मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित जेपी हॉस्पिटल में डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया था. मामला कांग्रेस नेताओं से बहस से जुड़ा था. कोरोना से युवक की मौत के बाद वहां पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने डॉक्टर के साथ बदसलूकी की, उससे नाराज डॉक्टर ने यह कदम उठा लिया. इस मामले को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने आज रविवार को इस बारे में डॉक्टर से बात की, जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया.
ये है पूरा मामला
भोपाल के जेपी अस्पताल में युवक की मौत से गुस्साए परिजनों ने हंगाम किया. वहीं युवक की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान अस्पताल पहुंच गए थे. इन लोगों की डॉक्टर से तीखी बहस हुई. इस हंगामे के बाद मरीज का इलाज करने वाले डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने अपने साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा कर पद से इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा दिए जाने के बाद सवाल खड़े होने लगे. मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत ही ट्वीट करते हुए घटना की निंदा की, तो वहीं इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आरपी चौधरी ने आज डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव से बात की.
इस्तीफा लिया वापस
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए आज जानकारी दी है कि भोपाल के जेपी अस्पताल में कार्यरत डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आरपी चौधरी के आग्रह के बाद अपना त्यागपत्र वापस लिया है. डॉ. श्रीवास्तव जैसे अनेक #CoronaWarriors जिस सेवाभाव के साथ कार्य कर रहे हैं, उसकी व्याख्या शब्दों में नहीं की जा सकती है.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि 'मैं डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव का पुनः स्वागत करता हूं और सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि धैर्य रखें, संयम बरतें, हम मिल-जुलकर #COVID19 को खत्म करेंगे.'
रवीश पाल सिंह