मुंबई पुलिस ने 9 फरवरी तक हथियार रखने पर लगाया प्रतिबंध, ये है वजह

डीसीपी के आदेश में साफ कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी सामान या हथियार से लैस होकर जाता है या ऐसे निषेध के उल्लंघन में कोई संक्षारक पदार्थ, विस्फोटक या मिसाइल ले जाता है, तो वह व्यक्ति उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई के लिए खुद जिम्मेदार होगा.

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मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह के हथियार रखने पर बैन लगाया है मुंबई पुलिस ने किसी भी तरह के हथियार रखने पर बैन लगाया है

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने एक आदेश जारी कर हथियार, तलवार, लाठियां या कोई भी ऐसी वस्तु रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका इस्तेमाल शारीरिक नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. साथ ही 9 फरवरी तक लोगों को किसी भी तरह का हंगामा ना करने की ताकीद की गई है. 

मुंबई के पुलिस उपायुक्त (संचालन) ने मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत निषेधाज्ञा आदेश जारी किया था. उसी आदेश के अनुसार, मुंबई पुलिस आयुक्तालय सीमा के अधिकार क्षेत्र में कहीं भी हथियार, लाठियां, तलवारें, भाले, डंडे, बिना लाइसेंस वाली बंदूकें, चाकू आदि ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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आदेश में कहा गया है कि हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, यह आदेश लोगों को किसी भी संक्षारक पदार्थ या विस्फोटक ले जाने से भी रोकता है. ऐसे में पत्थर, उपकरण या मिसाइल डालने या प्रक्षेपित करने के साधनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. आदेश में कहा गया कि इस अवधि के दौरान व्यक्तियों या शवों, पुतलों के साथ प्रदर्शन, सार्वजनिक रूप से रोना, गाना गाना या संगीत बजाना भी प्रतिबंधित रखा गया है.

इस दौरान ऐसे भाषण, इशारों या नकल प्रस्तुतियों का उपयोग और चित्रों, प्रतीकों, तख्तियों या किसी अन्य वस्तु या चीज की तैयारी, प्रदर्शनी या प्रसार पर भी रोक रहेगी, जो मुंबई में तैनात किसी भी पुलिस अधिकारी की राय में शालीनता या नैतिकता के खिलाफ हो. या सुरक्षा को कमजोर कर सकता हो. 

पीटीआई के मुताबिक, डीसीपी के आदेश में साफ कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी सामान या हथियार से लैस होकर जाता है या ऐसे निषेध के उल्लंघन में कोई संक्षारक पदार्थ, विस्फोटक या मिसाइल ले जाता है, तो वह व्यक्ति उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा. आदेश में कहा गया है कि आदेश की उल्लिखित अवधि समाप्त होने के बावजूद कोई भी जांच, कानूनी कार्यवाही शुरू की जा सकती है. या उसे जारी रखा जा सकती है या फिर से लागू किया जा सकता है.

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आपको बता दें कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारांगे ने पहले घोषणा की थी कि 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक एक विरोध रैली निकाली जाएगी. वे मराठों को आरक्षण दिए जाने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं, जिसके लिए वो दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू करेंगे.

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