Faridabad Tanu Singh Murder Case: फरीदाबाद के रौशन नगर में मकान नंबर 61 के सामने 10 फीट जमीन के नीचे से जो सच निकला, उसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया. दो साल पहले उस घर में ब्याह कर आई एक मासूम लड़की, पिछले दो महीने से लापता थी, मगर अब उसकी लाश उसी घर के सामने बने एक गड्ढे से बरामद हुई. एक बाप-बेटे ने मिलकर जिस तरह इस कत्ल की वारदात को अंजाम दिया, वो इंसानी हैवानियत का चेहरा उजागर करता है. यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं है, बल्कि उन रिश्तों की भी है, जो प्यार और भरोसे की जगह शक, नफरत और लालच से भरे होते हैं.
फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला अचानक अपने ससुराल से कहीं गायब हो जाती है. ससुराल वालों से लेकर मायके वाले तक उसे ढूंढ-ढूंढ कर थक जाते हैं. यहां तक कि फरीदाबाद पुलिस को भी उसका कुछ पता नहीं चलता. लेकिन करीब 2 महीने बाद कुछ ऐसा होता है कि महिला की लाश उसके ससुराल के ठीक सामने सड़क के नीचे 10 फीट गहरे गड्ढे से बरामद होती है. आखिर ये राज़ क्या है? महिला घर से गायब होकर घर से बाहर बने गड्ढे में कैसे पहुंच गई? इसके पीछे एक खौफनाक कहानी है.
फरीदाबाद के रौशन नगर मोहल्ले में मकान नंबर 61 की दहलीज पर खुदा 10 फीट का एक गड्ढा इस वक्त पुलिस की सख्त निगरानी में है. क्योंकि उस गड्ढे को खुदवाया ही पुलिस ने है और खुदवाने की वजह है गड्ढे से मिली एक लाश. दरअसल, पुलिस को शक था कि इस घर के सामने एक महिला की लाश दफन हो सकती है. और इसी शक की बिनाह पर जब पुलिस ने इस गड्ढे की खुदाई करवाई, तो वाकई गड्ढे के अंदर से कंकाल की सूरत में महिला की लाश बरामद हो गई. लाश करीब 2 महीने पुरानी है.
एक घने रिहायशी इलाके में, जहां गलियों में हर पल किसी ना किसी की मौजूदगी होती है, लोग आते-जाते रहते हैं, वैसी जगह पर किसी घर के सामने दो महीने से किसी लाश दफन हो और किसी को कानों-कान पता भी ना चले, ये अपने-आप में एक हैरानी वाली बात थी. सवाल ये था कि इस लाश को घर के सामने बने गड्ढे में आखिर किसने दफनाया? और लाश को दफनाने वाले पर किसी की नजर कैसे नहीं पड़ी? तो जब पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ी, तो इन सवालों के चौंकाने वाले जवाब सामने आए हैं.
दरअसल, गड्ढे में से निकाली गई लाश किसी और की नहीं बल्कि उसी मकान में रहने वाले सिंह परिवार की बहू तनु की थी. उस तनु की, जिसे उसके मायके वालों के साथ-साथ ससुराल के सारे लोग करीब 2 महीने से लगातार ढूंढ रहे थे. असल में तनु किसी को बताए बगैर ही अपने ससुराल से कहीं चली गई थी. ऐसे में बहू को ढूंढने की कोशिश करने के सिवाय ससुराल वालों के पास भी और कोई चारा नहीं था. ससुराल वालों ने इस सिलसिले में पास के थाने में तनु के गायब हो जाने की इत्तिला दी थी. यह मामला वाकई बहुत अजीब है.
चलिए, इस अजीब कहानी का एक-एक सच जानने के लिए अब आपको दो साल पीछे लिए चलते हैं. वो 21 जून 2023 का दिन था, जब फिरोजाबाद की रहने वाली तनु की शादी फरीदाबाद के अरुण सिंह के साथ हुई थी. अरुण अपने पिता भूप सिंह के साथ फरीदाबाद में ही सिलाई कढ़ाई की एक फैक्टरी चलाता था. शादी के कुछ दिनों तक तो पति-पत्नी का रिश्ता ठीक रहा. ससुराल वालों के साथ भी बहू का संबंध अच्छे रहे. लेकिन धीरे-धीरे रिश्तों में तल्खी आने लगी.
असल में अरुण को नशे की लत थी, जिसे लेकर अक्सर उसकी तनु से लड़ाई हुआ करती थी और इस झगड़े में बहू का साथ देने और अरुण को समझाने की जगह ससुराल वाले उल्टा तनु को ही परेशान किया करते थे. ऊपर से उसे दहेज के लिए भी सताया जाता था. पिछले दो साल में ऐसे कई मौके आए, जब ससुराल वालों के जुल्मो-सितम से तंग आकर तनु अपने मायके फिरोजाबाद चली गई और फिर समझाने-बुझाने के बाद उसकी ससुराल में वापसी हुई.
लेकिन इस मामले ने तब सबसे सीरियस टर्न ले लिया, जब पिछले 23 अप्रैल 2025 को तनु एकाएक ससुराल वालों को बताए बगैर ही घर से कहीं गायब हो गई. यहां तक कि उसका मोबाइल फोन भी रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो गया. तनु की गुमशुदगी के बाद ससुराल वालों ने पुलिस को इत्तिला देने के साथ-साथ उसके मायके वालों को भी इसकी खबर दी. लेकिन कई रोज गुजर जाने के बावजूद तनु का कोई पता नहीं चला.
तनु के ससुराल वालों ने आस-पास के लोगों को अपनी बहू के घर से भाग जाने की स्टोरी सुनाई थी. लेकिन उसके मायके वालों को ससुराल वालों की स्टोरी पर शक था. ऐसे में फिरोजाबाद से फरीदाबाद आए उसके घर वालों ने फरीदाबाद पुलिस से शिकायत की और शक जताया कि जिस तरह तनु के ससुराल के बाहर हाल में नई-नई सीढ़ियां और चबूतरा सा बनवाया गया है, उससे उन्हें शक है कि इसके पीछे कोई साजिश भी हो सकती है.
अब पुलिस ने पता करना शुरू किया कि आखिर तनु के ससुराल के बाहर नए सिरे से सिमेंटिंग कब गई? सीढ़ियां कब बनवाई गईं? तो पता चला कि ठीक उन्हीं दिनों, जिन दिनों तनु अपने ससुराल से भाग गई थी. अब पुलिस को शक होने लगा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ससुराल वालों ने तनु की जान ले कर उसकी लाश यहीं घर के बाहर दफ्ना दिया हो और ऊपर से सिमेंटिंग कर दी हो? बात अविश्वसनीय लगती थी. लेकिन ऐसा भी हो भी सकता था.
अब पुलिस ने आस-पास के लोगों से पूछताछ की. पता चला कि तनु के ससुर भूप सिंह ने अपने घर के बाहर घर में इस्तेमाल होने वाले पानी के निस्तारन के लिए ये गड्ढा खुदवाया था और दो दिन बाद उसे भरवा भी दिया था. लेकिन जब पुलिस ने गड्ढा खोदने के बाद उस जगह की सिमेंटिंग करने वाले राजमिस्त्री से बात की, तो फिर उसका शक यकीन में बदल गया. असल में पुलिस को पता चला कि भूप सिंह ने गड्ढा तो घर से निकलने वाले पानी के निस्तारन के लिए खुदवाया था. लेकिन गड्ढे को भरने और ऊपर से सिमेंटिंग करने के लिए उसने राजमिस्त्री को जिस दिन बुलाया था, उससे पहले ही गड्ढा भर दिया था और उसके ऊपर ईंटें रख दी थी.
भूप सिंह ने तब राजमिस्त्री को ये बताया था कि उन्होंने गड्ढे में पानी भरने का इरादा टाल दिया है और इसलिए इसे भर दिया है. उसने इसके बाद राजमिस्त्री से गड्ढे वाली जगह पर सिमेंटिंग करने और नई सीढ़ियां बनाने को कहा. चूंकि राजमिस्त्री को अपने काम के पैसे मिल रहे थे, वो सिमेंटिंग करके वहां से चला गया. लेकिन पहले गड्ढे की खुदाई और फिर उसे एकाएक भर दिए जाने के इस सिक्वेंस को सुनकर पुलिस ने घर के सामने वाली जगह पर खुदाई करवाने का फैसला किया.
आखिरकार उस जगह पुलिस ने खुदाई कराई और नतीजा वही हुआ, जिसका डर था. 23 अप्रैल को गायब हुई तनु आखिर 20 जून को गड्ढे से एक लाश की शक्ल में बरामद हुई. हैरानी की बात ये रही कि पल्ला थाने की पुलिस ने जब इस मामले की जांच की, तो शुरुआती तफ्तीश में उसे सिर्फ तनु के ससुर भूप सिंह की ही भूमिका पता चली. बाकी लोगों से पूछताछ का लंबा सिलसिला ही चल रहा था.
आखिरकार पल्ला थाने के निकम्मेपन को देखते हुए इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई. और जब फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई, तो ऐसा खुलासा हुआ जो काफी चौंकाने वाला था. तनु की हत्या उसके ससुर भूप सिंह, उसके बेटे यानी तनु के पति अरुण सिंह और उसकी सास ने मिल कर की थी. 22 और 23 अप्रैल की रात को साजिशन अरुण ने अपनी पत्नी तनु और बहन के खाने में नींद की गोलियां मिला दी थीं. ताकि एक का कत्ल कर सके और एक को कत्ल से अंजान रख सके. वैसे तो तनु की सास सोनिया पूरी साजिश से वाकिफ थी, लेकिन फंसने से बचने के लिए वो पहले ही अपने मायके चली गई थी.
प्लान ये था कि भूप सिंह पहले बहू के कमरे में जा कर उसकी हत्या कर देगा और फिर बाप-बेटा दोनों मिल कर लाश ठिकाने लगा देंगे. लेकिन कहानी का एक और दर्दनाक पहलू ये रहा कि भूप सिंह जब कत्ल करने के लिए अपने बहू के कमरे में गया, तो गहरी नींद में सो रही बहू को देख कर उसकी नीयत खराब हो गई और उसने कत्ल से पहले बहू के साथ रेप भी किया. इसके बाद गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी और फिर दोनों बाप बेटे ने मिल कर प्लान के मुताबिक लाश को रातों-रात घर के सामने खोदे गए गड्ढे में डाल कर उसे मिट्टी और ईंटों से भर दिया. यही वजह है कि घर में सो रही तनु की ननद को अपनी भाभी के कत्ल की इस वारदात का पता ही नहीं चला. क्राइम ब्रांच ने फिलहाल भूप सिंह के अलावा पति अरुण और सास सोनिया को भी गिरफ्तार कर लिया है.
लेकिन लोकल पुलिस की भूमिका इस मामले में शक के घेरे में है. सवाल ये है कि लोकल पुलिस अब तक इस राज से पर्दा क्यों नहीं हटा सकी, जिससे क्राइम ब्रांच ने हटा दिया? यही सवाल पल्ला थाने की पुलिस के मन में भी होना चाहिए था कि एक घर में जहां पांच लोग रहते हों, वहां एक की हत्या हो जाए और सिर्फ एक को छोड़ कर परिवार के बाकी लोगों को इसका पता ही ना चले, ये ये कैसे हो सकता है? सवाल ये भी कि आखिर कोई अकेले रातों-रात लाश गड्ढे में डाल कर ऊपर से मिट्टी और ईंटों से उस गड्ढे को कैसे बंद कर सकता है?
जिस तरह से तनु की हत्या की गई, उसमें पुलिस की मुस्तैदी से भी शायद उसकी जान तो नहीं बच पाती, लेकिन अगर पल्ला थाने की पुलिस ने पहले ही गंभीरता से मामले की जांच की होती तो इतना जरूर होता कि कत्ल की इस भयानक वारदात के खुलासे में 2 महीने का वक्त नहीं लगता.
(फरीदाबाद से सचिन गौड़ के साथ हिमांशु मिश्र का इनपुट)
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