सबरीमाला सोना चोरी केस: स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पोट्टी गिरफ्तार, SIT ने खोली दूसरी फाइल!

सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह से सोने की रहस्यमयी गुमशुदगी का मामला गहराता जा रहा है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने उस शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसके हाथों में उसकी जिम्मेदारी थी. इस शख्स का नाम उन्नीकृष्णन पोट्टी है, जिसे दूसरे मामले में पकड़ा गया है.

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गर्भगृह के दरवाजों से गायब हुआ सोना, उन्नीकृष्णन पोट्टी पर आरोप. (File Photo: ITG) गर्भगृह के दरवाजों से गायब हुआ सोना, उन्नीकृष्णन पोट्टी पर आरोप. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • पथानामथिट्टा ,
  • 03 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

केरल के सबरीमाला मंदिर के पवित्र गर्भगृह से सोना गायब होने का सनसनीखेज मामला लगातार सुर्खियों में है. इस केस की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पोट्टी को एक दूसरे मामले में गिरफ्तार किया है. उन्नीकृष्णन पर पहले द्वारपालक की मूर्तियों से सोने की प्लेटें गायब करने का आरोप लगा था. श्रीकोविल (गर्भगृह) के दरवाजों से सोना चोरी के मामले में उन्हें पकड़ा गया है. 

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सूत्रों के मुताबिक, केरल हाई कोर्ट के आदेश पर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे. एक द्वारपालक मूर्तियों की प्लेटों से सोना गायब होने और दूसरा श्रीकोविल के दरवाजों के फ्रेम से सोना चोरी होने का है. इन दोनों ही मामलों में अब उन्नीकृष्णन पोट्टी आरोपी नंबर वन हैं. एसआईटी ने सोमवार दोपहर प्रोडक्शन वारंट के जरिए उनको ज्यूडिशियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया. 

वहां कोर्ट के सामने दूसरे केस में औपचारिक गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई. इसके बाद एसआईटी ने कोर्ट से आरोपी की कस्टडी मांगी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने उन्नीकृष्णन पोट्टी की 10 दिन की पुलिस रिमांड दे दी गई. कोर्ट से बाहर आते वक्त पोट्टी ने कहा, ''मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा.'' इसके बाद एसआईटी की टीम उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित क्राइम ब्रांच ऑफिस लेकर पहुंची है.

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वहां उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी. जांच के दायरे में अब सबरीमाला मंदिर प्रशासन के पुराने अधिकारी भी आ चुके हैं. एसआईटी पहले ही मंदिर के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी मुरारी बाबू और कार्यकारी अधिकारी डी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर चुकी है. अब पूछताछ का दायरा बढ़ाते हुए एसआईटी ने रविवार को त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन वासु का बयान भी दर्ज किया है.

गौर करने वाली बात यह है कि 2019 में जब सोने की परत चढ़ी द्वारपालक प्लेटें इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए दी गई थीं, उस वक्त एन वासु टीडीबी के चेयरमैन थे. उन्होंने उससे पहले कमिश्नर के तौर पर भी काम किया था. यह वही समय था जब उन्नीकृष्णन पोट्टी को सोना चढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया था. इसी दौरान मंदिर से कीमती सोना रहस्यमयी ढंग से गायब हो गया था. पोट्टी ने तब वासु को पत्र लिखा था.

उस पत्र में उन्नीकृष्णन पोट्टी ने दावा किया था कि इलेक्ट्रोप्लेटिंग के बाद कुछ अतिरिक्त सोना बच गया है. उन्होंने सुझाव दिया था कि इस बची हुई मात्रा का इस्तेमाल किसी गरीब महिला की शादी में मदद के लिए किया जाए. लेकिन अब जब एसआईटी ने इस पूरे मामले की तह तक पहुंचना शुरू किया, तो वही पत्र जांच का अहम सुराग बन गया है. एसआईटी टीडीबी के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ करेगी.

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जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर मंदिर के गर्भगृह से गायब हुआ सोना किन चरणों में, किसके माध्यम से और कब लापता हुआ. माना जा रहा है कि एसआईटी की यह दूसरी गिरफ्तारी केस की दिशा को पूरी तरह बदल सकती है. अब सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि सोना चोरी हुआ या नहीं, बल्कि यह भी कि क्या श्रद्धा के नाम पर हुई यह पूरी प्रक्रिया पहले से रची गई एक सुनियोजित साजिश थी?

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