करोड़ों का बैंक लोन, 7 लाशें और कार में सुसाइड नोट... 4 शहरों से जुड़ी है पंचकूला सामूहिक सुसाइड की मिस्ट्री

पंचकूला की इस भयावह घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, जब मित्तल परिवार के छह सदस्य एक कार में मृत पाए गए. जबकि कार बाहर जीवित मिले एकमात्र व्यक्ति प्रवीण मित्तल ने भी सच बताने के बाद दम तोड़ दिया. गंभीर आर्थिक तंगी के कारण पूरे मित्तल परिवार ने जहर खा लिया. पुलिस ने उनकी कार से एक सुसाइड नोट बरामद किया है.

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मित्तल परिवार के सामूहिक सुसाइड का कनेक्शन कई शहरों से है मित्तल परिवार के सामूहिक सुसाइड का कनेक्शन कई शहरों से है

अमन भारद्वाज / अंकित शर्मा

  • पंचकूला/देहरादून,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

Panchkula Praveen Mittal Family Suicide Case: पंचकूला शहर के एक रिहाइशी इलाके में एक घर के सामने एक कार मिलती है. रात के वक्त एक शख्स उस कार के करीब जाता है. ये देखने के लिए कि वो कार उसके घर के सामने क्यों खड़ी है. लेकिन इसके बाद वहां जो कुछ वो देखता है, वो बात सुबह होते-होते एक खबर की शक्ल में पूरे देश में फैल जाती है. क्योंकि उस कार के अंदर एक साथ मिलती हैं 6 लोगों की लाशें और कार के बाहर एक शख्स बैठा था जो मरने वाला था.

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वो हुंडई ओरा कार पंचकूला के सेक्टर 27 में खड़ी थी. कार के अंदर बेसुध या फिर बेजान पड़े छह-छह लोग और कार के पास ही फुटपाथ पर बैठ कर एक शख्स कांप रहा था. सोमवार की रात करीब सवा दस बजे जब रिहायशी इलाके में लोगों ने अपने घर के बाहर ये मंजर देखा तो हैरत में पड़ गए. फौरन उन्होंने कार के पास बैठे शख्स से पूछताछ की और उस आदमी की बातें सुन कर तो हैरानी और भी बढ़ गई. 

उस शख्स ने बताया कि उसका नाम प्रवीण मित्तल है और कार के अंदर मौजूद सारे के सारे लोग उसी की फैमिली से है. सबने जहर खाकर जान दे दी है और अब वो भी जहर खा कर अपनी मौत का इंतजार कर रहा है. कुछ देर में उसकी भी मौत हो जाएगी. एक साथ इतनी लाशें और लाशों के साथ जहर खा कर अपनी मौत का इंतजार करते ऐसे किसी आदमी को लोगों ने पहली बार देखा था. कुछ देर के लिए तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि आखिर वो करें तो क्या करें. 

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लेकिन फिर उन्होंने पुलिस और एंबुलेंस को फोन किया. इस बीच उन्होंने पास ही बैठे शख्स से कार की चाबी मांगी और कार में मौजूद लोगों को झकझोर कर देखा कि कहीं अगर किसी के जिस्म में जरा भी जान बची हो, तो वो फौरन उन्हें उठा कर अस्पताल ले कार जाएं. लेकिन जहर शायद अपना असर पहले ही दिखा चुका था. कार में मौजूद सभी लोगों की जान जा चुकी थी.

कुछ ही देर में कार के बाहर बैठा शख्स भी बेसुध होकर वहीं गिर पड़ा और जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, तब तक उसकी भी मौत हो चुकी थी. अब तक पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स भी मौके पर पहुंच चुके थे. जिन्होंने मौके का मुआयना करने के साथ-साथ जब कार की तलाशी तो उसमें से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला. इस नोट को लिखने वाला प्रवीण मित्तल नाम का वही शख्स था जो कार के बाहर बैठा अपनी मौत का इंतजार कर रहा था. 

लेकिन फिर सवाल ये था कि आखिर एक परिवार ने यूं बीच रास्ते में जहर खा कर खुदकुशी क्यों कर ली? इस परिवार पर ऐसी कौन सी मुसीबत थी कि उन्हें यूं खुद को खत्म करना पड़ा? छानबीन आगे बढ़ी तो पता चला कि ये पूरा परिवार पंचकूला में बाबा बागेश्वर धाम की कथा सुनने पहुंचा था और वहीं से वापस लौट रहा था. ऐसे में ये सवाल और गहरा हो चुका था कि एक ऐसी जगह जहां आध्यात्म और शांति की बात हो, वहां से लौटते हुए लोग आखिर ऐसा कर सकते हैं? तो यही सवाल अब इस परिवार के रिश्तेदारों को भी हैरान कर रहा था.

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तो खैर कार में मिले सुसाइड नोट से इस सवाल का भी जवाब मिला. पुलिस सूत्रों की मानें तो उसने लिखा था कि वो बैंक्रप्ट हो चुका है, उस बहुत कर्ज है और कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं दे रही है, इसलिए वो अपने परिवार के साथ जान दे रहा है. उसने सुसाइड नोट में अपने ससुर पर कोई कार्रवाई ना करने की बात भी लिखी थी और था कि उनकी लाशों का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी उनके भांजे को दे दी जाए.

जल्द ही मरने वाले पूरे मित्तल परिवार की पहचान हो गई. इनमें 42 साल का प्रवीण मित्तल, उसकी पत्नी रीना, मां विमला, पिता देशराज, 15 साल का बेटा हार्दिक और दो जुड़वा बेटियां हिमशिखा और दलिशा थी. प्रवीण देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का काम करते थे, खुद ही टैक्सी भी चलाते थे और यहां अपने पूरे परिवार के साथ बाबा बागेश्वर धाम की कथा सुनने के लिए पहुंचे थे. जहां से वापस लौटते वक्त उन्होंने कार में ही जहर खा कर खुदकुशी करने का फैसला कर लिया.

कुछ साल पहले तक ये परिवार देहरादून में ही रहता था, लेकिन इन दिनों ये पंचकूला शिफ्ट हो चुका था. इस परिवार के बारे में जानकारी मिलने पर हम पंचकूला के उस मकान में भी पहुंचे, जहां मित्तल परिवार रहता था. मित्तल परिवार के यूं बीच सड़क पर खुदकुशी कर लेने के इस दर्दनाक खबर की जानकारी मिलने पर उनके कई रिश्तेदार मौका-ए-वारदात पर पहुंचे, जिन्होंने इन मौतों के पीछे की दर्दनाक कहानी सुनाई. 

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रिश्तेदारों ने बताया कि प्रवीण मित्तल का परिवार पहले कबाड़ी का काम करता था, जिसमें उन्होंने अच्छी कमाई की, इसके बाद उन्होंने हिमाचल के बद्दी में फाउंड्री की शुरुआत की, लेकिन उसमें जबरदस्त घाटा हुआ और इस घाटे की बदौलत, उनकी फैक्ट्री मकान, जमीन जायदाद सबकुछ पर बैंक का कब्जा हो गया. इसके बाद मित्तल ने कई अलग-अलग शहरों में अपना काम जमाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली और इन दिनों वो देहरादून में रह कर टूर एंड ट्रैवल का काम कर रहे थे. लेकिन उन्होंने अचानक ही ये खौफनाक फैसला कर लिया.

उधर, इस वारदात का कनेक्शन देहरादून से जुड़ने पर आजतक की टीम देहरादून के उस मकान में भी पहुंची, जहां कभी ये परिवार किराये पर रहा करता था. इस मकान के इर्द गिर्द रहने वाले लोगों ने पूरे परिवार को बहुत ही विनम्र और अच्छा परिवार बताया. उन दिनों प्रवीण एक एनजीओ में काम करते थे.

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