चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल कर बच्ची ने मां-बाप पर लगाए सनसनीखेज आरोप, बोली- मैं उनके साथ नहीं रहूंगी!

बिलासपुर में एक 10 साल की बच्ची ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर फोन कर जो कहा, उसने पूरे प्रशासन को हिला दिया. अपनी ही मां-बाप पर शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए बच्ची ने साफ कहा कि वो अब उनके साथ नहीं रहना चाहती है.

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हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. (Photo: AI-generated) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • बिलासपुर,
  • 28 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक मासूम बच्ची ने अपने माता-पिता पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया. महज 10 साल की लड़की ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन कर रोते हुए कहा कि उसके घर में अक्सर झगड़े होते हैं. उसे डांटा-पीटा जाता है. वो अब अपने घर नहीं जाना चाहती. इस मामले के सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग हरकत में आ गया. 

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इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. सोमवार को एक महिला अधिकारी की अगुवाई में टीम लड़की के घर पहुंची. पुलिस ने बच्ची और उसके परिवार से अलग-अलग बातचीत की है. पड़ताल में यह बात सामने आई कि बच्ची अपने माता-पिता से बेहद डरी हुई है. उसने साफ कहा कि वह अब उनके साथ नहीं रह पाएगी. पुलिस ने उसके माता-पिता को चेतावनी दी कि भविष्य में घटना दोहराई नहीं जानी चाहिए. 

उन्हें यह भी समझाया गया कि बच्ची का विश्वास फिर से जीतना उनके लिए जरूरी है. लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद बच्ची अपने फैसले पर अड़ी रही. मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया ताकि वे बच्ची को समझा सकें. उन्होंने भी बच्ची से बात की, लेकिन बच्ची ने साफ कहा कि उसे अब अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना है. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.

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बच्ची को तत्काल अपनी सुरक्षा में ले लिया. इसकी पुष्टि पुलिस उपाधीक्षक विशाल वर्मा ने की है. फिलहाल बच्ची को एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, जहां उसकी काउंसलिंग कराई जाएगी ताकि वह मानसिक रूप से स्थिर हो सके. पुलिस के अनुसार, लड़की के परिवार में उसके माता-पिता, एक छोटा भाई और उसकी दादी हैं. यह परिवार अब जांच के दायरे में है. अधिकारियों की नजर उन पर बनी हुई है.

यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक तनाव की तस्वीर दिखाता है, बल्कि उस नई जागरूकता की भी मिसाल है, जिसमें अब बच्चे खुद अपनी आवाज उठाने लगे हैं. 10 साल की यह छोटी बच्ची, जो डर के बावजूद बोल उठी. शायद उसने कई और बच्चों को भी साहस की राह दिखा दी है. हालांकि, पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए उसके रहने की व्यवस्था करना चुनौती से कम नहीं है.

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