'12वीं की छात्रा को तेजाब से जलाने की धमकी' आरोपी जेल में फिर कौन भेज रहा था लेटर? पुलिस का बड़ा खुलासा

क्लासमेट छात्र ने छात्रा से बात करना बंद कर दिया था. वो दूसरी लड़कियों से बात करे यह छात्रा को पसंद नहीं था. फिर उसने प्लान बनाया. धमकी भरे लेटर भेजने के केस में छात्र को गिरफ्तार करा दिया. लेकिन सच्चाई का पता चला. छात्रा ने खुद ही 50 धमकी भरे लेटर खुद के लिए लिखे थे.

Advertisement
जोधपुर का शास्त्री नगर थाना जोधपुर का शास्त्री नगर थाना

अशोक शर्मा

  • जोधपुर,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

दोस्ती नहीं करने पर 12वीं की छात्रा को तेजाब से जलाने की धमकी के मामले में जोधपुर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस की जांच में सामने आया कि छात्रा ने खुद ही अपने क्लासमेट छात्र को फंसाने के लिए पूरा प्लान रचा था. उसको छात्र का दूसरी छात्राओं से बात करना पसंद नहीं. शक था कि छात्र उसकी बुराईयां अन्य छात्र-छात्राओं से करता है. छात्रा ने प्लान बनाया और बीते 50 के करीब धमकी भरे लेटर मिलने की शिकायत पुलिस में की. केस में छात्र को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया गया था. उसके रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया गया था. एक को कस्टडी में भेज गया है और दूसरे को रिमांड में. फिर सामने आया कि छात्रा ने खुद को ही धमकी भरे लेटर लिखे और नाम क्लासमेट का लगा दिया था. अब सच्चाई का खुलासा होने के बाद पुलिस दोनों लड़कों की रिहाई के लिए कोर्ट में पेश करेगी. इस केस में पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत दोनों पर कार्रवाई की थी.

Advertisement

सेंट्रल एकेडमी में पढ़ने वाली 12वीं की छात्रा की शिकायत पर पांच सितंबर को उनके क्लासमेट छात्र के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. छात्रा ने कहा था ''साथी क्लासमेट ने उसे धमकी भरा लेटर दिया. जिसमें दोस्ती नहीं करने पर तेजाब से जला देने की धमकी दी गई.''

शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू की. लेकिन छात्रा आय दिन धमकी भरा नया लेटर पुलिस के सामने पेश कर देती. छात्रा के परिवार वाले इन लेटर की वजह से घबराने लगे. उन्हें लगा कि कहीं उनकी बेटी के साथ कुछ गलत नहीं हो जाए.

इसलिए पुलिस पर छात्र और उसके रिश्तेदार को गिरफ्तार करने का दवाब बनाया. बीते हफ्ते दोनों को पुलिस उठा लाई और कोर्ट में पेश किया. एक को रिमांड पर लिया गया और एक को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया.

Advertisement

पांच सितंबर से लेकर अभी तक छात्रा करीब 50 धमकी भरे लेटर पुलिस को दे चुकी थी. पुलिस जो भी कार्रवाई कर रही थी.  वह अगले दिन छात्रा को मिले लेटर में लिखी होती थी. यह भी लिखा होता था कि पुलिस वाले कुछ नहीं कर रहे हैं. पुलिस के लिए भी अपशब्द लिखे मिलते. पुलिस को इस बात का अचरज होता कि मामले में कार्रवाई हो रही है वो लेटर लिखने वाले को कैसे पता चलता है. जिन पर आरोप हैं वो तो पुलिस कस्टडी में है.

इस मामले में जिस लड़के पर आरोप थे. उसने 14 सितंबर को एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में उसने कहा था वो बेकसूर है. छात्रा खुद ही लेटर लिख रही है और मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है. लेटर में लिखी राइटिंग मेरी नहीं है. पुलिस को उसने यह भी बताया कि थी जब वो इंदौर गया था उस दौरान भी छात्रा को लेटर मिल थे. लेकिन वो तो शहर में था ही नहीं.

पुलिस कमिश्नर हुए इन्वॉल्व

केस की चर्चा पूरे शहर में थी. नामी स्कूल होने के कारण यहां पढ़ने वाले दूसरे बच्चों के अभिभावकों को भी चिंता होती थी. पूरे मामले में स्कूल मैनेजमेंट पुलिस का पूरा साथ दे रहा था. मामले को संवदेनशील मानकर पुलिस कमिश्नर ने खुद इसकी मॉनिटरिंग शुरू की. कमिश्नर रविदत्त गौड़, एसीपी चक्रवर्ती सिंह और शास्त्रीनगर थाना अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने इसकी बारिकी से जांच शुरू की. हर एंगल से जांच की जाने लगी.

Advertisement

यूं लगा सच्चाई का पता

मामला दर्ज होने के बाद भी परिजन पुलिस को हमेशा बताते कि आज घर पर लेटर मिला. आज स्कूल में लेटर मिला. सितंबर से लेकर अभी तक पचास धमकी भेर लेटर मिल चुके हैं. एक दिन जब पुलिस छात्रा के घर पूछताछ के लिए गई तो उनके पहुंचते ही छात्रा ने कहा आज भी लेटर आया है. जिसे पुलिस ने ही बरामद किया. जिन पर आरोप था वे पुलिस गिरफ्त में थे. फिर भी लेटर सिलसिला नहीं थमा. तो पुलिस भी अचरज में पड़ गई. 

सेंट्रल एकेडमी प्रबंधन ने छात्रा के घर आने वाली स्कूल बस की दोनों महिला कर्मचारी को हिदायत दी कि घर से लेकर बस में बैठने तक और छुट्टी होने पर छात्रा को घर तक छोड़ें.

एक दिन स्कूल पहुंचते ही छात्रा ने टीचर को बताया कि बैग में किसी ने लेटर डाल दिया है. तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस स्कूल पहुंची और छात्रा से पूछताछ की. इस पर छात्रा ने महिला कर्मचारी पर ही लेटर बैग में डालने का आरोप लगा दिया.

महिला कर्मचारी से छात्रा से कहा झूठ क्यों बोल रही हो. इस पर छात्रा सहम गई. पुलिस समझ गई दाल में कुछ काला है. छात्रा के परिजनों को बुलाया गया. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरा भेद खुल गया. छात्रा ने परिजनों को सामने खुदी ही लेटर लिखने की बात स्वीकारी.

Advertisement

पुलिस ने सभी लेटरों को राइटिंग मैच की. सभी में लिखाई का पैटर्न एक जैसा मिला. पुलिस को छात्रा ने बताया कि वो रफ तरीके लेटर लिखा करती थी. पुलिस की जो भी कार्रवाई हो रही है वो भी जानबूझ कर लेटर में लिखती. जिससे सभी को डर लगा रहे. छात्रा ने यह भी बताया क्लासमेट ने अपने पापा के कहने पर उससे बात करना बंद कर दिया. सोशल मीडिया पर भी ब्लॉक कर दिया था. उसी दिन से उसने ऐसा करने का प्लान बनाया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement