Pune Cousin Murder Case: महाराष्ट्र के पुणे में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां नाज़ायज़ रिश्ते के शक में एक शख्स ने अपने ही चचेरे भाई की बेरहमी से हत्या कर दी. ये मामला तब उजागर हुआ जब स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध बोरा देखा और पुलिस को सूचना दी. बोरे के अंदर से एक युवक की लाश मिली, जिसके बाद पुलिस ने हत्या की इस वारदात का खुलासा किया.
अजय कुमार के तौर पर हई शिनाख्त
यह कत्ल की वारदात पुणे के भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन इलाके की है. जहां गूजरवाड़ी-निंबालकरवाड़ी इलाके में एक सुनसान पहाड़ी के पास एक संदिग्ध बोरा मिलने से इस कहानी का आगाज़ हुआ. पुलिस सूचना मिलने पर वहां पहुंची और बोरे की जांच की. बोरे में एक युवक की लाश थी. जाहिर है पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि मामला कत्ल का है.
मृतक युवक की पहचान 22 साल के अजय कुमार गणेश पंडित के रूप में हुई. वह साईनगर, खोपड़ेनगर, कटराज में मज़दूर के तौर पर काम करता था. वह मूल रूप से झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले के चतरो गांव का रहने वाला था. परिवार के साथ आजीविका की तलाश में वह पुणे आया था.
आरोपी भी रिश्तेदार
पुलिस की छानबीन में कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ गया. जिसकी शिनाख्त 35 साल के अशोक कैलास पंडित के तौर पर हुई. वह यादववाड़ी, मोशी में रहता था और मूल रूप से झारखंड के हज़ारीबाग के गेड़ा बरखंता का निवासी है. मक्तूल और कातिल दोनों रिश्ते में चचेरे भाई हैं और पंडित परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दोनों ही अलग-अलग कंस्ट्रक्शन साइट्स पर मज़दूरी का काम करते थे.
पत्नी के साथ अफेयर का शक
लाश को कब्जे में लेने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की. पुलिस जांच में सामने आया कि अशोक को अपनी पत्नी के कुछ चैट मैसेज मिले, जिससे उसे शक हुआ कि उसकी पत्नी का उसके चचेरे भाई अजय कुमार के साथ नाज़ायज़ रिश्ता है. चैट्स देखकर अशोक का गुस्सा भड़क गया और वह अजय कुमार को ढूंढने लगा.
खुलासा होते ही फरार हो गया था अजय
अजय कुमार को जब पता चला कि उसके अवैध संबंधों का राज़ खुल चुका है, तो वह अपनी कंस्ट्रक्शन साइट से भाग निकला और 2-3 दिनों तक उसी इलाके में छिपकर रहा. इस दौरान गुस्से में पागल हो चुका अशोक लगातार उसकी तलाश में था. वो उसका पीछा कर रहा था.
दूसरी साइट पर मिला ठिकाना
काफी खोजबीन के बाद आखिरकार अशोक को जानकारी मिली कि अजय कुमार एक दूसरी कंस्ट्रक्शन साइट पर छिपकर रह रहा है. तभी अशोक ने उसे सबक सिखाने का प्लान बनाया. वह मौके की तलाश में था और रात के अंधेरे का इंतजार कर रहा था.
धारदार हथियार से हमला
एक दिन रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अशोक उस साइट पर जा पहुंचा और अजय कुमार पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. हमले की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि अजयकुमार की मौके पर ही मौत हो गई. अब अशोक के सामने बड़ा सवाल ये था कि अजय की लाश को कैसे ठिकाने लगाया जाए. तो उसने इस बात का उपाय भी तलाश कर लिया था.
सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के बाद अशोक ने लाश से छुटकारा पाने के लिए उसे एक बड़े बोरे में भर दिया. फिर वह बोरा उठाकर भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गूजरवाड़ी-निंबालकरवाड़ी इलाके में एक सुनसान पहाड़ी के पास फेंक आया. उसे लगा कि जंगली इलाके में लाश मिलने में समय लगेगा और वह गिरफ्तारी से बच जाएगा.
ऐसे खुला लाश का राज़
लेकिन अशोक की योजना सफल नहीं हो पाई. अगले ही दिन स्थानीय लोगों की नजर बोरे पर पड़ी. शक होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को बोरे के बारे में सूचना दी. इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और बोरे को खोला. और वहीं बात सच निकली, जो सब सोच रहे थे. बोरे के अंदर एक युवक की खून से सनी लाश थी. जिसे देखकर लोग सहम गए. पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू कर चुकी थी.
नाज़ायज़ रिश्ते की बात
जांच शुरू होने पर लाश की पहचान की गई और सुराग पुलिस को अशोक तक ले गए. जब पुलिस ने आरोपी आशोक को पकड़ा और उससे पूछताछ की. इसी दौरान आरोपी अशोक ने पुलिस के सामने अपनी पत्नी पर शक की असली वजह बताई. उसने कहा कि उसे अपने चचेरे भाई अजय पर शक था कि उसकी पत्नी के साथ उसके नाज़ायज़ रिश्ते थे. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है.
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
पुणे के भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर खिलारे ने इंडिया टुडे को बताया कि आरोपी अशोक पंडित को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
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