ये 4 बड़े कारण... और शेयर बाजार में मचा है हाहाकार, सिर्फ 3 दिन में 13 लाख करोड़ स्वाहा!

Share Market Fall Reasons: अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में अनिश्चितता और वैश्विक व्यापार तनाव ने निवेशकों का भरोसा कम किया है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से डील को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

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शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट. (Photo: File) शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट. (Photo: File)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में  लगातार तीसरे दिन सोमवार को गिरावट दर्ज की गई. इन तीन दिन के दौरान सेंसेक्स (Sensex) 2000 अंक से ज्यादा टूट चुका है, जबकि निफ्टी 25200 अंक से फिसलकर 24,646.60 अंक तक पहुंच गया. यानी पिछले तीन सत्र में सेंसेक्स 2.42 फीसदी और निफ्टी करीब 550 अंक गिर चुका है. इन तीन दिनों में निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं.

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दरअसल, इस गिरावट से शेयर बाजार में हाहाकार मचा है, एक्सपर्ट की मानें तो शेयर बाजार में लगातार गिरावट के चार बड़े कारण हैं. 

1. कमजोर तिमाही नतीजे. 
2. अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील में देरी.
3. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली. 
4. बाजार का हाई वैल्यूवेएशन. 

पहला: वैसे तो पिछले करीब एक साल से बाजार में दबाव देखा जा रहा है. लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही से कंपनियां बेहतर नतीजे पेश कर सकती हैं. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. जिससे बाजार में दबाव हावी हो रहा. खासकर देश की बड़ी IT कंपनियों ने अपने नतीजे से बाजार का मूड बिगाड़ा है. इसके अलावा बड़े बैंकों के नतीजे भी निराश कर रहे हैं. 

अगर सोमवार की बात करें तो बाजार पर Kotak Mahindra Bank के कमजोर नतीजों का असर साफ दिखा. BSE 30 में सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर कोटक महिंद्रा बैंक के रहे. शेयर 7.34% गिरकर 1968.70 रुपये पर बंद हुआ. एमके ग्लोबल ने बड़ी कंपनियों के रिजल्ट को 'साधारण' करार दिया है.

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दूसरा: अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में अनिश्चितता और वैश्विक व्यापार तनाव ने निवेशकों का भरोसा कम किया है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से डील को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. खासकर वो सेक्टर्स दबाव में हैं, जिनका बड़ा कारोबार अमेरिका में है, यानी रेवेन्यू अमेरिका से आती है. हालांकि अमेरिका ने 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले भारत के साथ एक मिनी ट्रेड डील होने की संभावना जताई है. लेकिन अब इस समयसीमा के पूरा होने में बहुत कम समय बचा है.

तीसरा: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में 6,503 करोड़ रुपये की घरेलू शेयर बिकवाली की, जबकि पिछले सप्ताह नकद बाजार में 13,552 करोड़ रुपये की बिकवाली ने कमजोरी को और बढ़ाया. 

चौथा: निफ्टी-50 का फॉरवर्ड PE अनुपात औसत से ऊपर पहुंच गया है, जिससे इन्क्रेड इक्विटीज ने सूचकांक के समेकन की चेतावनी दी. इन्क्रेड इक्विटीज ने मार्च 2026 के लिए निफ्टी-50 का लक्ष्य 25,412 रखा, जो केवल 1 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है. उनका मानना है कि त्योहारी सीजन में आर्थिक सुधार के स्पष्ट संकेत मिलने तक बाजार स्थिर या कमजोर रहेगा. वैश्विक भू-राजनीतिक और व्यापारिक तनाव प्रमुख जोखिम हैं.

जियोजित इनवेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने सुझाव दिया कि निवेशक सतर्क रहें और इंडेक्स के मुकाबले स्टॉक पर फोकस करें. उन्होंने ICICI बैंक और HDFC बैंक जैसे बड़े बैंकों में निवेश की सलाह दी, जिनके नतीजे मजबूत रहे हैं.

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सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर 

सोमवार को गिरने वाले शेयरों की बात करें तो कोटक महिंद्रा बैंक के अलावा, बजाज फाइनेंस में 3.66 फीसदी, विप्रो में 3.53 फीसदी, एयरटेल में 2.35 फीसदी और टाइटन में 2.11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मिडकैप में SBI कार्ड्स के शेयर करीब 6 फीसदी टूटे, सुजलॉन के शेयरों में करीब साढ़े 4 फीसदी की गिरावट और होम फर्स्ट के शेयर 6.75 फीसदी गिरकर बंद हुए. 
(नोट: निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें)
 

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