कन्हैया हुए कांग्रेसी, जेएनयू विवाद से चर्चा में आए युवा नेता पर दर्ज हैं ये आपराधिक केस

2019 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई ने कन्हैया को उनके गृह जनपद बेगूसराय से मैदान में उतारा था. उस वक्त नामांकन के समय जो हलफनामा कन्हैया कुमार ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दिया था, उसमें पांच मामलों का जिक्र किया गया था.

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कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

छात्र नेता से नेता बने कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया है. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. कन्हैया कुमार का जीवन छात्र राजनीति के दिनों से ही चर्चा में रहा है. एक समय पर कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. यही वजह है कि अब कांग्रेस में उनकी एंट्री को लेकर बीजेपी हमलावर नजर आ रही है. मगर कन्हैया के खिलाफ केवल देशद्रोह का ही मामला नहीं है और मामले भी उनके खिलाफ दर्ज हैं.

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2019 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई ने कन्हैया को उनके गृह जनपद बेगूसराय से मैदान में उतारा था. उस वक्त नामांकन के समय जो हलफनामा कन्हैया कुमार ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दिया था, उसमें पांच मामलों का जिक्र किया गया था. हलफनामे के मुताबिक कन्हैया पर धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने, अनाधिकृत सभा करने, सरकारी काम में बाधा डालने, धारा 124ए के तहत नारेबाजी करने और महामारी एक्ट जैसे कुल पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं और सभी लंबित बताए जाते हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि कन्हैया के खिलाफ वो पांच मामले कौन-कौन से हैं और कहां दर्ज हुए.

कन्हैया के खिलाफ दर्ज मामले-

पहला मामला साल 2016 का है. जब कन्हैया कुमार के खिलाफ दिल्ली के वसंत कुंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या- 110/2016 दर्ज किया गया था. इस मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 323, 123, 149, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें इस केस में जमानत दे दी थी. 

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दूसरा मामला साल 2017 का है. जो कन्हैया के खिलाफ गुजरात के मेहसाणा में  मुकदमा अपराध संख्या- 86/2017 के रूप में मेहसाणा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. इस मामले में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 143 लगाई गई थी. यह मामला मेहसाणा के अतिरिक्त सिविल जज (तृतीय) की अदालत में था. धारा 143 के तहत उन पर गैरकानूनी जनसमूह के सदस्य का आरोप लगा था. 

तीसरा मामला साल 2018 का है. जो बिहार की राजधानी पटना में दर्ज किया गया था. पटना के फुलवारी शरीफ थाने में उनके खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या- 856/2018 दर्ज किया गया था. जिसमें उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 353, 379, 504, 506 के तहत मामला दर्ज हुआ था. यह मामला एसीजीएम कोर्ट में चल रहा था.

चौथा मामला भी साल 2018 का ही है. जो बिहार के बेगूसराय में थाना भागलपुर में मुकदमा अपराध संख्या- 214/2018 के रूप में दर्ज किया गया था. इस मामले में कन्हैया के खिलाफ आईपीसी की धारा  147, 149, 341, 323, 307, 504, 295, 27 के तहत आरोप लगाए गए थे. यह मामला सीजेएम कोर्ट में चला. 

पांचवा मामला साल 2019 में तब का है, जब वह बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. बेगूसराय के थाना पुरचक में उनके खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 34/2019 दर्ज किया गया था. जिसमें उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (महामारी एक्ट) लगाई गई थी. यह मामला एसीजेएम बेगूसराय की कोर्ट में चल रहा था. 

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कन्हैया कुमार के खिलाफ ये पांच मामले तो चले लेकिन किसी भी मामले में सजा नहीं हुई. बता दें कि कन्हैया कुमार बिहार के बेगूसराय जिले के एक छोटे के गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता जयशंकर सिंह पैरालिसिस से पीड़ित बताए जाते हैं. जबकि उनकी मां मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. उनके बड़े भाई प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं. 2002 में कन्हैया ने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया था, जहां से उनकी छात्र राजनीति का आगाज़ हुआ. पटना से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद कन्हैया ने जेएनयू में अफ्रीकन स्टडीज में पीएचडी के लिए एडमिशन ले लिया था. इसी दौरान साल 2015 में वह जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे और फरवरी 2016 में यहां हुई नारेबाजी मामले के बाद वो विवादों में आए थे.

 

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