गुरुग्राम में पिछले साल दिसंबर में हुई हत्या की गुत्थी सुलझ गई है. पुलिस हत्या की वारदात के बाद से ही इस ब्लाइंड केस की गुत्थी सुलझाने को लेकर असमंजस में थी. लेकिन जैसे ही हत्या के 8 महीने बाद मृतक का आईफोन स्वीच ऑन हुआ तो पुलिस ने इस केस को सुलझा लिया. आरोपी का कहना है कि लूटने के इरादे से उसकी हत्या की थी.
गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले साल 20 दिसंबर को लेजर वैली इलाके में पत्थरों से कुचल कर बेरहमी से हुई हत्या मामले में अमर सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया.
पुलिस की मानें तो हत्यारोपी ने पहले मृतक को अत्यधिक शराब पिलाई और जब अरविंद तिवारी नाम का शख्स मदहोश हो गया तब इसी हत्यारोपी ने लूट के इरादे से पहले उसे पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी. उसके बाद मृतक की एक्टिवा, बैग, पर्स और आईफोन लेकर फरार हो गया.
शराब के ठेके के बाहर हुई थी दोस्ती
गुरुग्राम पुलिस में एसीपी क्राइम प्रीतपाल सिंह की मानें तो दोनों की मुलाकात लेजर वैली इलाके के शराब के ठेके के बाहर हुई थी. बस इसी छोटी से जान-पहचान का फायदा उठाकर हत्यारोपी अमर सिंह ने योजनाबद्ध तरीके से अरविंद तिवारी की हत्या कर दी.
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कातिल ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि मृतक का चोरी गया आई फोन उसकी गिरफ्तारी की बड़ी वजह भी बन सकता है. जी हां, पुलिस गिरफ्त में आए हत्यारोपी ने हत्या की वारदात के 8 महीने बाद जैसे ही मृतक के आईफोन को इस्तेमाल करने के लिए ऑन किया वैसे ही इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सूझती चली गई.
एसीपी क्राइम का कहना है कि हत्या की वारदात के बाद से ही मृतक का फोन स्वीच ऑफ आ रहा था, लेकिन जैसे ही फोन ऑन हुआ. क्राइम ब्रांच यूनिट सेक्टर-40 ने इसके पीछे छिपे कातिल को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा कर दिया. क्राइम ब्रांच ने हत्यारोपी अमर सिंह को पुलिस रिमांड पर ले इसकी क्राइम कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है.
नीरज वशिष्ठ