CrPC Section 62: कैसे हो समन की तामील, सीआरपीसी की धारा 62 में है प्रावधान

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 62 (Section 62) में समन की तामील कैसे की जाए (Summons how served), इसके बारे में जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 62 समन को लेकर क्या प्रावधान बताती है?

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समन की तामील से संबंधित है CrPC की धारा 62 समन की तामील से संबंधित है CrPC की धारा 62

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST
  • समन की तामील से संबंधित है CrPC की धारा 62
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संशोधन

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धाराओं (Sections) में कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) की कार्यप्रणाली और उनके काम करने की प्रक्रिया (Process) के संबंध में प्रावधान (provision) मिलते हैं. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 62 (Section 62) में समन की तामील कैसे की जाए (Summons how served), इसके बारे में जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 62 समन को लेकर क्या प्रावधान बताती है?

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सीआरपीसी की धारा 62 (CrPC Section 62)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 62 (Section 62) में यह स्पष्ट किया गया है कि समन की तामील (Summons served) कैसे की जाए. CrPC की धारा 62 के अनुसार- 

(1) प्रत्येक समन (Every summons) की तामील (served) पुलिस अधिकारी (police officer) द्वारा या ऐसे नियमों के अधीन जो राज्य सरकार (State Government) इस निमित्त बनाए, उस न्यायालय (Court) के, जिसने वह समन जारी किया है, किसी अधिकारी (officer) द्वारा या अन्य लोक सेवक (public servant) द्वारा की जाएगी.

(2) यदि साध्य (practicable) हो तो समन किए गए व्यक्ति पर समन की तामील उसे उस समन की दो प्रतियों में से एक का परिदान या निविदान (delivery or tender) करके वैयक्तिक रूप (personal appearance) से की जाएगी.

(3) प्रत्येक व्यक्ति (Every person), जिस पर समन की ऐसे तामील की गई है. यदि तामील करने वाले अधिकारी (serving officer) द्वारा ऐसी अपेक्षा की जाती है तो, दूसरी प्रति (other duplicate) पृष्ठ के भाग पर उसके लिए रसीद हस्ताक्षरित (sign a receipt) करेगा.

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इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 61: समन का प्रारूप परिभाषित करती है सीआरपीसी की धारा 61 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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