श्रद्धा के कत्ल के बाद पूर्वी दिल्ली में मिला था कटा सिर और हाथ, क्या मर्डर से है कोई कनेक्शन?

श्रद्धा मर्डर केस में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं. पुलिस अब भी पीड़िता के बॉडी पार्ट्स ढूंढ रही है. इन सब के बीच अब पता चला है कि श्रद्धा की हत्या के बाद पुलिस को दिल्ली के पांडव नगर से कटा हुआ सिर और हाथ मिला था, लेकिन तब श्रद्धा हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ था.

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आरोपी आफताब और मृतक श्रद्धा (File Photo) आरोपी आफताब और मृतक श्रद्धा (File Photo)

वरुण सिन्हा

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

राजधानी दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की चर्चा पूरे देश में हो रही है. पुलिस अब तक श्रद्धा का सिर और शरीर के कई हिस्से बरामद नहीं कर सकी है. गिरफ्तार आरोपी आफताब पूनावाला पर पुलिस को गुमराह करने के आरोप लग रहे हैं. वह सच नहीं बता रहा है, जिसके कारण पुलिस को श्रद्धा की खोपड़ी ढूंढने में पेरशानी हो रही है. इसे देखते हुए पुलिस ने आफताब का नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है. श्रद्धा केस में जारी पुलिस की जांच के बीच अब एक नई जानकारी सामने आ रही है.

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दरअसल, पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर थाना इलाके के त्रिलोकपुरी में जून महीने में पुलिस को कटा हुआ सिर और हाथ मिला था. मानव अंग मिलने की यह घटना श्रद्धा की मौत के बाद हुई थी, लेकिन तब तक श्रद्धा हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ था. उस मामले में भी अब तक खुलासा नहीं हो सका है कि आखिर सिर और हाथ किसके थे? पुलिस को जो सिर और हाथ का हिस्सा मिला था. वो पूरी तरह खराब हालत में था. पुलिस ने उन टुकड़ों को डीएनए जांच के लिए भेजा था, जिसकी फोरेंसिक रिपोर्ट जल्द आने वाली है.

वहीं, महरौली जंगलों में मिली हड्डियों को भी डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया है. इन दोनों जगहों पर मिले सभी टुकड़ों की DNA रिपोर्ट को पुलिस मैच करवाएगी और जानने की कोशिश करेगी कि क्या यह लाश के टुकड़े श्रद्धा के तो नहीं थे. दक्षिणी जिला पुलिस ने पूर्वी जिला पुलिस से इस मामले में  संपर्क किया, जिसके बाद पूर्वी जिला पुलिस ने मामले की जानकारी दक्षिणी जिला पुलिस को सौंप दी है.

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रिलेशन से नाराज था श्रद्धा का परिवार

श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉल्कर के मुताबिक, 'बेटी श्रद्धा और आफताब अमीन पूनावाला के अफेयर के करीब 18 महीने बाद हमें दोनों के रिलेशनशिप का पता चला. बेटी ने अपनी मां से साल 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है. इसका मैंने और मेरी पत्नी ने विरोध किया था.'

परिवार की बात ना मानकर चली गई थी श्रद्धा

विकास ने आगे बताया, 'इस रिलेशनशिप को बढ़ाने से मना करने पर श्रद्धा ने कहा था कि मैं 25 साल की हो गई हूं. मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक है. मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है. मैं आज से आपकी बेटी नहीं. यह कहकर वो घर से जाने लगी, तो मेरी पत्नी ने काफी मिन्नतें की. मगर, वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई'.

पिता को हरकतों के बारे में बताया था

श्रद्धा के पिता के मुताबिक, 'बेटी के जाने के बाद उसके दोस्तों से पता चला कि दोनों नया गांव और फिर महाराष्ट्र में जाकर रहने लगे. कभी-कभी श्रद्धा अपनी मां को फोन करके बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है. इसी बीच उसकी मां की मौत हो गई.' मां की मौत के बाद एक-दो बार श्रद्धा ने अपने पिता को फोन किया. तब भी उसने आफताब की हरकतों के बारे में बताया. यही बात उसने घर आकर भी बताई थी. इस पर पिता ने आफताब को छोड़कर वापस घर लौट आने के लिए कहा था. मगर, आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई.

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दोस्त ने सूचना दी- बंद है श्रद्धा का फोन

विकास के मुताबिक उन्हें उनकी बेटी के दोस्तों शिवानी माथरे और लक्ष्मण नादर ने बताया कि श्रद्धा और आफताब के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. आफताब उसके साथ मारपीट करता है. चूंकि कई बार मैंने उसे समझाया था. मगर, उसने बात नहीं मानी थी, इस वजह से पिता ने उससे बात नहीं की थी. इसी बीच 14 सितबंर को श्रद्धा के भाई श्रीजय को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने फोन करके बताया कि उसकी बहन का फोन दो महीने से बंद है. 

पिता ने दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट

श्रद्धा के पिता ने बताया कि अगले दिन उन्होंने अपने बेटे से बात की. उसने इस बारे में उन्हें बताया, तो उन्होंने लक्ष्मण से बात की और थाना मानिकपुर महाराष्ट्र में श्रद्धा की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई'. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पता चला कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रह रही है. इस पर उन्होंने दिल्ली के महरौली थाने पहुंचकर आफताब के खिलाफ बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई.

दोनों के बीच शादी की बात पर लड़ाई हुई

जांच शुरू हुई, तो वारदात की परतें खुलने लगीं. पकड़े जाने पर आफताब ने पुलिस को बताया कि 18 मई को दोनों के बीच शादी को लेकर लड़ाई हुई थी. इसके बाद उसने फ्लैट के अंदर ही पहले धारदार हथियार से श्रद्धा की हत्या की. फिर आरी से उसके हाथ के तीन टुकड़े किए. इसके बाद पैर के भी तीन टुकड़े किए. इसी तरह पूरी बॉडी के 35 टुकड़े कर दिए. आरोपी रोज पिट्ठू बैग में शव के कुछ टुकड़ों को लेकर शहर और जंगल के अलग-अलग इलाकों में जाता और ठिकाने लगा देता. उसे लगा था कि कोई भी इस तरह उसे पकड़ नहीं पाएगा.

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