दिल्ली के सिंचाई विभाग में 4.6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, निलंबित इंजीनियर और ठेकेदार गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में आईएंडएफसी विभाग का एक कार्यकारी इंजीनियर शामिल है, जो निलंबित था और एक निजी ठेकेदार भी शामिल है.

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ACB ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है ACB ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:50 PM IST

Suspended Executive Engineer Private Contractor Arrested: दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग में 4.6 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक निलंबित कार्यकारी इंजीनियर और एक निजी ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को अधिकारियों ने जानकारी दी.

आरोप है कि दोनों आरोपियों ने ऐसे सिविल कार्यों के लिए 4.6 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी भुगतान की सुविधा प्रदान की, जो कभी निष्पादित ही नहीं हुए. यह अनियमितताएं उत्तरी दिल्ली के सिरसपुर गांव में जल निकासी और सड़क परियोजनाओं से संबंधित हैं, जो केवल कागजों पर ही मौजूद पाई गईं.

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एसीबी के अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में आईएंडएफसी विभाग का एक कार्यकारी इंजीनियर शामिल है, जो निलंबित था और एक निजी ठेकेदार भी शामिल है. उनकी गिरफ्तारी फर्जी परियोजनाओं और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों के माध्यम से सार्वजनिक धन के गबन की विस्तृत जांच के बाद हुई है.

यह मामला एक आंतरिक जांच के दौरान सामने आया, जिसमें कार्यों के भौतिक सत्यापन के बिना कुछ ठेकेदारों को किए गए भुगतान वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को उजागर किया गया. निष्कर्षों पर कार्रवाई करते हुए, एसीबी ने एक विस्तृत जांच शुरू की.

प्रारंभिक जांच में पता चला कि सिरसपुर गांव में प्रबलित सीमेंट कंक्रीट नालियों और सड़कों के निर्माण के लिए 4.6 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धनराशि जारी की गई थी. हालांकि, जमीनी निरीक्षण और तकनीकी सत्यापन में प्रस्तावित सिविल कार्यों का कोई नामो निशान नहीं मिला.

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आगे की जांच में पता चला कि ठेकेदार द्वारा 2.24 करोड़ रुपये की फर्जी प्रदर्शन बैंक गारंटी प्रस्तुत की गई थी और विभाग द्वारा उचित परिश्रम के बिना स्वीकार कर ली गई थी. एसीबी अफसर ने बताया कि जाली प्रदर्शन गारंटी की स्वीकृति खरीद मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है. यह इस मामले में शामिल अधिकारियों की ओर से की गई मिलीभगत और घोर लापरवाही का साफ संकेत है.

जांच में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग कार्य नियमावली, सामान्य वित्तीय नियम-2005 और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का भी कई बार उल्लंघन पाया गया. दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और तत्कालीन आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.

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