बाजार में चिकन को लेकर झगड़ा, थाने में वकील की पिटाई... ग्वालियर में SHO समेत 6 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

ग्वालियर में थाने के भीतर कानून व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए. एक वकील पर हमले के मामले में SHO समेत 6 पुलिसकर्मियों को फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है. चिकन और मछली की खरीद को लेकर शुरू हुआ विवाद थाने तक पहुंचा और CCTV में कैद इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

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ग्वालियर में थाने के अंदर वकील की पिटाई के बाद बवाल हो गया. (Photo: Representational) ग्वालियर में थाने के अंदर वकील की पिटाई के बाद बवाल हो गया. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • ग्वालियर ,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस स्टेशन के भीतर हुई मारपीट की घटना ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. एक वकील पर हमले के आरोप में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और पांच कांस्टेबल को लाइन अटैच कर दिया गया है. यह कार्रवाई फील्ड ड्यूटी से हटाकर जांच पूरी होने तक की गई है.

पुलिस के मुताबिक, यह पूरा मामला रविवार रात गोला का मंदिर पुलिस स्टेशन का है. इसी थाना क्षेत्र की एक दुकान पर चिकन और मछली खरीदने को लेकर दो ग्राहकों के बीच कहासुनी हो गई. विवाद बढ़ने के बाद दोनों पक्ष शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गए, लेकिन वहां भी तनाव कम होने के बजाय और बढ़ गया.

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एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) जयराज कुबेर ने बताया कि विवाद में शामिल एक कस्टमर सत्यम सिंह के समर्थन में वकील प्रभात हिनारिया पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. थाने के परिसर में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. उनके बीच दोबारा हाथापाई शुरू हो गई. इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी इस झड़प में शामिल हो गए.

आरोप है कि इसी हाथापाई के दौरान वकील प्रभात हिनारिया पर पुलिसकर्मियों ने हमला कर दिया. इस घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में वकील उनके समर्थन में पुलिस स्टेशन पहुंच गए. देखते ही देखते थाना परिसर में हंगामे की स्थिति बन गई. माहौल तनावपूर्ण हो गया. पूरी घटना थाना परिसर में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई. 

ASP ने बताया कि CCTV फुटेज को जांच का अहम हिस्सा बनाया गया है. उसके आधार पर SHO समेत 6 कांस्टेबल के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया गया है. सबको लाइन अटैच कर दिया गया है. इस मामले की विभागीय जांच जारी है. लाइन अटैच की कार्रवाई के तहत पुलिसकर्मियों को नियमित फील्ड ड्यूटी से हटा दिया जाता है.

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