कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रचार पर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने लिखी चिट्ठी, कहा- हमें लांछित ना करें

इस पत्र पर एम्स के पूर्व निदेशक टीडी डोगरा, मणिपाल एजुकेशन और मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पाई समेत 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने दस्तखत किए हैं.  

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16 जनवरी से देश में टीकाकरण शुरू हो रहा है (फाइल फोट) 16 जनवरी से देश में टीकाकरण शुरू हो रहा है (फाइल फोट)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST
  • पत्र पर 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने दस्तखत किए हैं
  • कहा- ऐसे बयानों से वैज्ञानिक समुदाय की साख पर असर पड़ता है

देश के कई डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे दुष्प्रचार के खिलाफ खुला पत्र लिखा है. उनका कहना है कि भारत वैक्सीन आपूर्ति में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरा है. हमारी वैक्सीन 188 देशों में वैक्सीन निर्यात की जाती है. फिर भी कुछ लोग मीडिया में बयान देकर भारत के वैज्ञानिक समुदाय को लांछित कर रहे हैं और कोविड वैक्सीन को लेकर राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं. 

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ऐसे बयानों से भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की साख पर असर पड़ता है जिन्होंने भारतीय वैक्सीन को दुनिया भर में निर्यात लायक बनाने के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया. हमारी देशवासियों से अपील है कि क्षुद्र तत्वों द्वारा किए जा रहे राजनीतिकरण के प्रयासों को खारिज करें और हमारे देश के वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और वैज्ञानिक समुदाय को कलंकित करने के प्रयासों में न आएं.

इस पत्र पर एम्स के पूर्व निदेशक टीडी डोगरा, मणिपाल एजुकेशन और मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पाई समेत 49 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और मेडिकल प्रोफेशनल ने दस्तखत किए हैं.

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पत्र में लिखा गया है कि SII पुणे की वैक्सीन कोविशील्ड पहले, दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से गुजरी है. इसका परीक्षण 23, 475 प्रतिभागियों पर किया गया. इसकी क्षमता 70.42% पाई गई और इसके इमरजेंसी यूज के लिए डीसीजीआई ने अनुमति दी है. सीरम इंस्टीट्यूट ने डीसीजीआई से लाइसेंस लेकर 4 करोड़ डोज बनाए हैं. 

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वहीं, भारत बायोटैक ने ICMR और NIV पुणे की साझेदारी में वैक्सीन विकसित की है. ये वैक्सीन वीरो सैल प्लेटफॉर्म पर बनाई गई है, जिसकी सुरक्षा और कारगरता का देश और दुनिया में शानदार रिकॉर्ड है. तीसरे चरण के लिए 22000 वॉल्यूटियर ने पंजीकरण कराया है. विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के अनुसार डीजीसीआई ने इन दोनों वैक्सीन को अनुमति दी है.

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