जेल से जज को जान से मारने की धमकी... 3700 करोड़ के स्कैमर ने भेजा ईमेल, ऐसे हुआ साजिश का खुलासा

लखनऊ जेल से सामने आई एक साजिश किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 3700 करोड़ के साइबर फ्रॉड का आरोपी अनुभव मित्तल, जिसने सात लाख लोगों को फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम से ठगा था, ने अब जेल के भीतर से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज को धमकी भरा ईमेल भेज दिया.

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लखनऊ जेल में एक ठग ने साथी कैदी को फंसाने के लिए रची खौफनाक साजिश. (File Photo: ITG) लखनऊ जेल में एक ठग ने साथी कैदी को फंसाने के लिए रची खौफनाक साजिश. (File Photo: ITG)

aajtak.in

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  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक जेल में बंद शातिर साइबर ठग की हरकत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए. करोड़ों रुपए के साइबर ठगी का आरोपी अनुभव मित्तल ने एक पुलिस कांस्टेबल के फोन से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज को धमकी भरा ईमेल भेज दिया. वो अपने किसी साथी कैदी को फंसाने की कोशिश कर रहा था. इस सनसनीखेज साजिश का खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है.

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एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अनुभव मित्तल पर फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम चलाकर करीब सात लाख निवेशकों से 3700 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है. साल 2017 में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस मामले के खुलासे के बाद उसे गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ पहले से ही 324 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसकी पत्नी आयुषी और पिता सुनील मित्तल भी न्यायिक हिरासत में हैं.

पुलिस जांच में सामने आया है कि अनुभव मित्तल ने एक दूसरे कैदी को फंसाने के लिए पुलिसवाले के फोन से ईमेल भेजा था. धमकी भरा मैसेज फर्जी नाम से भेजा गया, जिसमें लिखा था कि लखनऊ बेंच के एक जज का मर्डर होने वाला है. साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ कि ईमेल पुलिस कांस्टेबल अजय कुमार के फोन से भेजा गया था, जो कि पुलिस लाइंस में तैनात है.

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अजय कुमार 4 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई के दौरान अनुभव मित्तल के साथ था. उसी दिन आरोपी ने केस स्टेटस चेक करने के बहाने उसका फोन लिया और गुपचुप एक नई ईमेल आईडी बना डाली. उसने उस ईमेल को अगले दिन ऑटो-सेंड करने के लिए टाइमर सेट कर दिया था. 5 नवंबर की सुबह जैसे ही टाइम हुआ, धमकी भरा मेल अपने आप चला गया. जज मैसेज देखकर हैरान रह गए.

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अनुभव मित्तल ने यह सब किसी जज को वाकई धमकाने के लिए नहीं, बल्कि अपने ही साथी कैदी आनंदेश्वर अग्रहरि को फंसाने के मकसद से किया था. उन दोनों के बीच पुरानी दुश्मनी थी. आनंदेश्वर दिसंबर 2023 से एक मर्डर केस में जेल में बंद है. इस मामले की शिकायत पर अनुभव मित्तल और अजय कुमार के खिलाफ शुक्रवार को केस दर्ज की गई थी. 

कांस्टेबल ने पूछताछ में बताया कि उसे अंदाजा भी नहीं था कि अनुभव मित्तल उसके फोन से क्या करने वाला है. उसने सिर्फ केस स्टेटस दिखाने के लिए फोन दिया था. उसने चालाकी से इस साजिश का अंजाम दे दिया. लखनऊ पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि अनुभव मित्तल को जेल में मोबाइल या इंटरनेट एक्सेस कैसे मिला और क्या इसमें अन्य जेलकर्मियों की मिलीभगत भी थी.

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