राजस्थान: आबकारी अधिकारी पर नाबालिग को जंजीरों से जकड़ने का आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर पुलिस थाने के एक बंद कमरे में 17 वर्षीय नाबालिग जंजीरों से जकड़ा मिला है. आरोप है कि आबकारी अधिकारी युवक को बंदी बनाकर वसूली करने की तैयारी में थे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

नरेश सरनाऊ (बिश्नोई)

  • सांचौर,
  • 25 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
  • जालोर में आबकारी अधिकारी की शर्मनाक करतूत
  • थाने में जंजीरों में जकड़ा मिला 17 साल का नाबालिग
  • मंत्री के बेटे ने मौके पर पहुंचकर बंधक युवक को करवाया मुक्त

राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर मे आबकारी अधिकारी की शर्मनाक करतूत आई सामने आई है. सांचौर पुलिस थाने के एक बंद कमरे में 17 वर्षीय नाबालिग जंजीरों से जकड़ा मिला है. आरोप है कि आबकारी अधिकारी युवक को बंदी बनाकर वसूली करने की तैयारी में थे. ऐसे में वन एवं पर्यावरण मंत्री के बेटे डॉक्टर भूपेंद्र विश्नोई ने मौके पर पहुंचकर बंधक युवक को लेकर सांचौर उपखंड अधिकारी की मौजूदगी में अधिकारी से जवाब मांगा तो बताया गया कि अवैध ब्रांच का संचालन करते हुए इसे पकड़ा गया है.

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वहीं, सांचौर उपखंड अधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया है. इस मामले को लेकर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मंत्री पुत्र पर आबकारी थाने पहुंचकर धमकाने व दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया. 

अधिकारियों का आरोप है कि मंत्री के बेटे की ओर से अवैध ब्रांच के संचालन को लेकर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं. अवैध शराब के साथ गिरफ्तार कर एक युवक को थाने लाया गया था, जिसके बाद वह भाग न सके इसलिए, कुछ समय के लिए जंजीर लगा दी गई थी. इस बीच मंत्री के बेटे ने वहां पहुंचकर आबकारी विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाते हुए युवक को भगाने का प्रयास किया गया. 

आबकारी इंस्पेक्टर रमेश चौधरी ने कहा, ''कल मंत्री आए थे. ऐसे में उनके द्वारा राजनीतिक दबाव डालते हुए गोदाम की स्वीकृति के लिए बोला गया था. विभागीय नियमों का हवाला देते हुए आबकारी इंस्पेक्टर की ओर से उस गोदाम की लोकेशन पर आबकारी नियमों के आधार पर स्वीकृति नहीं देने की बात कही गई.'' 

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उन्होंने कहा कि मंत्री पुत्र की ओर से राजनीतिक दबाव बनाने के और गोदाम की स्वीकृति के लिए माहौल बनाया जा रहा है, जबकि आबकारी नियमों के अधीन में 400 मीटर की दूरी पर लोकेशन के आधार पर गोदाम की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है. मंत्री के बेटे की ओर से राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है. वहीं, आबकारी विभाग के अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोप साफ तौर से निराधार है.

 

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