साइबर अपराधियों का नया ठिकाना Gurugram की साइबर सिटी, सालभर में सामने आए ठगी के 32 हजार केस 

विश्व के मानचित्र पर साइबर सिटी के रूप में अपनी पहचान बना चुका गुरुग्राम अब साइबर अपराधियों के लिए ऐशगाह बनता जा रहा है. साइबर ठग इस कदर सक्रिय हो गए है कि वह जब चाहें लोगो को चूना लगाने में कामयाब हो रहे हैं. साल 2023 के दौरान गुरुग्राम में साइबर ठग्गी के 32000 मामले आए थे, जिसमें करोड़ों रुपए की राशि लोगों से ठगी गई थी. 

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.

नीरज वशिष्ठ

  • गुरुग्राम ,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

जामताड़ा की तर्ज पर गुरुग्राम की साइबर सिटी में साइबर सिटी में ठगों का जाल पनप रहा है. यह जगह अब साइबर अपराधियों का नया ठिकाना बनकर उभरा है. यहां एक साल में साइबर ठगी के करीब 32 हजार केस सामने आ चुके हैं. हालांकि, पुलिस की मदद से 25 करोड़ रुपए की रिकवरी भी की गई है और 600 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया है. मगर, अभी भी करीब 7,000 मामले लंबित चल रहे हैं और साइबर ठगी के मामलों में लगाम नहीं लग पा रही है. 

Advertisement

आलम यह है कि रोजाना ठगी के औसतन 70 से 80 मामले सामने आ रहे हैं. बीते दिनों साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने के जुर्म में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान इरशाद, शाहरुख खान और सैफ के रूप मे हुई है. आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल, 6 एटीएम कार्ड, 38 सिम कार्ड्स और 10 हजार रुपये नगद बरामद किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- ठग क्रिकेटर के बाद अब चोरी के केस में पकड़ा गया वॉलीबॉल प्लेयर, 12 मोबाइल जब्त

डीसीपी साउथ गुरुग्राम सिद्धांत जैन ने बताया कि पिछले साल यानी साल 2023 में साइबर ठगी के करीब 32 हजार केस हुए थे. हालांकि, पुलिस ने 25 करोड़ रुपए की रिकवरी भी की और 600 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया है. मगर, अभी भी करीब 7,000 मामले लंबित चल रहे हैं. 

Advertisement

यह भी पढ़ें- हैदराबाद से आई कॉल और गुरुग्राम में..., ऐसे पकड़े गए ATM लूटने वाले दो आरोपी

अनआईडेंटिफाई लिंक का इस्तेमाल करते हैं ठग

पुलिस के अनुसार, ठग सीधे तौर पर अनआईडेंटिफाई लिंक का इस्तेमाल करते हैं. जिस पर क्लिक करते ही न तो कोई ओटीपी चाहिए होता है और न ही कोई कंफर्मेशन. बीते दिनों पुलिस ने साइबर सिटी गुरुग्राम में साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध करवाने के जुर्म में तीन लीगो को गिरफ्तार भी किया था. 

फेसबुक पर नौकरी दिलाने का विज्ञापन और...

फेसबुक पर नौकरी दिलवाने की ऐड और इश्तेहार डालते थे. जब कोई व्यक्ति नौकरी के नाम पर इनसे संपर्क करता था, तो उन्हें नौकरी दिलाने से पहले उन लोगों के दस्तावेज लेकर उनका बैंक में खाता खुलवाकर उन बैंक खातों का एक्सेस और सभी दस्तावेज अपने पास रख लेते थे. 

उस बैंक खातों को आरोपी अपने अन्य साथियों को दे देते थे. शिकायतकर्ता से ठगी करके जिस बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर कराए थे, वो बैंक खाता आरोपियों ने अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाया था.

इसलिए गुरुग्राम का नाम पड़ा साइबर सिटी 

गुरुग्राम का नाम साइबर सिटी इसलिए पड़ा क्योंकि यहा बहुत सी साइबर कंपनियों ने अपने ऑफिस खोले हुए हैं. एमएनसी कंपनियां गुरुग्राम में रहकर विदेश में साइबर से जुड़े बिजनेस मॉडल को संभालती हैं. मगर, ऐसे में साइबर सिटी गुरुग्राम में अब साइबर अपराधों का भी बोलबाला होने लगा है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement