Goa Club Fire Case: गोवा के अंजुना में मौजूद ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में 6 दिसंबर 2025 को भीषण आग लग गई थी. इस दर्दनाक हादसे में 25 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. बताया गया कि क्लब में उस वक्त भारी भीड़ मौजूद थी. आग तेजी से फैली और लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. यह हादसा गोवा के सबसे बड़ा अग्निकांड माना जा रहा है. घटना के बाद पूरे देश में क्लब सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. अब इस मामले में गोवा की अदालत ने दोनों आरोपियों को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
कौन हैं लूथरा ब्रदर्स?
इस नाइटक्लब के को-ओनर गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा हैं. दोनों पर क्लब के संचालन और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी थी. हादसे के बाद से ही दोनों आरोपी जांच एजेंसियों के रडार पर थे. पुलिस का दावा है कि क्लब में फायर सेफ्टी नियमों का गंभीर उल्लंघन किया गया था. इसी लापरवाही ने इतना बड़ा हादसा करा दिया.
हादसे के बाद कैसे हुए फरार?
आग लगने के कुछ घंटों बाद ही लूथरा ब्रदर्स भारत छोड़कर फरार हो गए थे. वे मुंबई से थाईलैंड के फुकेट पहुंचे थे. गोवा पुलिस ने तुरंत उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया. इसके बाद इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया. उन दोनों का विदेश भागना जांच से बचने की कोशिश था.
थाईलैंड में डिटेंशन
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने दोनों के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए थे. इसके बाद थाईलैंड की एजेंसियों ने उन्हें फुकेट में डिटेन कर लिया. मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे उन्हें इंडिगो फ्लाइट से दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया. जहां उन्हें गिरफ्तार किया गया. भारत वापसी के साथ ही इस केस ने नई रफ्तार पकड़ ली है.
ट्रांजिट रिमांड
दिल्ली पहुंचने के बाद पुलिस ट्रांजिट रिमांड की प्रक्रिया में जुट गई. योजना के मुताबिक दोनों को देर रात गोवा लाया गया. गोवा पहुंचते ही उन्हें अंजुना पुलिस स्टेशन ले जाया गया. यहां आग लगने की वजह, क्लब संचालन और सुरक्षा इंतजामों पर उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस को कई अहम खुलासों की उम्मीद है.
बीएनएस धारा 105: गैर इरादतन हत्या
एफआईआर में बीएनएस की धारा 105 लगाई गई है, जो आईपीसी की धारा 304 के समान है. यह गैर इरादतन हत्या से जुड़ी धारा है. अगर यह साबित हो गया कि लापरवाही जानलेवा थी, तो 5 से 10 साल या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
बीएनएस धारा 125: जान को खतरे में डालना
धारा 125 उन कृत्यों पर लागू होती है, जिनसे लोगों की जान या निजी सुरक्षा खतरे में पड़ती है. इसमें तीन महीने तक की जेल या जुर्माने का प्रावधान है. अगर किसी को चोट लगी हो तो सजा बढ़ जाती है. गंभीर चोट की स्थिति में 3 साल तक की जेल हो सकती है.
बीएनएस धारा 287: आग से लापरवाही
इस केस में बीएनएस की धारा 287 भी जोड़ी गई है. आरोप है कि क्लब में आग से बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे. फायर एक्सटिंग्विशर, इमरजेंसी एग्जिट और सेफ्टी ट्रेनिंग की कमी सामने आई है. इस धारा में 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
आरोपियों के खिलाफ अन्य धाराएं
एफआईआर में साझा इरादा यानी कॉमन इंटेंशन की धाराएं भी शामिल हैं. बीएनएस की धारा 3(5) के तहत सभी जिम्मेदार लोगों की सामूहिक लापरवाही की जांच हो रही है. पुलिस मानती है कि मालिक, मैनेजर और आयोजनकर्ता सभी जिम्मेदार हैं. इससे सजा और कठोर हो सकती है.
कितनी सजा संभव?
अगर कोर्ट यह मानता है कि लूथरा ब्रदर्स की लापरवाही से 25 लोगों की मौत हुई, तो उन्हें लंबी जेल या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. कई धाराएं एक साथ साबित होने पर कुल सजा काफी बढ़ सकती है. आर्थिक जुर्माना भी भारी हो सकता है. अंतिम फैसला सबूतों पर निर्भर करेगा.
कानूनी प्रक्रिया
अब गोवा पुलिस गहन जांच करेगी और चार्जशीट दाखिल करेगी. ट्रायल के दौरान गवाहों और तकनीकी रिपोर्ट की अहम भूमिका होगी. यह केस पूरे देश में क्लब और इवेंट सेफ्टी के लिए मिसाल बन सकता है. पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने की उम्मीद है. सभी की नजरें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.
पांच दिन की पुलिस रिमांड
गोवा की एक अदालत ने लूथरा ब्रदर्स को पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है. सुनवाई के दौरान गौरव लूथरा ने पीठ के निचले हिस्से में L4–L5 से जुड़ी समस्या और दर्द की शिकायत करते हुए कस्टडी में गद्दा उपलब्ध कराने की मांग की थी. हालांकि, मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों की रिपोर्ट सामने आने पर अदालत ने गद्दा इस्तेमाल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने आदेश दिया है कि रिमांड अवधि पूरी होने के बाद लूथरा ब्रदर्स को दोबारा 22 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाएगा.
परवेज़ सागर