अमेरिका में नौकरी का लालच, डंकी रूट और पैसों की लूट... झारखंड में बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

झारखंड पुलिस ने हजारीबाग जिले में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है. यहां से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह अमेरिका भेजने का झूठा वादा कर लोगों से मोटी रकम ऐंठता था.

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हजारीबाग जिले में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश. (Photo: X/@HazaribagPolice) हजारीबाग जिले में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश. (Photo: X/@HazaribagPolice)

सत्यजीत कुमार

  • हजारीबाग,
  • 03 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:44 AM IST

झारखंड पुलिस ने हजारीबाग जिले में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है. यहां से गिरोह के मास्टरमाइंड समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह अमेरिका भेजने का झूठा वादा कर लोगों से मोटी रकम ऐंठता था. उन्हें खतरनाक 'डंकी रूट' से विदेशी माफियाओं के हवाले कर देता था. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

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जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के भरजो गांव निवासी सोनू कुमार ने 30 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी. उसने आरोप लगाया कि अमेरिका में कारोबार करने वाला उदय कुमार कुशवाहा ने झूठे दस्तावेज और नौकरी का लालच देकर उसे ब्राजील भेजा. उसकी योजना यह थी कि साल 2024 में 'डंकी रूट' के जरिए उसे अमेरिका पहुंचाया जाएगा.

इसी तरह उदय कुशवाहा और उसके सहयोगियों ने हजारीबाग के दारू थाना क्षेत्र के जरगा गांव के रहने वाले विकास कुमार और पिंटू कुमार को भी अमेरिका में नौकरी का झांसा दिया. उनको दिल्ली के रास्ते ब्राजील रवाना कर दिया. लेकिन ब्राजील पहुंचते ही तीनों युवकों को स्थानीय मानव तस्करों के हवाले कर दिया गया. इसके बाद उन्हें गुप्त रास्तों से अमेरिका की ओर धकेला गया.

— Hazaribagh Police (@HazaribagPolice) August 2, 2025

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बंधक बने युवक और हुई पैसों की वसूली

सोनू कुमार का कहना है कि इस दौरान उन्हें बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास और ग्वाटेमाला होते हुए ले जाया गया. इस सफर में माफियाओं ने उन्हें बंधक बनाए रखा. वहीं, उदय कुशवाहा ने भारत में सोनू के पिता को फोन कर पैसों की मांग की थी. मजबूर होकर पिता ने पैतृक जमीन बेच दी और उदय के रिश्तेदारों को अलग-अलग माध्यमों से रुपए दे दिए.

अमेरिकी सीमा पर गिरफ्तारी और वापसी

पीड़ित ने बताया कि अमेरिका की सीमा पर पकड़ लिए जाने के बाद उन्हें पहले मैक्सिको सिटी और फिर सैन डिएगो होते हुए हिरासत केंद्र भेजा गया. वहां उन्होंने चार महीने बिताए और मार्च 2025 में भारत वापस भेज दिए गए. घर लौटने के बाद जब सोनू ने पैसे लौटाने की मांग की तो उदय कुशवाहा और उसके भाई चौहान प्रसाद ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी. 

मास्टरमाइंड समेत 5 आरोपी दबोचे गए

इसके बाद सोनू कुमार ने हिम्मत कर आरोपियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने उप-मंडल पुलिस अधिकारी (विष्णुगढ़) बैजनाथ प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई. छापेमारी में मास्टरमाइंड उदय कुमार कुशवाहा समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने उदय कुशवाहा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया, जिससे कई खुलासे हुए.

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वर्षों से नेटवर्क चला रहा था उदय कुशवाहा

पुलिस को उदय कुशवाहा के मोबाइल फोन में सोनू के पिता से व्हाट्सएप चैट, उसकी पत्नी की बैंक जमा रसीदें, संदिग्ध रास्तों से भेजे गए लोगों की सूची और उनसे वसूली गई रकम का पूरा ब्यौरा मिला. जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने 2013 से 2022 के बीच कम से कम 12 लोगों को अमेरिका भेजा. इनमें आठ को 2022, दो को 2019 और एक-एक को 2013 और 2018 में भेजा गया था.

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