18 महीनें, 1,301 साइबर क्राइम केस और 107 करोड़ का नुकसान... छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में दी चौंकाने वाली जानकारी

भाजपा विधायक सुनील सोनी ने जनवरी 2024 से जून 2025 तक छत्तीसगढ़ में दर्ज साइबर अपराध के मामलों की संख्या की जानकारी मांगी और यह भी पूछा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य विधानसभा में ये जानकारी दी (फोटो-ITG) उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य विधानसभा में ये जानकारी दी (फोटो-ITG)

aajtak.in

  • रायपुर,
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

Cyber Crime in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले डेढ़ साल के दौरान 1,301 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें पीड़ितों को 107 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. यह जानकारी सूबे के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राज्य विधानसभा में दी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने इनमें से 107 मामलों में 3.36 करोड़ रुपये बरामद किए हैं.

प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए, भाजपा विधायक सुनील सोनी ने जनवरी 2024 से जून 2025 तक छत्तीसगढ़ में दर्ज साइबर अपराध के मामलों की संख्या की जानकारी मांगी और यह भी पूछा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

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बीजेपी विधायक ने कहा कि साइबर अपराध के जरिए हजारों लोगों को ठगा जा रहा है और कुछ पीड़ित आत्महत्या करने पर भी मजबूर हो रहे हैं. 

गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे डिप्टी सीएम शर्मा ने अपने जवाब में कहा कि इस अवधि के दौरान राज्य में कुल 1,301 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन मामलों में पीड़ितों को 107.03 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आगे बताया कि इस दौरान 3.69 करोड़ रुपये की राशि वसूल कर पीड़ितों को वापस की गई है.

साइबर अपराध की रोकथाम के लिए रेंज स्तर पर एक राज्य साइबर पुलिस थाना और पांच रेंज साइबर पुलिस थाने कार्यरत हैं. जिला स्तर पर भी साइबर सेल कार्यरत हैं और कुछ जिलों में साइबर पुलिस थानों की स्वीकृति मिल चुकी है.

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साइबर अपराधों की जांच के दौरान एकत्रित डिजिटल साक्ष्यों के परीक्षण हेतु रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में आधुनिक साइबर उपकरणों से सुसज्जित साइबर फोरेंसिक लैब संचालित है. 

डिप्टी सीएम ने बताया कि साइबर अपराध अनुसंधान क्षमता के विकास हेतु, सी-डैक और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी जैसे जटिल विषयों पर समय-समय पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, हाल ही में साइबर अपराध से निपटने हेतु साइबर कमांडो योजना के अंतर्गत राज्य के एक राजपत्रित अधिकारी और पांच अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है.

साइबर अपराध में शामिल सिम कार्ड और IMEI नंबर ब्लॉक किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय और जिला स्तर पर व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

पीड़ितों को धन वापसी के प्रयासों के बारे में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि साइबर अपराध के पीड़ितों को तुरंत शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) संचालित है.

राज्य में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 का आधुनिक कॉल सेंटर 24X7 कार्यरत है. कॉल सेंटर में कार्यरत प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बैंकों, ई-वॉलेट और पेमेंट गेटवे के नोडल अधिकारियों से सीधा समन्वय स्थापित करके संदिग्ध लेनदेन पर रोक लगाते हैं.

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उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के पंजीकृत मामलों में न्यायालय के आदेशानुसार धन वापसी की प्रक्रिया की जाती है.

भाजपा विधायक गजेंद्र यादव द्वारा उठाए गए एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के 67,389 लोगों ने 2023 से जून 2025 तक एनसीआरपी पोर्टल पर 791 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई हैं.

उन्होंने बताया कि इनमें से 21,195 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है और 1,820 पीड़ितों का पैसा वापस कर दिया गया है.

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