महाराष्ट्र के बीड जिले से शादी के नाम पर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 34 साल के युवक से शादी करने के महज पांच दिन बाद दुल्हन 6 लाख रुपए के कैश और ज्वेलरी लेकर फरार हो गई. इस मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दुल्हन समेत कई लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
पाटोदा तहसील के गंडलवाड़ी गांव के रहने वाले संजय पवार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी मुलाकात छत्रपति संभाजीनगर जिले के लाडगांव की रहने वाली रूपाली बालू दिशागंज से कराई गई थी. यह मुलाकात पंढरपुर में उसके रिश्तेदारों की मौजूदगी में कराई गई, जहां कुछ बिचौलियों की अहम भूमिका रही थी.
शिकायत के मुताबिक, यह रिश्ता दत्ता पंढरीनाथ पवार और एक व्यक्ति, जिसे ‘पठान’ बताया गया है, के जरिए तय हुआ. इस दौरान जयश्री रवि शिंदे नाम की महिला ने खुद को दुल्हन की मौसी बताते हुए शादी के खर्च के नाम पर 4 लाख रुपए की मांग की थी. एक अन्य बिचौलिए की सलाह पर 2 लाख की ज्वेलरी भी खरीदी गई.
शादी 10 दिसंबर को पंढरपुर में नोटरी एग्रीमेंट के जरिए कराई गई. इसके बाद दूल्हे के गांव में धार्मिक रस्में पूरी की गईं. शादी के बाद दुल्हन ससुराल आई. अपने पति के साथ सुहागरात मनाया. उसका व्यवहार पूरी तरह सामान्य रहा. इससे किसी को उस पर शक नहीं हुआ. लेकिन 15 दिसंबर की रात अचानक पूरा मामला पलट गया.
आरोप है कि दुल्हन कैश और ज्वेलरी लेकर चुपचाप घर से निकल गई. जब संजय पवार ने दुल्हन और बिचौलियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्हें लगातार टालमटोल वाले जवाब मिलने लगे. पीड़ित का आरोप है कि खुद को मौसी बताने वाली महिला ने उन्हें धमकी भी दी. उनके खिलाफ झूठा रेप केस दर्ज कराने की बात कही गई.
अमलनेर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर भार्गव सपकाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर दुल्हन, दो बिचौलियों, मौसी बनने वाली महिला और एक अज्ञात महिला एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. पुलिस पूरे नेटवर्क की भूमिका की जांच कर रही है. यहां इस तरह की धोखाधड़ी वाली शादियों के दो अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं.
लुटेरी दुल्हन का पैटर्न, ऐसे फंसते हैं लोग..
नोटरी मैरिज बना हथियार: ऐसे मामलों में धार्मिक शादी के बजाय नोटरी एग्रीमेंट का सहारा लिया जाता है. इससे कानूनी प्रक्रिया कमजोर रहती है और ठग आसानी से गायब हो जाते हैं.
फर्जी रिश्तेदारों का जाल: खुद को मौसी, चाची या रिश्तेदार बताने वाले लोग भरोसा जीतते हैं. यही लोग पैसों की डील और दबाव बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.
बिचौलियों के जरिए रिश्ता: सीधे परिवारों के बजाय बिचौलियों से रिश्ता तय कराया जाता है. बाद में यही बिचौलिए संपर्क से बाहर हो जाते हैं.
शुरुआती दिनों में सामान्य व्यवहार: शादी के बाद कुछ दिन तक दुल्हन का व्यवहार बिल्कुल सामान्य रहता है. इससे शक की गुंजाइश खत्म हो जाती है और फरारी आसान हो जाती है.
धमकी बनती है आखिरी हथियार: पैसे मांगने या शिकायत करने पर झूठे रेप केस जैसी धमकियां दी जाती हैं, ताकि पीड़ित पीछे हट जाए.
aajtak.in