ओडिशा के गंजम जिले में साल 2003 में हुई एक बेहद चर्चित हत्याकांड में फरार चल रहा आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया. गुजरात के सूरत में फर्जी पहचान के साथ नई जिंदगी जी रहे सचिंद्र साहनी उर्फ साची (50) को बरहामपुर पुलिस ने पकड़ा है.
आरोपी ने छह लोगों के साथ मिलकर 25 मार्च 2003 को पुरानी दुश्मनी के चलते लिंगराज पात्रा की हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद से ही वो अलग-अलग राज्यों में लोकेशन बदलकर खुद को छिपाता रहा.
गंजम के पुलिस सुपरिटेंडेंट शुभेंदु पात्रा ने बताया कि वारदात के बाद मृतक की पत्नी लक्ष्मी पात्रा की शिकायत पर कविसूर्य नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था. उस समय पटिगाडा गांव इसी थाने के दायरे में आता था.
हालांकि, प्रशासनिक बदलाव के बाद अब यह इलाका पोलासरा पुलिस स्टेशन में शामिल है. पुलिस जांच में शामिल छह अन्य आरोपियों आलेख पात्रा, मीतू मोहंती, सुशांत मोहंती, बापू दलेई, मीतू रौता और कान्हू रौता को गिरफ्तार किया जा चुका था.
इस मामले में सचिंद्र साहनी पुलिस की नजर से लगातार बच रहा था. इसको पकड़ने के लिए ओडिशा और दूसरे राज्यों में कई बार रेड की गई. कई बार उसके ठिकाने को लेकर टिप-ऑफ मिले लेकिन हर बार वह पुलिस से एक कदम आगे निकल जाता था.
आखिरकार ताजा इनपुट ने उसकी लोकेशन का सही सुराग दिया. एक स्पेशल टीम सूरत रवाना की गई. टीम ने उसे उसके घर से दबोच लिया. हैरानी की बात यह है कि वह इतने वर्षों से नकली नाम से काम कर रहा था.
पोलासरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज कौशिक माझी के मुताबिक, आरोपी एक पावर-लूम फैक्ट्री में मैकेनिक की नौकरी कर रहा था. सूरत में अपने परिवार के साथ रह रहा था. उसके दो बेटे कॉलेज में पढ़ रहे हैं और बेटी की शादी हो चुकी है.
कानून से भागते हुए भी उसने सामान्य जिंदगी का पूरा ढांचा खड़ा कर लिया था. लेकिन पुराने अरेस्ट वारंट ने आखिर उसका बच पाना नामुमकिन कर दिया. गिरफ्तारी के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर सूरत से पोलासरा लाया गया.
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