छात्राओं का यौन शोषण, लेडी गैंग और 'इच्छाधारी बाबा' का मायाजाल... स्वामी चैतन्यानंद की 'डर्टी पिक्चर' के पांच अध्याय

दिल्ली पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी फरार है. उस पर 17 लड़कियों के यौन शोषण का आरोप लगा है. दिखने में संत, चाल में विद्वान और पहनावे में तपस्वी, लेकिन करतूतें इतनी घिनौनी कि सुनकर रूह कांप जाए. आइए उसकी पूरी कहानी जानते हैं.

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श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान के स्वामी चैतन्यानंद की हैरान करने वाली करतूत. (Photo: ITG) श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान के स्वामी चैतन्यानंद की हैरान करने वाली करतूत. (Photo: ITG)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST

माथे पर त्रिपुंड. गले में रुद्राक्ष की माला. बदन पर भगवा वस्त्र. हाथ में शास्त्र और जुबान पर प्रवचन. बाहर से पहुंचे हुए संत की छवि, लेकिन भीतर से शैतानी करतूतों का साम्राज्य. यही है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी की असली पहचान. कल तक लग्जरी गाड़ियों में डिप्लोमैट नंबर प्लेट लगाकर रसूख दिखाने वाला ये बाबा आज दिल्ली पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है.

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दरअसल, यह वही इच्छाधारी बाबा है जो कभी संत बनता है, कभी प्रोफेसर, कभी गुरुघंटाल और कभी लेखक. चंद दिनों पहले तक भक्त जयकारे लगाते थे, लेकिन जब उसके पापों का पुलिंदा खुला तो बाबा का नकाब उतर गया और वह नौ-दो-ग्यारह हो गया. अब दिल्ली पुलिस की कई टीमें यौन शोषण और फर्जीवाड़े के आरोप में उसकी तलाश में जुटी हैं. 'ऑपरेशन इच्छाधारी' चलाया जा रहा है.

'इच्छाधारी बाबा' स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की करतूतों के 5 अध्याय...

बाबा की अधर्म कथा का अध्याय- 1: संस्थान की आड़ में अधर्म

दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान में चैतन्यानंद सर्वेसर्वा था. यहां पढ़ने वाली छात्राओं ने खुलासा किया कि संस्थान की कुर्सी का इस्तेमाल उसने शोषण के लिए किया. उसके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, वो छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजता था. उनसे देर रात गंदी बातें करता था. उनको अपने पास बुलाकर जबरन उनका शरीर छूता था.

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उसकी भाषा इतनी भद्दी होती कि छात्राओं की रूह कांप जाती. कई छात्राओं ने बयान दिया कि बाबा उन्हें बुलाकर धमकाते हुए कहता, "मेरी बात नहीं मानी तो फेल कर दूंगा." किसी को विदेश घूमाने का लालच देता तो किसी को बर्बाद करने की धमकी. जांच में सामने आया कि इस खेल में अकेला बाबा नहीं था. कुछ महिला फैकल्टी और वॉर्डन उसकी लेडी गैंग की तरह काम करती थीं. 

कभी डराकर, कभी बहला-फुसलाकर वे छात्राओं को बाबा तक पहुंचातीं. यहां तक कि उनके मोबाइल से बाबा के मैसेज डिलीट करने का काम भी करतीं. अब दिल्ली पुलिस उस लेडी गैंग से पूछताछ कर रही है और जल्द गिरफ्तारी हो सकती है. लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि दरिंदा बाबा इस वक्त कहां है? क्या वो देश में है या फिर रसूख के जरिए विदेश भाग गया है.

बाबा की अधर्म कथा का अध्याय- 2: फर्जी नंबर प्लेट का खेल

चैतन्यानंद सरस्वती के ठिकाने से दिल्ली पुलिस को संयुक्त राष्ट्र और अन्य दूतावास की 10 फर्जी नंबर प्लेट मिली हैं. उसकी लग्जरी कार पर भी डिप्लोमैट की नकली प्लेट लगी थी. सवाल ये है कि आखिर एक साधु को ऐसी फर्जी पहचान की जरूरत क्यों थी? कहीं वो संस्थान की आड़ में कोई बड़ा गुनाह तो नहीं कर रहा था? पुलिस इन फर्जीवाड़ों के पीछे के राज जानने की कोशिश कर रही है.

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इस केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की टीम ने जब बाबा के संस्थान का सीसीटीवी फुटेज खंगालना चाहा तो कई दिन की रिकॉर्डिंग डिलीट मिली. ऐसे में पुलिस को शक हो रहा है कि वॉर्डन और बाबा ने मिलकर सबूत मिटाने की कोशिश की है. डीवीआर को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद बाबा के काले करतूतों से जुड़े सबूत मिल सकते हैं.

बाबा की अधर्म कथा का अध्याय- 3: अपराधों का इतिहास

पुलिस की जांच में पता चला कि यह बाबा ओडिशा का रहने वाला है. पिछले एक दशक से संस्थान से जुड़ा है. यह पहली बार नहीं है जब उस पर यौन शोषण के आरोप लगे हों. साल 2009 में भी बाबा के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. साल 2016 में एक छात्रा ने शिकायत की तो उसे गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन वह जल्द ही जमानत पर बाहर आ गया. यानी बाबा यौन शोषण का आदतन अपराधी है. 

बाबा की अधर्म कथा का अध्याय- 4: चकाचौंध भरा बायोडेटा

पार्थ सारथी उर्फ स्वामी चैतन्यानंद ने शिकागो बूथ यूनिवर्सिटी से एमबीए और पीएचडी कर रखी है. यह वही यूनिवर्सिटी है, जहां से 10 छात्रों ने अर्थशास्त्र का नोबेल जीता है. बतौर मैनेजमेंट गुरु उसकी कई किताबें छपीं और रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुई. बाबा दावा करता है कि संतों के संपर्क में आने के बाद उसने दीक्षा ली और चैतन्यानंद सरस्वती बन गया. लेकिन उसका असली सच ये नहीं है.

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बाबा की अधर्म कथा का अध्याय- 5: अब मोस्ट वॉन्टेड बाबा

ये इच्छाधारी बाबा आज दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. उसके खिलाफ 17 छात्राओं ने बयान दर्ज कराया है. सभी ने उसके गुनाहों की गवाही अदालत में दी है. अब पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए "ऑपरेशन इच्छाधारी" शुरू किया है. लाल गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट और आश्रम से डिलीट सीसीटीवी रिकॉर्डिंग इस केस की सबसे बड़ी पहेली हैं. शक है कि बाबा के पीछे कोई और बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. 

यही वजह है कि उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए प्राथमिकता बन चुकी है. इच्छाधारी बाबा का मायाजाल अब सबके सामने है. संत का चोला उतारते ही उसके भीतर छिपा अपराधी दिखने लगा है. सवाल यह है कि कब तक समाज ऐसे पाखंडी बाबाओं की ठगी और अधर्म का शिकार बनता रहेगा? क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है कि कोई बाबा धर्म की आड़ में इस तरह की घिनौनी हरकते करता रहा हो.

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