कन्नौज में छापे के दौरान नदी में कूदा लड़का, 30 घंटे से लापता, SHO समेत 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड!

कन्नौज में पुलिस की छापेमारी के दौरान एक दलित किशोर काली नदी में कूद गया. 30 घंटे बीतने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चल पाया है. लापरवाही के आरोप में तीन पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. इस घटना के बाद मंत्री असीम अरुण खुद गांव पहुंचे और परिवार को मदद का भरोसा दिलाया.

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उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर हुई कार्रवाई. (Photo: X/@igrangekanpur) उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर हुई कार्रवाई. (Photo: X/@igrangekanpur)

aajtak.in

  • कन्नौज,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के गुरसहायगंज इलाके में छापेमारी के दौरान एक 15 वर्षीय दलित लड़का पुलिस के डर से नदी में कूद गया. पिछले 30 घंटे से उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस और एसडीआरएफ की टीम लगातार उसकी तलाश कर रही है. इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. 

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सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण और कानपुर के डीआईजी हरीश चंद्र खुद देवीपुरवा गांव पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान पूरे घटना की जानकारी ली. उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. उनके निर्देश के बाद पुलिस अधीक्षक ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. 

एसपी विनोद कुमार ने बताया कि रविवार को पुलिस टीम देवीपुरवा गांव में कमलेश कुमार के घर उनके बड़े बेटे किशनपाल की तलाश में पहुंची थी. किशनपाल के खिलाफ 10 जनवरी को एक नाबालिग लड़की के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. पुलिस जब उसके घर गई, तो आरोपी नहीं मिला, जिसके बाद उसके छोटे भाई रामजीत (10) से पूछताछ होने लगी. 

वहीं पास के खेत में किशनपाल का तीसरा भाई धर्मवीर काम कर रहा था. उसने जैसे ही पुलिसकर्मियों को देखा, वो डर गया और पास बह रही काली नदी में कूद गया. पुलिस ने तुरंत उसकी तलाश शुरू की, लेकिन वह पानी में लापता हो गया. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया, जो अब लगातार नदी में उसकी खोजबीन कर रही है.

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इस घटना के सामने आने के बाद गुरसहायगंज थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे, नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश कुमार और सिपाही रविंद्र को निलंबित कर दिया गया है. एसपी ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. धर्मवीर के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस शक के आधार पर किशनपाल को पकड़ने आई थी.

पुलिस को जब किशनपाल नहीं मिला, तो वो धर्मवीर को पकड़ने की कोशिश करने लगे. इसी डर से धर्मवीर ने नदी में छलांग लगा दी. परिवार ने इसे पुलिस की दबंगई और अमानवीयता बताया है. समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण पीड़ित के गांव पहुंचे. उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. 

असीम अरुण ने परिवार को भरोसा दिलाया कि प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी. उन्होंने धर्मवीर की मां अमरावती को 5 बीघा जमीन का पट्टा देने, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मकान उपलब्ध कराने, दोनों छोटे बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना के तहत 2500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता और पेंशन दिलाने की घोषणा की है.

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