'ड्रोन चोर' की अफवाह और भीड़ का कहर... लोगों ने ली शख्स की जान, 3 पुलिसकर्मी निलंबित, 5 आरोपी गिरफ्तार

Drone Thief Rumours: ईरायबरेली में अफवाह की वजह एक इंसान की जान चली गई. यहां ड्रोन से चोरी की निगरानी की बात सुनकर ग्रामीणों ने एक व्यक्ति को चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला. इस घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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रायबरेली में ड्रोन के डर में डूबे ग्रामीणों ने दलित युवक को पीट-पीटकर मार डाला. (Photo: Representational) रायबरेली में ड्रोन के डर में डूबे ग्रामीणों ने दलित युवक को पीट-पीटकर मार डाला. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

उत्तर प्रदेश में ड्रोन से रेकी और चोरी की अफवाह लगातार जोर पकड़ती जा रही है. इस अफवाह की वजह से लगातार लोगों की जान जा रही है. ताजा मामला रायबरेली जिले में सामने आया है. यहां ऊंचाहार थाना क्षेत्र के एक गांव में ड्रोन चोर समझकर लोगों ने एक शख्स को पीटकर मार डाला. इस वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जमुनापुर चौराहे के पास रात के समय लोग जग रहे थे. तभी उन्हें सड़क पर एक व्यक्ति घूमता हुआ दिखाई दिया. लोगों ने आवाज देकर उसकी पहचान जाननी चाही, लेकिन इसी बीच एक समूह उसके उपर टूट पड़ा. वो व्यक्ति कुछ बोल पाए, इससे पहले लोगों ने उसे ड्रोन चोर समझकर लाठी-डंडों से उस पर जानलेवा हमला कर दिया. उसे बुरी तरह मारा-पीटा गया.

पीड़िता का नाम हरिओम (40) बताया जा रहा है, जो कि फतेहपुर जिले का रहने वाला था. वो मजदूरी करके अपना पेट पाल रहा था. उस रात बस गलत समय पर गलत जगह खड़ा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ उसे पीटते-पीटते ईश्वरदासपुर रेलवे स्टेशन तक घसीटकर ले गई. घंटों तक मारपीट की गई, फिर उसे गंभीर हालत में छोड़ दिया गया. अगली सुबह स्टेशन के पास का दृश्य भयावह था.

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वहां हरिओम का शव पड़ा हुआ था. कपड़े फटे हुए, शरीर पर गहरे घाव और खून से जमीन लाल थी. किसी ने पुलिस को सूचना दी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. गांव के रहने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी की पहचान की जा रही है. 

एएसपी ने बताया कि उप-निरीक्षक कमल सिंह यादव, कांस्टेबल प्रदीप कुमार और अभिषेक कुमार को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है. आरोपी दलित जाति से था, इसलिए किसी भी तरह की जाति-संबंधी अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की गई है. उन्होंने कहा कि पुलिस सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. जनता से शांति बनाए रखने और जांच में सहयोग की अपील की गई है. 

इस घटना पर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. उनका कहना है कि यह मामला राज्य की ध्वस्त कानून-व्यवस्था का जीता-जागता सबूत है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुए एसआईटी जांच, मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. गांव में इस वक्त डर और सन्नाटा पसरा है. 

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