दिल्ली में सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती, शादी का झांसा और उसके बाद बलात्कार का सनसनीखेज मामला सामने आया है. 27 साल का एक युवक खुद को आर्मी का लेफ्टिनेंट बताकर सरकारी अस्पताल में काम करने वाली महिला डॉक्टर को धोखा देता रहा. पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी की असलियत का खुलासा हुआ. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी की पहचान आरव मलिक के रूप में हुई है. वो दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहता है. एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डिलीवरी एजेंट का काम करता है. उसकी और महिला डॉक्टर की मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी. बातचीत के दौरान आरोपी ने खुद को इंडियन आर्मी का अफसर बताया और महिला से लगातार संपर्क बनाए रखा.
महिला डॉक्टर दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि आरव मलिक ने आर्मी की यूनिफॉर्म दिल्ली कैंट इलाके की एक दुकान से खरीदी थी. वो यूनिफॉर्म पहनी हुई अपनी तस्वीरें पीड़िता को भेजकर उसे गुमराह करता था. पुलिस की जांच में साफ हो चुका है कि आरोपी का भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं था. उसने नकली पहचान अपनाई थी.
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथ-वेस्ट) अमित गोयल ने बताया कि आरोपी ने 30 अप्रैल से 27 सितंबर के बीच महिला डॉक्टर से लगातार इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए बात की थी. उसने डॉक्टर को विश्वास में लेने के लिए खुद को सीमा पर तैनात अफसर बताया और भावनात्मक तरीके से नजदीकियां बढ़ाईं. आरोपी कई बार डॉक्टर के घर भी गया. एक बार उसने उसको नशीला पदार्थ दे दिया.
इसके बाद उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया. इसके बाद ये सिलसिल चल पड़ा. पीड़िता विरोध करती, तो वो उसे ब्लैकमेल करता और धमकी देता था. 16 अक्टूबर को महिला डॉक्टर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64(1) (बलात्कार), 351 (आपराधिक धमकी), 319 (धोखा देना) और 123 के तहत केस दर्ज किया है.
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी आरव मलिक को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. यह मामला सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान और भरोसे के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है. जांच में आरोपी के मोबाइल फोन और डिजिटल चैट्स को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऑनलाइन दोस्ती करते समय सतर्क रहें.
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