जयपुर के पास बहरोड़ की रहने वाली डॉक्टर भावना 21 अप्रैल को अपने गांव अनंतपुरा से दिल्ली के लिए निकली थी. फिलिपींस से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली भावना को दिल्ली में एमसीआई की ओर से वीकली टेस्ट के लिए दिल्ली जाना होता था. इस बीच डॉक्टर भावना ने अपनी मां को फोन कर 24 अप्रैल तक वापस आ जाने की बात भी कही थी. लेकिन 24 अप्रैल की सुबह एक बड़ी ही अजीब और चौंकाने वाली खबर आई. उदेश नामक किसी शख्स ने बहरोड़ में डॉक्टर भावना की मां गायत्री यादव को फोन कर बताया कि उनकी बेटी बुरी तरह से जल गई है और हिसार के एक अस्पताल में भर्ती है. भावना की मां को तो इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ. क्योंकि बेटी दिल्ली गई थी और उसे वापस राजस्थान लौटना था.
ऐसे में उसके हिसार में होने और वो भी जल जाने का सवाल ही नहीं उठता था. इसलिए उसने फोन करने वाले शख्स को बुरी तरह से फटकार दिया. लेकिन खबर बेटी के साथ हुए हादसे की थी और इधर दिल मां का था. भावना की मां गायत्री से नहीं रहा गया. अब उसने अपनी बेटी को फोन किया. लेकिन कई कॉल्स के बावजूद भावना का फोन नहीं उठा. इसके बाद गायत्री का जी घबराने लगा और उसने फिर उसी अंजान नंबर पर कॉल करना शुरू कर दिया. आखिरकार उस आदमी ने फिर से वही बात दोहराई और बताया कि उनकी बेटी हिसार के सोनी अस्पताल में भर्ती है. अब तसल्ली के लिए गायत्री ने वीडियो कॉल पर अपनी बेटी भावना को दिखाने के लिए कहा. इसके बाद एक नर्स ने वीडियो कॉल पर भावना की तस्वीरें दिखाई.
तब गायत्री अपने कुछ साथियों के साथ सीधे हिसार के लिए चल पड़ी. वहां पहुंच कर गायत्री देवी ने जो कुछ देखा वो भयानक था. उनकी बेटी पूरी तरह से जल चुकी थी और अस्पताल के बिस्तर पर तड़प रही थी. उसकी हालत ऐसी थी कि वो ठीक से बात भी नहीं कर सकती थी. उसने बस इतना कहा कि मां मुझे बचा लो. देखो तुम्हारी बेटी के साथ क्या कर दिया. गायत्री यहां अपनी बेटी के साथ हुई इस वारदात की खबर देने वाले शख्स उदेश से मिलना चाहती थी. लेकिन वो अस्पताल से नदारद था. पूछने पर पता चला कि उदेश ही भावना को जली हुई हालत में अपने साथ अस्पताल लेकर आया था. उसे इलाज के लिए छोड़ कर अस्पताल से निकल गया. उदेश की तस्वीरें भी अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई हैं.
एक तो अंजान शहर ऊपर से घर से सैकड़ों मील दूर कोई जानने या मदद करने वाला भी नहीं. ऐसे में गायत्री यादव ने अपनी बेटी को हिसार के सोनी अस्पताल से जयपुर ले जाने का फैसला किया. क्योंकि उन्हें लगा कि वो वहां अपनी का और बेहतर तरीके से ख्याल रख पाएगी. हालांकि अस्पताल के डॉक्टर, भावना की हालत को देखते हुए उसे अस्पताल से छुट्टी देने को तैयार नहीं थे. क्योंकि इससे उसकी जिंदगी पर भी खतरा हो सकता था. इसके बाद कई घंटे का सफर कर गायत्री आखिरकार अपनी बेटी को हिसार से जयपुर लेकर आ गई. वहां एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया. लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद वो भावना को बचा नहीं सके. उसने रात करीब 11 बजकर 24 मिनट पर अस्पताल में ही इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
इस तरह 24 अप्रैल का दिन तो बेटी को बचाने की अफरातफरी में ही निकल गया और रात होते-होते गम और मातम में डूब गया. लेकिन इसके अगले दिन डॉ भावना की मां ने उदेश के बारे में पता करने की शुरुआत की. अब तक उन्होंने उदेश का नाम भी नहीं सुना था. पूछताछ करने पर पता चला कि उदेश उनके किसी दूर के रिश्तेदार का करीबी है और वो डॉ भावना को जानता था. पता ये भी चला कि उदेश नाम का ये नौजवान हिसार के ही चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में क्लर्क के तौर पर काम करता है, जहां डॉक्टर भावना के साथ जलने की वारदात हुई थी. ऐसे में गायत्री यादव ने जयपुर के ही एसएमएस अस्पताल में उदेश के खिलाफ अपनी बेटी को जला कर मारने की जीरो एफआईआर दर्ज करवा दी.
इधर एफआईआर दर्ज हुई और उधर उदेश हिसार से ही फरार हो गया. दो दिन बाद जयपुर में दर्ज करवाई गई जीरो एफआईआर हिसार के सिविल लाइंस थाने में पहुंची और पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. पुलिस हरियाणा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के उदेश के उस क्वार्टर में पहुंची, जहां डॉ. भावना के साथ जलने की वारदात हुई थी. यहां उदेश तो नहीं मिला, लेकिन पुलिस को एक पेट्रोल की बोतल जरूरी मिली, जिसका इस्तेमाल शायद भावना को जलाने के लिए गया था. अब तक पुलिस उदेश के बारे में पता करना शुरू कर चुकी थी. शुरुआती छानबीन में पता चला कि उदेश भावना के दूर के रिश्तेदार का रिलेटिव है और शादीशुदा है. वो हरियाणा के ही रेवाड़ी के लिलोध गांव का रहने वाला है. हिसार में यूनिवर्सिटी के क्वार्टर में रहता है.
अब पुलिस छानबीन तो शुरू कर चुकी थी, लेकिन उदेश के पकड़े जाने के पहले तक ये पता करना मुश्किल था कि आखिर हरियाणा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के उस क्वार्टर में 21 अप्रैल की सुबह ठीक हुआ क्या था? क्योंकि एक तो जिसके कमरे में ये वारदात हुई थी यानी उदेश और दूसरा जिसके साथ ये वारदात हुई थी यानी भावना. इन दिनों के सिवाय इस वारदात का कोई भी तीसरा चश्मदीद नहीं था. दिक्कत ये थी कि डॉक्टर भावना की मौत हो चुकी थी और मौत से पहले भी उसकी हालत कुछ इतनी नाजुक थी कि वो पुलिस को अपना कोई बयान भी नहीं दे सकी. ऐसे में उदेश के क्वार्टर में हुई वारदात अब भी एक राज ही था. आखिरकार 4 दिन बाद पुलिस को कामयाबी मिली. पुलिस ने हिसार से ही उदेश को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस को उम्मीद थी कि अब भावना के कत्ल का एक-एक सच सामने आ जाएगा. लेकिन अपने गिरफ्तार होने के साथ ही उदेश ने जो कहानी सुनाई, उसने पुलिस को थोड़ा उलझा दिया. उसने ये तो माना कि डॉक्टर भावना के जलने की वारदात उसके क्वार्टर पर ही हुई, लेकिन साथ ही उसने ये भी बताया कि डॉक्टर भावना खुद ही अपने साथ पेट्रोल की बोतल लेकर आई थी और उसने खुद ही अपने शरीर में आग लगा ली. उसने भावना को नहीं जलाया, बल्कि उसकी आग बुझाई और उसे अस्पताल लेकर आया. इधर, डॉक्टर भावना के जलने और जलाने की इस थ्योरी के बीच आरोपी उदेश की पत्नी निक्की ने उदेश और डॉक्टर भावना के रिलेशन को लेकर जो कहानी सुनाई, वो चौंकाने वाली है.
निक्की ने पुलिस को बताया है कि उसका पति उदेश भावना को उनकी शादी के पहले से जानता था. भावना उदेश के मामा की साली थी. साल 2018 में दोनों के रिश्ते की बातचीत भी हुई थी, लेकिन तब भावना की मां गायत्री ने इस रिश्ते से मना कर दिया था और इसके बाद उन्होंने भावना को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए फिलिपींस भेज दिया था. इस बीच उदेश ने जिंदगी में आगे बढ़ने का फैसला किया और उसने निक्की से शादी कर ली. इस तरह भावना के साथ उसके पति उदेश की शादी तो नहीं हो सकी, लेकिन भावना उदेश से अब भी प्यार करती थी और उदेश के शादीशुदा होने के बावजूद उससे शादी करना चाहती थी. निक्की ने अपने बातों के हक में कई सबूत पुलिस हिसार पुलिस के हवाले किए हैं.
इन सबूतों में करीब 60 पेज का व्हाट्सएप चैट भी है, जो उसके यानी निक्की के और डॉ भावना के बीच हुआ था. निक्की ने बताया है कि उदेश के शादीशुदा होने के बावजूद डॉ भावना का उदेश के प्रति कुछ इतना ज्यादा लगाव था कि वो उसका पीछा ही नहीं छोड़ना चाहती थी. यहां तक कि जब उसके पति उदेश ने भावना का नंबर ब्लॉक कर दिया तो उसने पहले उसे अलग-अलग नंबरों से कॉल करना शुरू कर दिया और फिर एक वक्त ऐसा भी आया जब भावना सीधे उदेश की पत्नी निक्की को ही कॉल करने लगी. यानी जिस आदमी से वो प्यार करती थी, उसकी बीवी से सीधे बातचीत करने लगी. निक्की की मानें तो भावना ने उससे ये कहा था कि वो इन दिनों उदेश को लेकर काफी डिप्रेशन में है.
इसलिए बस उसे कुछ दिनों तक उदेश से बात ही कर लेने दे, ताकि वो इस डिप्रेशन से बाहर निकल जाए. इसके बाद वो उदेश से बातचीत करना भी बंद कर देगी. फिलहाल उदेश की पत्नी निक्की ने हिसार पुलिस को अपने डॉ भावना के बीच हुई बातचीत का चैट सौंपा है, वो आंखें खोलने वाली हैं. इन चैट में निक्की भावना को समझाने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है. जबकि भावना इमोशनली काफी कमजोर नजर आ रही है. निक्की और डॉ भावना की इस चैट से ये साफ है कि भावना उदेश के प्यार में किसी भी हद तक जाने को तैयार थी. वो कभी खुद खत्म हो जाने की बात कहती थी, तो कभी उदेश की पत्नी को ही फोन करती थी. उससे चैट करती थी, जबकि उदेश ने कथित तौर पर भावना का नंबर ही ब्लॉक कर दिया था.
इन सबूतों के हवाले से ऐसा तो नहीं लगता कि उदेश डॉक्टर भावना को परेशान कर रहा था. हालांकि पुलिस ने अपनी तफ्तीश में ये दावा किया है कि चूंकि भावना उदेश को अपनी पत्नी से तलाक लेकर खुद से शादी कर लेने की दबाव बना रही थी, इसलिए उदेश ने भावना को अपने क्वार्टर में बुला कर उसे जला दिया. फिलहाल पुलिस भावना और उदेश के पास से मिले पेट्रोल का सोर्स जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर ये कौन लेकर आया? खुद भावना या फिर उदेश? उदेश ने कहा है कि पेट्रोल खुद भावना लेकर आई थी. भावना उस दिन उसके क्वार्टर में दीवार फांद कर पहुंची थी. पुलिस क्वार्टर की दीवार के पास कुछ ईंटे भी पड़ी हुई मिली हैं, जिससे शायद दीवार में चढ़ने की कोशिश की गई. लेकिन भावना को उदेश ने बुलाया था या फिर भावना खुद उसके पास आई थी, अभी इसकी जांच चल रही है. पुलिस ने सारे ऑप्शंस खोल रखे हैं. ये मामला कत्ल या फिर खुदकुशी के बीच झूल रहा है.
सुप्रिया भारद्वाज / हिमांशु शर्मा