डी गैंग के सलीम फ्रूट की हाई कोर्ट से मांग, उसकी आवाज के नमूने को सबूत न माने अदालत

सलीम के वकील राजगुरु ने कहा कि जब फ्रूट एनआईए की हिरासत में था, तो उसकी आवाज का नमूना अवैध रूप से लिया गया था. एजेंसी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया प्रामाणिक नहीं थी, क्योंकि यह काम मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना किया गया था

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सलीम फ्रूट के वकील ने हाई कोर्ट में उसकी तरफ से याचिका दायर की है सलीम फ्रूट के वकील ने हाई कोर्ट में उसकी तरफ से याचिका दायर की है

विद्या

  • मुंबई,
  • 14 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:05 AM IST

डी गैंग के गैंगस्टर छोटा शकील के बहनोई मोहम्मद सलीम मोहम्मद इकबाल कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें मांग की गई है कि एनआईए ने उनकी आवाज के जो नमूने लिए हैं, उन्हें असंवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन घोषित किया जाए. आपको बता दें कि छोटा शकील को भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी दाऊद इब्राहिम का करीबी माना जाता है. 

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सलीम के वकील ने दायर की याचिका
सलीम फ्रूट ने अपने वकील विकार राजगुरु के ज़रिए स्पेशल कोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी है, जिसने आवाज के नमूने पर उनकी याचिका खारिज कर दी थी. राजगुरु ने कहा था कि जब फ्रूट एनआईए की हिरासत में था, तो उसकी आवाज का नमूना अवैध रूप से लिया गया था. राजगुरु ने कहा कि एजेंसी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया प्रामाणिक नहीं थी, क्योंकि यह काम मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना किया गया था और इसलिए इसे सबूतों की लिस्ट से बाहर रखा जाना चाहिए.

अभियोजन और बचाव पक्ष ने दिए सबूत
हालांकि, स्पेशल जज ने कहा था कि क्या अपराध की जांच के मकसद लिए गए आरोपी की आवाज के नमूने को प्रक्रिया का पालन नहीं करने की वजह से सूबतों की लिस्ट से बाहर रखा जाना आवश्यक है या नहीं? अभियुक्त ने कानून और तथ्यों को मिलाजुला एक सवाल किया है. इस सवाल का जवाब जांच खत्म हो जाने के बाद होना चाहिए. इसलिए, अभियोजन और बचाव पक्ष के सबूतों को दर्ज करने के बाद मुकदमे के अंतिम फैसले के समय इस मुद्दे को उठाने के लिए खुला छोड़ दिया गया है. जज ने कहा कि इस स्तर पर अपराध की जांच के मकसद से लिए गए अभियुक्तों की आवाज के नमूनों को सबूतों की लिस्ट से बाहर नहीं किया जा सकता है.

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हसीना का कारोबार संभाल रहा था सलीम फ्रूट
पिछले साल अगस्त 2022 में सलीम फ्रूट को गिरफ्तार किए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला निदेशालय (डीएफएसएल) ने उसकी आवाज का नमूना लिया था. एनआईए के अनुसार सलीम फ्रूट डी कंपनी के जबरन वसूली के कारोबार को संभाल रहा था. क्योंकि यह काम दाऊद की बहन हसीना पार्कर की मौत के बाद प्रभावित हुआ था. आरोप यह है कि सलीम भारी मात्रा में पैसा वसूल रहा था. इस पैसे को देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को चलाने के लिए बाहर भेजा जा रहा था. 

एनआईए ने किया विरोध
इस मामले में एनआईए के मुख्य जांच अधिकारी ने फ्रूट की याचिका पर जवाब दाखिल किया, जिसमें उसे किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध किया गया है. जवाब में कहा गया कि "आरोपी की आवाज के नमूने को बाहर करने का कोई अच्छा आधार नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से अनुचित है और इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि यह इस मामले की आगे की जांच और न्याय के हित के खिलाफ है."

अब अदालत सलीम फ्रूट की याचिका पर जस्टिस सारंग कोटवाल की बेंच 1 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.

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