसी साल फरवरी की. यानि निक्की के जलने या जलाए जाने से पहले की ये तस्वीर है ही नहीं.

अब बात दूसरी तस्वीर की. उस तस्वीर के दो हिस्से हैं. तस्वीर के एक हिस्से में निकिता आग के शोलों से घिरी सीढ़ियों से उतर रही है. जबकि उसी तस्वीर का दूसरा हिस्सा है, जिसमें वो आग से झुलसने के बाद बुरी तरह घायल जमीन पर बैठी है. इस तस्वीर में एक रोती हुई आवाज है. ये आवाज निक्की की बहन कंचन की है. जिसमें कंचन कह रही है- 'बहन तुने क्या कर लिया.'
 
सवाल ये है कि कंचन यहां ये क्यों कह रही है कि बहन तुने ये क्या कर लिया? क्या इसका मतलब ये हुआ कि निक्की ने खुद को आग लगाई. और इसका मतलब ये नहीं है और कंचन सचमुच इस हादसे की गवाह है, तो दो दिन बाद उसने कैमरे पर ये क्यों दावा किया कि उसकी आंखों के सामने उसकी बहन को जलाया गया.

इस पूरे केस को लेकर हर रोज कोई ना कोई नया सूबत या सवाल सामने आ रहे हैं. ग्रेटर नोएडा पुलिस मामले की छानबीन भी कर रही है. यहां तक की पुलिस ने एक बार फिर कंचन से भी पूछताछ करने का फैसला किया है. क्योंकि कंचन के बयान और तस्वीरें दो अलग अलग कहानियां बयान कर रही हैं. वो कंचन ही थी, जिसने सबसे पहले 21 अगस्त की कहानी बताई थी. दरअसल, कंचन और निक्की दोनों सगी बहनें हैं. दोनों की ही शादी एक ही घर में दो सगे भाइयों से हुई थी.

(ग्रेटर नोएडा से अरविंद ओझा और अरुण त्यागी के साथ हिमांशु मिश्रा का इनपुट)

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