अंकिता भंडारी मर्डर केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस दौरान पता चला है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य अपने रिजॉर्ट में आने वाले मेहमानों को हर तरह से खुश करना चाहता था ताकि वे बार-बार उसके रिजॉर्ट पर आएं और दूसरे लोगों को भी भेजें. लेकिन जंगल के बीच रिजार्ट तक लोगों को लाने के लिए कुछ तो खास करने की ज़रूरत थी. बस इसी वजह के चलते पुलकित ने अपने रिजॉर्ट को अय्याशी का अड्डा बना डाला था. यहां तक उसने कुछ खास वीआईपी मेहमानों के लिए खास इंतजाम भी किए थे, जिनका खुलासा अब हो रहा है.
रिजॉर्ट की आड़ में गंदा खेल
पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में एक गंदा खेल खेला जा रहा था, जो 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की मौत की वजह बन गया. अंकिता के दोस्त पुष्प के बयान और एसआईटी की जांच के दौरान पता चला है कि अंकिता को भी वहां गलत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. इसी बात से अंकिता बेहद परेशान थी. उसने इस बात का जिक्र अपने दोस्त पुष्प के सामने भी किया था. असल में पुलकित आर्य पहले दिन से ही अंकिता पर बुरी नजर रखता था. यह बात अंकिता को भी महसूस होने लगी थी.
वीआईपी गेस्ट का जिक्र
पुलकित आर्य का असली चेहरा सामने आने के बाद अंकिता ने 17 सितंबर को ही ये फैसला कर लिया था कि वो 18 सितंबर को रिजॉर्ट से काम छोड़ कर चली जाएगी. इसी दौरान पुलकित ने उसे बताया कि 19 सितंबर को उनके रिजॉर्ट में एक वीआईपी गेस्ट आने वाला है. वह नहीं चाहता था कि अंकिता उस दौरान रिजॉर्ट से बाहर से जाए. मगर अंकिता 18 सितंबर की रात को ही गायब हो गई थी. इस बात खुलासा अंकिता के दोस्त पुष्प ने पुलिस और आजतक की टीम के सामने भी किया है.
पिता के दबदबे का फायदा
पुलकित के पिता विनोद आर्य उत्तराखंड के पुराने कद्दावर बीजेपी नेता हैं. एक वक्त वो उत्तराखंड के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इलाके में उनका अच्छा खासा दबदबा है. बाप की ऊंची पहुंच का फायदा पुलकित ने उठाया. अपराधी किस्म का पुलकित ने बाप के रसूख से ऋषिकेश में जंगलों के अंदर करीब 4 साल पहले एक रिजॉर्ट बनाया. जंगलों की खामोशी और तन्हाइयों के शौकीन सैलानियों के लिए उसका रिजॉर्ट एक बेहद खूबसूरत जगह थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से रिसॉर्ट के बिजनेस पर असर पड़ रहा था.
मेहमानों के कमरे में जाने का दबाव
जंगल के बिल्कुल अंदर रिजॉर्ट होने की वजह से भी इसके बारे में सैलानियों को कम ही जानकारी थी. ऐसे में रिजार्ट चलाने के लिए पुलकित ने दुनिया के सबसे पुराने धंधे को बढ़ाने का फैसला किया. इत्तेफाक से महीना भर पहले ही अंकिता वहां बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी करने आई थी. पुलकित ने अंकिता को अपना रिजार्ट चलाने के लिए उसी धंधे में धकेलने के लिए मजबूर किया. वो उससे सैलानियों के कमरे में जाने को कहता था. वो उसे मेहमानों को स्पा देने की बात भी करता था.
रिजॉर्ट के नाम पर जिस्मफरोशी
जो कुछ वहां हो रहा था, अंकिता उसके लिए तैयार नहीं थी. वो इस बारे में अपने मां-बाप को भी नहीं बता सकती थी. लेकिन उसने ये सारी बातें जम्मू में रहने वाले अपने दोस्त पुष्प को बताई थी. अंकिता ने जो चैट पुष्प के साथ की और जो जानकारी उससे शेयर की, वो अब सबूत के तौर पर पुलिस के पास है. यानी उत्तराखंड पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट और अंकिता के चैट से ये साफ है कि पुलकित रिजॉर्ट के नाम पर जिस्मफरोशी का अड्डा चला रहा था.
रिजॉर्ट में वीकेंड पर होती थीं पार्टियां
बाद में ये खुलासा भी हुआ कि रिजॉर्ट गैर कानूनी ढंग से बनाया गया था. वहां ठहरने के लिए टूरिस्ट कम आते थे. रिजॉर्ट ज्यादातर पार्टियों के लिए बुक होता था. रिजॉर्ट में करीब 13 कमरे हैं जबकि कुछ कमरे बन रहे थे. अमूमन पार्टी के लिए सारे कमरे बुक किए जाते थे. पार्टी भी ज्यादातर वीकेंड में हुआ करती थी.
रिजॉर्ट में खास प्रेसिडेंशियल सुइट
रिजॉर्ट में जिस्मफरोशी को बढ़ावा देने का मकसद लोगों को रिजार्ट में लाना था. एसआईटी जांच के दौरान अब पता चला है कि उसने अपने खास मेहमानों को खुश करने के लिए हर तरह का इंतजाम किया था. यहां तक कि वीआईपी मेहमानों के लिए उसके रिजॉर्ट में अलग से प्रेसिडेंशियल सुइट बनाया गया था, जिसमें ठहरने वाले वीआईपी को बेहद खास किस्म का ट्रीटमेंट दिया जाता था. इस बात का खुलासा खुद एसआईटी इंचार्ज डीआईजी पी रेणुका देवी ने किया है.
कौन था वीआईपी गेस्ट?
डीआईजी पी रेणुका देवी के मुताबिक मुख्य आरोपी पुलकित समेत रिजॉर्ट के सभी कर्मचारियों और इलाके के सभी राजस्व कर्मियों से पूछताछ की जा चुकी है और उनके बयान भी दर्ज किए जा जुके हैं. अंकिता के दोस्त दीप पुष्प के बयान भी दर्ज किए गए हैं. अब जांच पूरी तरह से रिजॉर्ट के वीआईपी मेहमनों की तरफ इशारा कर रही है. एसआईटी जानना चाहती है कि आखिर कौन हैं वो वीआईपी? इस मामले को लेकर अब तक की जांच में संदिग्ध कार का पता चला है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
घटनास्थल की तस्दीक
उत्तराखंड के यमकेश्वर में वनंतरा रिजॉर्ट की तमाम सीसीटीवी फुटेज और मौका-ए-वारदात के पुख्ता इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी जांच में जुटी एसआईटी के पास मौजूद हैं. एसआईटी प्रभारी डीआईजी (लॉ एंड ऑर्डर) पी रेणुका देवी ने आजतक बताया कि इस वारदात की SIT जांच काफी आगे तक पहुंच चुकी है. उनके मुताबिक पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों से घटनास्थल की तस्दीक एसआईटी करा चुकी है.
मौका-ए-वारदात से मिले हैं सबूत
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से एसआइटी को काफी सबूत मिले हैं. रिजॉर्ट में वीआईपी गेस्ट को लेकर डीआईजी ने बताया कि उस तरह के गेस्ट को लेकर जांच की जा रही है, जल्द ही इसकी जानकारी जुटाई जाएगी कि आखिर वो कौन लोग हैं, जो वहां जाते थे? इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ तीनों आरोपी हैं, जिन पर अंकिता भंडारी के कत्ल का इल्ज़ाम है. जबकि चौथा शख्स अंकिता का दोस्त पुष्प है, जिसकी वजह से शायद ये केस इतनी जल्दी खुल गया.
किसके कहने पर चला था बुलडोजर?
अंकिता भंडारी की मौत की वजह जितनी पेचीदा है, उससे भी ज्यादा पेचीदा सवाल है कि पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने का हुक्म किसने दिया था? राज्य का कोई भी ऐसा मंत्री या अफसर नहीं है, जिसे इस बात की जानकारी हो कि बुलडोज़र चलाने का फरमान कहां से आया था? इलाके के डीएम से लेकर एसपी तक को इस बात की जानकारी नहीं. ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि बुलडोज़र चलवाने वाला कौन था? और उसकी मंशा क्या थी?
सबूत मिटाने की कोशिश तो नहीं?
आखिर कौन था जिसने रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चलाने के लिए पीडबल्यूडी यानी पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के इंजीनियर को आदेश दिया? आखिर रातों-रात रिजॉर्ट पर बुलडोज़र चला कर कोई क्या हासिल करना चाहता था? कहीं ऐसा करके रिजॉर्ट में जुर्म के सबूत मिटाने की तो कोशिश नहीं की गई? रिजॉर्ट पर बुलडोज़र के सवाल पर क्यों पौड़ी के शासन-प्रशासन ने खामोशी ओढ़ रखी है?
बुलडोजर को लेकर सामने आए दो नाम
इस पूरे बवाल को समझने के लिए एक मोबाइल फोन की कॉल रिकॉर्डिंग का जिक्र करना ज़रूरी है, जिसमें बुलडोज़र चलाने को लेकर जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ और पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट इंजीनियर सत्यपकाश के बीच तीखी नोंक-झोंक हो रही है. इस मामले में स्थानीय विधायक और जिला पंचायत सदस्य आरोपी गौड़ का नाम ही सामने आ रहा है. हालांकि ये मामला जांच का विषय है.
कौन थी अंकिता?
अंकिता ने किया था होटल मैनेजमेंट का कोर्सउत्तराखंड के पौड़ी इलाके में एक गांव है श्रीकोट. उसी गांव में अंकिता पैदा हुई थी. अंकिता का परिवार वहीं रहता है. 12वीं पास करने के बाद अंकिता ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था. इस दौरान उत्तराखंड के लोग भी कोरोना की चपेट में थे. अंकिता और उसके परिवार पर भी इसका असर पड़ा. अब जब कोरोना का कहर थोड़ा कम होने लगा, तो उत्तराखंड में भी सैलानी वापस आने लगे थे. लिहाजा होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा करने के बाद पिछले महीने ही 18 अगस्त को अंकिता ने हरिद्वार से करीब 8 किलोमीटर दूर वनंतरा रिजॉर्ट में अपनी पहली नौकरी बतौर रिसेप्शनिस्ट ज्वाइन की.
अंकिता को ऐसे मिली थी नौकरी
ये रिजॉर्ट अंकिता के घर से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर था. मुझे लगा ये अंकिता के लिए अच्छा होगा. इसी के बाद मैंने पहली बार रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य उनके ऐड का हवाला देकर अंकिता की नौकरी की बात की. मगर पुलकित ने मुझजे ज्यादा बात नहीं की. उसने बस इतना कहा कि कैंडीडेट से कहो कि वो मुझसे डायरेक्ट बात करे. इसके बाद अंकिता ने पुलकित से बात की. इंटरव्यू के बाद पुलकित ने अंकिता को रिसेप्शनिस्ट का पोस्ट और दस हजार रुपये महीना सैलरी का ऑफर किया. अंकिता नौकरी के लिए तैयार हो गई.
अंकिता ने 3 सितंबर को ज्वाइन किया था रिजॉर्ट
इसके बाद 28 अगस्त को बाकी सारी फार्मेलिटी पूरी हो गई. अंकिता को तीन सितंबर को ज्वाइन करने के लिए कहा गया था. अंकिता अपनी पहली नौकरी से बहुत खुश थी. इसलिए भी क्योंकि उसका घर यहां से करीब था. मगर तीन सितंबर को जब वो रिजॉर्ट पहुंची तो पाया कि वहां उसके अलावा कोई और फीमेल स्टाफ नहीं है. इस बारे में जब उसने पुलकित से पूछा तो पुलकित ने बताया कि उसने होटल के सारे स्टाफ को कुछ वक्त पहले ही निकाल दिया है और अब नए स्टाफ की भर्ती कर रहा है.
क्या है पूरा मामला?
बताते चलें कि पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर स्थित गंगा भोगपुर में वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट 19 साल की अंकिता का शव शनिवार यानी 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से बरामद किया गया था. पुलिस ने इस मामले में एक दिन पहले ही 23 सितंबर को तीन आरोपियों-रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तार आरोपियों ने उसे नहर में धकेलकर हत्या करने की बात स्वीकार की थी.
परवेज़ सागर / अंकित शर्मा