धर्मस्थल केस: FSL रिपोर्ट में देरी से लटकी जांच, कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा- SIT अपना काम कर रही है!

धर्मस्थल केस कर्नाटक में अब भी सुलग रहा है. हत्या, बलात्कार और शव दफनाने जैसे संगीन आरोपों की जांच में एसआईटी जुटी है, लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट लंबित होने के कारण जांच लटक गई है. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने अब कहा है कि जल्द से जल्द जांच पूरी हो, ताकि अफवाहों पर विराम लग सके.

Advertisement
इस केस के मुख्य गवाह के कोर्ट में पलटने के बाद लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. (File Photo: ITG) इस केस के मुख्य गवाह के कोर्ट में पलटने के बाद लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 30 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

कर्नाटक के चर्चित धर्मस्थल केस में एसआईटी जांच अभी भी जारी है. इस केस के मुख्य गवाह और शिकायतकर्ता के पलटने के बाद मामला दिलचस्प हो चुका है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि एसआईटी जांच जल्दी पूरी हो, ताकि सच सबके सामने आ सके. गृहमंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) को स्पष्ट निर्देश दिया कि वो अपनी जांच जल्द से जल्द पूरी करे. 

Advertisement

गृह मंत्री ने साफ कहा कि जांच की प्रक्रिया लटकी नहीं रह सकती. उन्होंने कहा, "एसआईटी अपना काम कर रही है. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट आनी बाकी है. अभी तक तो भी सबूत बरामद हुए हैं, उन्हें जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया है. हमने उनसे पहले रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर यथाशिघ्र भेजने के लिए कहा है. एसआईटी जल्द से जल्द जांच पूरी करे."

उन्होंने कहा कि एसआईटी को कल या परसों ही जांच पूरी करने को कहना संभव नहीं है, क्योंकि जांच एजेंसी को जानकारी और फॉरेंसिक रिपोर्ट की जरूरत होती है. एफएसएल रिपोर्ट आनी है. उनको अंतिम रूप दिया जाना है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एसआईटी कार्रवाई करेगी. इस पूरे विवाद की शुरुआत शिकायतकर्ता सी एन चिन्नैया के सनसनीखेज दावे के बाद हुई थी.

Advertisement

उसने कहा था कि धर्मस्थल में पिछले दो दशकों के दौरान कई शव दफनाए गए हैं. उसने यहां तक आरोप लगाया कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे. यह सब मंदिर प्रशासन की जानकारी में था. हालांकि बाद में पुलिस ने चिन्नैया को झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उसके खुलासे के बाद नेत्रवती नदी किनारे जंगली इलाकों में उसकी बताई जगहों पर तलाशी ली गई. 

इस दौरान दो स्थानों से कंकाल बरामद किए गए. इस महीने की शुरुआत में नेत्रवती स्नान घाट के पास बंगलेगुड्डे वन क्षेत्र में भी अतिरिक्त अवशेष मिले. इन बरामदियों ने मामले की गंभीरता और बढ़ा दी. मई महीने में चिन्नैया और कुछ अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. एसआईटी अपनी रिपोर्ट में इस पहलू पर विचार कर सकती है.

गृहमंत्री परमेश्वर से यह भी पूछा गया कि कार्यकर्ता महेश शेट्टी थिमारोडी के खिलाफ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है. इस पर उन्होंने कहा, "देखते हैं अदालत में क्या होता है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, या पुलिस उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार करेगी. सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी. पुलिस अपनी आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेगी." थिमारोडी ने चिन्नैया के दावों का समर्थन किया था. 

Advertisement

वो साल 2012 में एक छात्रा के बलात्कार और हत्या मामले में न्याय की मांग के लिए आंदोलन कर चुके हैं. हालांकि, पुलिस रिकॉर्ड में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. इनमें गैरकानूनी जमावड़ा, दंगा, हमला, आपराधिक धमकी, पुलिस आदेशों की अवहेलना, झूठी सूचना फैलाना और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. फिलहाल सबकी निगाहें एसआईटी पर हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement