अपने अरेस्ट वारंट की मांग पर भड़के इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू, ICC को दी ये चेतावनी

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के अभियोजक पक्ष की ओर से अपनी गिरफ़्तारी वारंट की मांग की निंदा की है. नेतन्याहू ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की मांग इजरायली सेना और पूरे इजरायल का अपमान है. उन पर फिलिस्तीनियों को भूखे मारने का आरोप लगाया गया है.

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Photo- AFP) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Photo- AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

गाजा में हमास से जंग में लड़ रहे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गिरफ्तारी के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अरेस्ट वारंट की मांग की गई हैं. इस पर भड़के नेतन्याहू ने कहा कि वो लोकतांत्रिक इजरायल की तुलना हमास के सामूहिक हत्यारों से करने को कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की मांग को इजरायली सेना और पूरे इजरायल पर हमला बताया है.

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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "आईसीसी अभियोजक करीम खान द्वारा इजरायल के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट की मांग करने का अपमानजनक निर्णय अपमानजनक है. यह अंतरराष्ट्रीय अदालत पर हमेशा के लिए शर्मिंदगी का दाग लगा देगा. इजरायल एक नरसंहार करने वाले आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ जायज जंग लड़ रहा है. हमास ने नरसंहार के बाद से यहूदी लोगों को अपना बंधक बनाया है.''

इससे पहले इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के अभियोजक करीम खान ने पीएम नेतन्याहू पर फिलिस्तीनियों को भूखे मारने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी. गाजा में युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए रक्षा मंत्री योव गैलेंट की गिरफ़्तारी की भी मांग की गई हैं. उनका दावा है कि गाजा युद्ध में इजरायल ने 'भूख' को नागरिकों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. 

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मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा कि उनके पास पुख्ता सुबूत है जिसके आधार पर नेतन्याहू और इजरायल के रक्षा मंत्री याव गैलेंट को गाजा में हो रहे जंग के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने हमास के तीन नेताओं के खिलाफ भी 7 अक्तूबर को इजरायल पर हुए हमले के संबंध में युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अरेस्ट वारंट मांगा है, जिसमें याह्या सिनवार, इस्माइल हानिए और मोहम्मद दीफ का नाम शामिल है.

हमास ने भी अपने नेताओं की गिरफ्तारी की मांग का विरोध किया है. हमास के एक अधिकारी ने कहा कि आईसीसी के अभियोजक का हमास के नेताओं का अरेस्ट वारंट मांगना पीड़ित और जल्लाद को एक बराबर रखना है. हमास के अधिकारी ने कहा कि इससे इजरायल को फिलिस्तीनियों के ख़ात्मे के इस युद्ध को जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. अभियोजक करीम खान की मांग पर अब जज ये तय करेंगे कि अरेस्ट वारंट जारी किया जाए या नहीं.

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इजरायली पीएम और रक्षा मंत्री की गिरफ्तारी की मांग का विरोध किया है. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच तुलना सही नहीं हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गाजा में जो कुछ भी हो रहा है वो फिलिस्तीनियों का नरसंहार नहीं हैं.

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बताते चलें कि इजरायल अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. एक तरफ उस पर जहां गाजा में युद्धविराम के लिए भारी दबाब है, वहीं इजरायली शहरों में भी विरोध प्रदर्शन लगतार हो रहे हैं. सोमवार को सैकड़ों लोग यरूशलम की सड़कों पर उतर आए और संसद का घेराव किया. वहीं इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.

संसद का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारी तुरंत सीजफायर चाहते हैं ताकि हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई हो सके. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि अगर इजरायल रफाह में जमीनी अभियान चलाता है तो युद्ध लंबा खिंचेगा और ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है.

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