कोरोना: 12 साल से ऊपर के बच्चों पर मॉडर्ना की वैक्सीन के प्रभावी होने का दावा, जानिए ट्रायल के क्या रहे थे नतीजे

कोरोना के संकट के बीच अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि उनकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर है. ऐसे में कंपनी ने ट्रायल को लेकर क्या जानकारी दी है, एक नज़र डालें...

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12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर मॉडर्ना की वैक्सीन (फोटो: रॉयटर्स) 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर मॉडर्ना की वैक्सीन (फोटो: रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST
  • कोरोना संकट के बीच राहत की खबर
  • मॉडर्ना की वैक्सीन बच्चों पर भी कारगर
  • जल्द ही इस्तेमाल की मिल सकती है मंजूरी

कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. अभी तक अधिकतर देशों में 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जा रहा है. लेकिन अब आने वाले चरणों में बच्चों पर कोरोना का खतरा बताया जा रहा है, ऐसे में वैक्सीन बनने का काम शुरू हो गया है. 

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि उनकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों पर कारगर है. ऐसे में कंपनी ने ट्रायल को लेकर क्या जानकारी दी है, एक नज़र डालें...

कितने बच्चों पर किया गया है ट्रायल?
कंपनी ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी वैक्सीन 12 साल से 17 साल के उम्र वाले बच्चों पर कारगर साबित हुई है. कंपनी द्वारा पहले ही 18 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों के लिए वैक्सीन को बाज़ार में उतारा जा चुका है. 

मॉडर्ना ने 12 से 17 साल के उम्र वाले करीब 3732 बच्चों पर फेज़ 2 और फेज़ 3 का ट्रायल किया. ये सारे ट्रायल अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में किए गए हैं, ट्रायल के बाद सामने आया है कि बच्चों के शरीर में वैक्सीन लगने से इम्युन सिस्टम मजबूत हुआ है, जो वायरस का मुकाबला कर सकता है. 

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क्या कहते हैं ट्रायल के आंकड़े?
अगर आंकड़ों को देखें, तो बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज़ देने के बाद सफलता का रेट करीब 93 फीसदी रहा. ये असर डोज़ के 14 दिनों में दिखाई दिया, इस दौरान किसी को कोई बड़ी दिक्कत नहीं आई. 

हालांकि, वैक्सीन लगने के बाद इंजेक्शन लगने वाली जगह पर कुछ दर्द या दूसरी डोज़ लगने के बाद सिरदर्द, शरीर में कुछ दर्द महसूस किया गया. मॉडर्ना का कहना है कि अभी ट्रायल जारी है, ऐसे में अंतिम नतीजे आने तक सफलता का प्रतिशत कुछ बदल भी सकता है. ट्रायल के अंदर उन बच्चों को लिया गया, जिनमें कोरोना के एक या दो लक्षण थे और उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव थी.

बाजार में कबतक आ पाएगी वैक्सीन?
मॉडर्ना ने अपनी प्रेस रिलीज़ में कहा है कि अभी उन्होंने रिसर्च का फाइनल डाटा पब्लिश नहीं किया है. कंपनी अब अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में ट्रायल के नतीजे सौंपेगी. ये डाटा जून के शुरूआती दिनों में सौंपा जाएगा और इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी जाएगी. 

गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना का असर बच्चों पर काफी ज्यादा दिख रहा है, एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां कोरोना से 300 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में पहले ही फाइज़र की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, जो 12 से 17 साल के बच्चों को दी जा रही है, अमेरिका के अलावा कनाडा ने भी फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दी थी. 

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