लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दो सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का फरमान सुनाया है. बेंच ने कहा कि धनंजय पहले आत्मसर्पण करे और इसके बाद जमानत याचिका दाखिल करें.
लखनऊ में सोमवार को हाई कोर्ट बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत पांच लोग सरेंडर नहीं करते तो उन सभी को भगोड़ा घोषित करने की कार्यवाही होगी.
बता दें कि लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह आरोपी है और पुलिस पूछताछ के लिए उसकी तलाश कर रही है. इस माह के पहले सप्ताह में जौनपुर में पुलिस ने छापेमारी की थी. जहां धनंजय सिंह का आवास है. भारी पुलिस बल के साथ वहां छापेमारी की गई थी. लेकिन वहां कुछ नहीं मिला.
बताया जा रहा है कि पत्नी के नामांकन में धनजंय सिंह के शामिल होने के इनपुट पर लखनऊ पुलिस ने वहां छापेमारी की थी. इस बीच पुलिस को चकमा देकर एक पुराने मामले में वह प्रयागराज कोर्ट में पेश हुआ था, जहां से उसे यूपी की फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया था. धनंजय सिंह पर पुलिस ने 25000 का इनाम तक घोषित किया था.
बता दें कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने बीती पांच मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था. साल 2017 में जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज पुराने मामले में धनंजय सिंह ने सरेंडर किया, तो उसको गिरफ्तार कर नैनी जेल भेज दिया गया. इसके बाद नैनी जेल जाते ही धनंजय सिंह ने जान को खतरा बताते हुए जेल ट्रांसफर की अर्जी दी. जिसके चलते उसे फतेहगढ़ जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था.
25 दिन जेल में रहने के बाद धनंजय सिंह को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जिसके बाद धनंजय सिंह को फतेहगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया. तभी से धनंजय सिंह फरार है. यूपी पुलिस उसे तलाश रही है. पूर्व सांसद पर लखनऊ के विभूतिखण्ड में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कराने का आरोप है.
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