Aligarh Constable Hemlata Death Case: यूपी के अलीगढ़ जिले में एक 28 साल की महिला कांस्टेबल की संदिग्ध मौत ने सनसनी फैला दी है. शुरुआती जानकारी में कहा गया कि महिला पुलिसकर्मी ने फांसी लगाकर जान दी है, लेकिन उसके परिवार ने इस बात पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. परिवार उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगा रहा है. पुलिस ने सोमवार को इस घटना की पुष्टि की है.
अलीगढ़ पुलिस के मुताबिक, मृतका की शिनाख्त कांस्टेबल हेमलता के तौर पर हुई है. रोरावर पुलिस स्टेशन में तैनात हेमलता बन्नादेवी इलाके में किराए के मकान में रहती थीं. शनिवार को उन्हें उनके कमरे में मृत पाया गया. घटना के बाद से पुलिस और परिवार दोनों के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं.
‘गला घोंटकर मारा, फिर फांसी पर टांगा’
पीटीआई के मुताबिक, हेमलता के पिता करमवीर सिंह आगरा के बैमन गांव में रहने वाले किसान हैं. उन्होंने अपनी बेटी के अंतिम संस्कार के बाद चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ऐसा कदम उठा ही नहीं सकती थी. उनका कहना है कि हेमलता को पहले गला घोंटा गया और बाद में उसे फांसी पर लटका दिया गया ताकि मामला खुदकुशी जैसा लगे. उनका यह भी कहना है कि वह मानसिक रूप से मजबूत और खुशमिजाज थी. हालांकि, पुलिस के मुताबिक परिवार ने अभी तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है.
किराए के मकान में मौत
हेमलता जिस किराए के कमरे में रहती थी, वहीं उसकी लाश फंदे से लटकी मिली. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पाया कि कमरा अंदर से बंद था. यह जानकारी डीआईजी प्रभाकर चौधरी ने मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि शुरुआती हालात आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं. हालांकि परिवार की तरफ से उठाए गए सवालों ने मामले को जटिल बना दिया है. घटना स्थल और कमरे की स्थिति पर भी जांच टीम ने कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है.
WhatsApp स्टेटस बना मौत का पहला सुराग
हेमलता की मौत की सूचना पुलिस को उनके एक दोस्त ने दी. उस दोस्त ने हेमलता का WhatsApp स्टेटस देखा, जिसमें लिखा था कि वह खुदकुशी करने वाली है. यह स्टेटस देखकर उसने तत्काल पुलिस को अलर्ट किया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी. अंदर हेमलता का शव फंदे से लटका मिला. यह एक अहम कारण है, जिसके आधार पर पुलिस सुसाइड का एंगल मजबूत मान रही है. लेकिन पिता इस स्टेटस पर भी शक जता रहे हैं.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बढ़ाई परेशानी
बन्नादेवी थाने के प्रभारी निरीक्षक एसपी सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह का स्पष्ट निष्कर्ष सामने नहीं आया है. रिपोर्ट में न तो हत्या की पुष्टि हुई और न ही आत्महत्या की. यही वजह है कि मामला और उलझ गया है. परिवार हत्या की संभावना जताता है, जबकि पुलिस मौके की स्थिति और स्टेटस मैसेज को आधार बनाकर सुसाइड की ओर इशारा कर रही है. अब मेडिकल टीम से विस्तृत विश्लेषण की भी रिपोर्ट मांगी गई है.
पिता और पुलिस के दावों में टकराव
DIG प्रभाकर चौधरी ने कहा कि घटनास्थल की स्थिति, कमरे का अंदर से लॉक होना और WhatsApp स्टेटस तीनों बातें आत्महत्या की तरफ इशारा करती हैं. पुलिस उसी आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है. दूसरी तरफ पिता का कहना है कि उनकी बेटी मानसिक रूप से मजबूत थी और किसी भी हालत में ऐसा कदम नहीं उठा सकती थी. उन्होंने साफ कहा कि वह जल्द पुलिस में लिखित शिकायत भी देंगे. अब सवाल है कि पोस्टमॉर्टम की अस्पष्ट रिपोर्ट के बाद जांच किस दिशा में जाएगी.
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